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Combe five vaccine: पांच बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है ये वैक्सीन!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/12/2021

    Combe five vaccine: पांच बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है ये वैक्सीन!

    टीकाकरण की प्रक्रिया बच्चों को एक नहीं बल्कि कई बीमारियों से बचाने का काम करती है। समय पर टीका लगवाने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हो जाती है। कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) भी ऐसी ही वैक्सीन है। ऐसी बहुत सी बीमारिया होती हैं, जिनका लोग कम ही नाम जानते हैं लेकिन ये जानलेवा हो सकती है। इनसे निपटने का एकमात्र ही तरीका है कि बच्चों को समय पर टीका लगवाया जाए। डिप्थीरिया ( Diphtheria), काली खांसी (pertussis), टेटनस (Tetanus), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी रोग (Haemophilus influenzae type B disease) आदि रोगों से बच्चों को बचाने के लिए समय पर टीकाकरण होना बहुत जरूरी है।

    टीका न लगने की स्थिति में बच्चों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता इन बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार नहीं हो पाती है। बच्चों को इन बीमारियों से लड़ने के लिए अलग-अलग वैक्सीन की नहीं बल्कि एक ही वैक्सीन काफी होती है। जी हां! हम बात कर रहे हैं कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) के बारे में। कॉम्बी फाइव वैक्सीन पांच बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) वैक्सीन काम करती है और किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है।

    कॉम्बी फाइव वैक्सीन का इस्तेमाल एक्टिव इम्युनाइजेशन (Active immunization) के लिए किया जाता है। कॉम्बी फाइव वैक्सीन के नाम से ही पता चल जाता है कि ये वैक्सीन एक साथ पांच बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है। ये वैक्सीन डिप्थीरिया ( Diphtheria), काली खांसी (Pertussis), टेटनस  (Tetanus), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी रोग (Haemophilus influenzae type B disease) के प्रति सुरक्षा प्रदान करता है। कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe Five Suspension) छह साल से कम के बच्चों को दी जाती है।

    डिप्थीरिया (Diphtheria) बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है, जो कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरिया की वजह से होती है। ये बीमारी गले को प्रभावित करती है। वहीं टेटनस  की बीमारी के कारण मसल्स और नसों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। चोट लगने पर टिटनेस का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में कांली खांसी बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है, जिससे नाक और गला प्रभावित होते हैं। काली खांसी बॉर्डेटेला पर्टुसिस (Bordetella pertussis) बैक्टीरिया के कारण होती है।इसे रोकने के लिए सही समय पर वैक्सिनेशन बहुत जरूरी है। हेपेटाइटिस बी के कारण लिवर को नुकसान पहुंचता है। अगर इसके लिए वैक्सीन न ली जाए, तो बीमारी के लक्षण न दिखने की स्थिति में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी रोग ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) इम्यून सिस्टम (Immune system) में एंटीबॉडीज को बनाती है, जो रोगों से लड़ने का काम करता है।

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    कॉम्बी फाइव वैक्सीन के फायदे (Benefits of Combe five vaccine)

    कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe Five Suspension) को 5 इन वन वैक्सीन भी कहा जा सकता है क्योंकि ये एक वैक्सीन पांच बीमारियों से लड़ने का काम करती है।

    इसके पांच डोज बच्चों को दिए जाते हैं। तीन डोज (DTP) बचपन (Infant) में लगाए जाते हैं, जबकि टिटनेस बूस्टर डोज पांच साल में दिए जाते हैं। बाकी बचे दो बूस्टर डोज 10 साल और 16 साल की उम्र में दिए जाते हैं। टिटनेस प्रोफिलैक्सिस (Tetanus prophylaxis) की जरूरत चोट के प्रकार पिछले टीकाकरण के समय पर निर्भर करती है। अगर बूस्टर लगने के पांच साल के अंदर चोट लगती है, तो ऐसे में टिटनेस इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं पड़ती है। आपको इस बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर से प्राप्त करनी चाहिए।

    डिप्थीरिया टॉक्सोइड ( Diphtheria Toxoid) का इस्तेमाल डिप्थीरिया के लिए, टेटनस टॉक्सॉइड का इस्तेमाल टेटनस के लिए और पर्टुसिस टॉक्सोइड ( Pertussis Toxoid) इस्तेमाल कांली खांसी के लिए किया जाता है। आडीएनए का इस्तेमाल हेपेटाइटिस बी इंफेक्शन (Hepatitis B infection) से बचाने का काम करता है। डीपीटी के टीका बच्चे को 6 सप्ताह से लगता है। आपको डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद पांच खुराकों की तारीख के बारे में जान लेना चाहिए। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है।

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    कॉम्बी फाइव वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Comb Five Vaccine Side Effects)

    कॉम्ब फाइव वैक्सीन लेने से शरीर में कुछ दुष्प्रभाव या फिर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको सारे साइड इफेक्ट्स नजर आएं। इंजेक्शन के बाद एलर्जिक रिएक्शन, सिरदर्द (Headache), थकान (Fatigue), इंजेक्शन के स्थान में दर्द, चक्कर आना (Dizziness), कमजोरी लगना (Weakness), पेट में दर्द होना, बैक पेन, मसल्स में मरोड़, फीवर, सूजन आना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको वैक्सीन लगवाने के बाद किसी भी तरह की समस्या नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन या लाल होने से घबराने की बजाय आपको कॉटन की मदद से सहलाना चाहिए। कुछ देर बार वो ठीक हो जाएगा। आपको बिना जानकारी लिए बच्चे को बुखार की दवा नहीं देनी चाहिए। जब भी वैक्सिनेशन कराएं, डॉक्टर से उसके दुष्रभाव के बारे में जानकारी लें और साथ ही जरूरी दवाओं के बारे में भी पूछ लें।

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    कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) की कीमत

    कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) की एक डोज की कीमत 635 है। कीमत में कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी लें।

    वैक्सिनेशन कराने से पहले डॉक्टर से वैक्सीन के संबंध में जरूरी जानकारी लें। वैक्सिनेशन कार्ड में दिए गए वैक्सीन की तारीख के हिसाब से आप बच्चे का वैक्सिनेशन करा सकते हैं। वैक्सिनेशन डेट को लेकर कोई भी समस्या हो, तो डॉक्टर से जानकारी लें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह उपलब्ध नहीं कराता है। यहां आपको कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) के संबंध में जानकारी दी गई है।

    वयस्कों को वैक्सीन लेने के बाद ड्राइव नहीं करना चाहिए। साथ ही वैक्सीन के बाद एल्कोहॉल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। वैक्सीन के शराब का सेवन करने से बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अगर बच्चे को कोई बीमारी है, तो इस बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।

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    हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कॉम्बी फाइव वैक्सीन (Combe five vaccine) के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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