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सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा : चोट बन सकती है वातस्फीति के इस प्रकार का कारण!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा : चोट बन सकती है वातस्फीति के इस प्रकार का कारण!

    एम्फिसीमा फेफड़ों से जुड़ी एक समस्या है। इसमें फेफड़ों के एयर सैक्स (Air Sacs) को नुकसान होता है और टिश्यूज धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। जैसे यह बीमारी बढ़ती है, वैसे ही प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने और रोजाना के काम करने में भी समस्या होने लगती है। एम्फिसीमा के कई प्रकार हैं, जिनमें से एक है सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema)। आज हम एम्फिसीमा यानी वातस्फीति के इसी प्रकार के बारे में बात करेंगे। जानिए क्या है सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा। इसके साथ ही इसके उपचार के बारे में भी जानें।

    क्या है सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा? (Subcutaneous Emphysema)

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) को सर्जिकल एम्फिसीमा (Surgical Emphysema) के नाम से भी जाना जाता है। यह उस स्थिति को कहा जाता है त्वचा के नीचे गैस जमा हो जाती है। एम्फिसीमा का अर्थ होता है एयर और सबक्यूटेनियस हवा के स्थान के संदर्भ में है। एम्फिसीमा का यह प्रकार अन्य एम्फिसीमा की तरह नहीं है और यह बीमारी स्मोकिंग के कारण भी नहीं होती। यह बीमारी किसी मेडिकल प्रोसीजर, सर्जरी, एक्सीडेंट, इंजरी या इंफेक्शन के कारण हो सकती है। आइए, जानते हैं एम्फिसीमा के इस प्रकार के बारे में विस्तार से। शुरू करते हैं इसके लक्षणों से।

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    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा के लक्षण कौन से हैं? (Symptoms of Subcutaneous Emphysema)

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा की समस्या अधिकतर छाती, गर्दन या चेहरे पर होती है। क्योंकि, यह सब अंग लंग्स के नजदीक होते हैं। हालांकि, यह परेशानी शरीर के अन्य अंगों में भी हो सकती है। यही नहीं, महिलाओं की तुलना में पुरुष इस समस्या का अधिक शिकार होते हैं। सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के हल्के मामलों में प्रभावित व्यक्ति कई बार कोई भी लक्षण अनुभव नहीं करता है। लेकिन गंभीर मामलों में इसके लक्षण बेहद बैचैन करने वाले और इन मामलों में अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। इसके लक्षण अंडरलेयिंग कारणों और यह समस्या कौन से अंग में है, इस पर भी निर्भर करते हैं। सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) से पीड़ित व्यक्ति यह लक्षण अनुभव कर सकता है:

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा

    जब त्वचा को छुआ जाता है, तो इससे एक अजीब आवाज आ सकती है। इसे क्रेपिटस (Crepitus) कहा जाता है। इससे डॉक्टरों को इस कंडीशन के निदान में मदद मिलती है। इसलिए  सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) को छाती का क्रेपिटस (Chest Crepitus) भी कहा जाता है । 

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    इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के गंभीर मामलों में यह समस्या पेसमेकर फेलियर (Pacemaker Failure), रेस्पिरेटरी फेलियर (Respiratory Failure) आदि का कारण भी बन सकती है। सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा के कारणों के बारे में जान लेते हैं अब।

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा के कारण क्या हैं? (Causes of Subcutaneous Emphysema)?

    हमारी त्वचा की तीन परतें होती हैं। सबसे बाहरी परत को एपिडर्मल (Epidermis) कहा जाता है, उसके नीचे डर्मिस (Dermis) और फिर सबक्यूटेनियस लेयर होती है जो ज्यादातर वसा और कनेक्टिव टिश्यू से बनी होती है। यह वही परत है, जहां सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के मामले में हवा जमा होती है। यह एक दुर्लभ स्थिति है। लेकिन जब यह समस्या होती है, इसके संभावित कारण यह हो सकते हैं:

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    यह स्थिति इन चीजों से भी उत्पन्न हो सकती है:

    कुछ मेडिकल प्रक्रियाओं के दौरान शरीर में ट्यूब डाली जाती है इसमें एंडोस्कोपी (Endoscopy), सेंट्रल वेनस लाइन (Central Venous Line),  ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) आदि शामिल है। एयर, गैस गैंग्रीन (Gas Gangrene) या स्कूबा डायविंग (Scuba Diving) के बाद बाजुओं और टांगों आदि की स्किन लेयर्स के बीच में पाई जा सकती है। जानिए किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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    डॉक्टर की सलाह कब लें?

    मेडलाइन प्लस (Medline Plus) के अनुसार सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के कारण होने वाली कई  स्थितियां गंभीर होती है और इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से उपचार कराना चाहिए। कई बार अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति भी आ सकती है। ऐसा अधिकतर तब होता है जब समस्या इंफेक्शन के कारण हो। इसलिए रोगी में इन पैरामीटर्स को मापें और मॉनिटर करें और अगर इनमें आपको अधिक बदलाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। यह पैरामीटर्स इस प्रकार हैं:

    अगर किसी व्यक्ति को यह समस्या है तो प्रभावित व्यक्ति को इस स्थिति में फ्लूइड न दें। व्यक्ति को तब तक न हिलाएं जब तक बहुत आवश्यक न हो। हिलाते समय गर्दन और पीठ को आगे की चोट से बचाएं। इसके साथ ही तुरंत मेडिकल हेल्प लें।

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    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा का निदान (Diagnosis of Subcutaneous Emphysema)

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। हेल्थ हिस्ट्री और शारीरिक जांच भी की जा सकती है। इसके अलावा डॉक्टर आपको यह टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं:

    • एक्स-रे (X-Ray) : छाती और पेट का एक्स-रे और शरीर के अन्य भागों का भी एक्स-रे जिनमें चोट लगी है। 
    • कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (CT Scan) : इससे सबक्यूटेनियस लेयर में एयर के डार्क पॉकेट्स दिख सकती है। यही नहीं, इससे एयर के सोर्स को पहचानने में भी मदद मिल सकती है।
    • लैरिंगोस्कोपी या ब्रोंकोस्कोपी (Laryngoscopy or Bronchoscopy) : अगर ऐसा लगता है कि यह समस्या किसी चोट के कारण हुई है तो लैरिंगोस्कोपी या ब्रोंकोस्कोपी कराई जा सकती है।
    • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

    कई बार सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के कारण होने वाली समस्या एडिमा को अन्य कंडीशंस समझ लिया जाता है जैसे एलर्जिक रिएक्शंस। लेकिन, सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा की स्थिति में क्रेपिटस का होना और होंठ की सूजन का न होना इन दोनों के बीच में अंतर करने के लिए पर्याप्त है। इससे डॉक्टर  को इन स्थितियों के बीच अंतर करने में मदद मिल सकती है।

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    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा का उपचार (Treatment of Subcutaneous Emphysema)

    अगर रोगी को कोई गंभीर कॉम्प्लीकेशन्स नहीं हैं, तो सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) की समस्या आमतौर पर दस दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन इस सही उपचार के लिए यह निर्धारित करना बेहद जरूरी है कि इस समस्या का कारण क्या है और उसका इलाज किस तरह से संभव है। इस तरह से हो सकता है इस रोग का ट्रीटमेंट:

    • इस रोग के लक्षण और सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) में होने वाली बेचैनी को कंट्रोल करना भी जरूरी है। सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा यानी सर्जिकल एम्फिसीमा के मायनर मामलों में आप किसी तरह की बेचैनी महसूस नहीं करते हैं। लेकिन, गंभीर मामले परेशानी भरे हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में दर्द दूर करने वाली दवाइयां आदि प्रयोग में लाई जा सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें। 
    • इसके उपचार के रूप में हायली कंसन्ट्रेटेड ऑक्सीजन (Highly Concentrated Oxygen) भी दी जा सकती है।  क्योंकि, यह सबक्यूटेनियस एयर को अधिक तेजी से अवशोषित करने में मदद करती है।
    •  सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के गंभीर मामलों में आपको सर्जिकल ट्रीटमेंट या ड्रेन्स की इंसर्शन (Insertion of Drains) की जरूरत भी हो सकती है। 
    • कई बार एयर को निकालने के लिए चेस्ट ट्यूब की इंसर्शन भी जरुरी होती है। कुछ मामलों में शरीर के अन्य हिस्सों में छोटे चीरे लगाए जा सकते हैं या अतिरिक्त हवा से छुटकारा पाने के लिए सुई या कॅथेटर्स (Catheters) का उपयोग किया जा सकता है।

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) से होने वाली संभावित घातक जटिलताओं के बावजूद ये वास्तव में काफी दुर्लभ हैं। अधिकांश मामलों में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। जानिए एम्फिसीमा से आप कैसे बच सकते हैं?

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    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा

    एम्फिसीमा से बचाव के तरीके How to prevent emphysema

    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा, एम्फिसीमा का ही एक प्रकार है जिससे बचाव संभव है। कई मामलों में अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर के भी आप इस समस्या से बच सकते हैं। इसके जोखिम को कम करने के लिए आप, इन चीजों से बचें:

    अगर इस समस्या की आपके परिवार में हिस्ट्री है तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

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    सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा  (Subcutaneous Emphysema)के हल्के मामलों में परेशान होने की जरूरत नहीं होती लेकिन, कुछ मामलों में चेहरे पर सूजन या टिश्यू नेक्रोसिस (Tissue Necrosis) के कारण खुद में आए बदलाव के कारण रोगी को परेशानी हो सकती है। लेकिन, इस स्थिति में याद रखना चाहिए कि यह बदलाव जल्दी ही ठीक हो जाते हैं। रोगी सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के अंडरलायिंग कारणों के आधार पर अन्य हेल्थ चैलेंजेज का सामना भी कर सकते हैं जो परेशान करने वाली भी हो सकती हैं। ऐसे में आप डॉक्टर के साथ-साथ अपने परिवार और दोस्तों का भी सपोर्ट लें ताकि वो आपको इमोशनल सहारा दे सकें। सबक्यूटेनियस एम्फिसीमा (Subcutaneous Emphysema) के मामले में इससे बचाव के लिए आपको खुद को चोट लगने से बचाना होगा, क्योंकि यही इस समस्या का मुख्य कारण है। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाए रखें संतुलित और अच्छा भोजन खाएं, व्यायाम करें, तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लेना न भूलें। अगर आपको इस समस्या का कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

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