अपने बेडरूम में जैस्मिन यानी चमेली के पौधे को खिड़की के पास रखें। इससे उसे हल्की रोशनी मिलती रहेगी और पौधा दीवार के सहारे बड़ा हो सकता है। साथ ही इस पौधे को बहुत ज्यादा पानी देने की भी जरूरत नहीं है। अगर आप बहुत ज्यादा पानी देंगे तो ये पौधा खराब हो सकता है। कुछ दिनों के बाद आप पाएंगे कि आपकी नींद पहले से अधिक सुकून भरी हो गई है। साथ ही सुबह उठने पर अच्छी महक और खूबसूरत फूलों की वजह से आपका दिन भी अच्छा जाएगा।
डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर आप सुबह उठकर या फिर रात को सोने से पहले किसी प्राकृतिक जगह पर जाते हैं तो आपका मन शांत रहता है और शरीर भी स्वस्थ रहता है। जैसे कि रात के खाने के बाद टहलने जाना या फिर सुबह उठकर जैस्मिन या किसी भी और फूल या पौधे को देखना। इससे सुबह उठते ही आपको राहत का अहसास होगा और दिन की शुरुआत अच्छी होगी।
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अवसाद की परेशानी को दूर करने के लिए जैस्मिन का फ्लाॅवर मददगार साबित हो सकता है लेकिन, डिप्रेशन के लक्षणों को समझना भी जरूरी है। इसलिए सझने की कोशिश करते हैं कि क्या हैं अवसाद के लक्षण?
- डिप्रेशन के शिकार हुए व्यक्ति में सबसे ज्यादा नजर आने वाली परेशानी है नींद न आना। नींद न आने की स्थिति कई शारीरिक परेशानी भी शुरू कर सकती है और ऐसी परिस्थिति में डिप्रेशन की समस्या बढ़ भी सकती है।
- वैसे तो कई बार अवसाद से पीड़ित व्यक्ति खाने-पीने में लापरवाही बरतते हैं, लेकिन कई बार संतुलित आहार लेने के बाद भी हमेशा कमजोरी महसूस करना इन परेशानियों में शामिल हो सकती है। यह भी ध्यान रखें कि डिप्रेशन की वजह से भूख नहीं लगती है या फिर ज्यादा भूख भी लग सकती है। इसके साथ ही दिमाग और शरीर का सुस्त रहना। किसी से बात नहीं करना और लोगों से मिलना जुलना पसंद नहीं करना।
- अवसाद की समस्या झेल रहे लोग चिड़चिड़ाहट, घबराहट या फिर किसी न किसी बात को लेकर अक्सर चिंता में रह सकते हैं। दरअसल इस तरह की चिंता डिप्रेशन के लक्षणों में से एक है।
- ऑफिस, घर या किसी अन्य काम में फोकस नहीं कर पाना। डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति किसी भी काम को करने में असमर्थ होते हैं।
- डिप्रेशन की वजह से व्यक्ति में नकारात्मक सोच का घर कर लेना भी हो सकता है। परिस्थिति कैसी भी हो लेकिन, हर वक्त नेगेटिव सोचना और अपने आपको अकेला महसूस करना इनके स्वभाव में शामिल हो जाता है।
- कई बार ऐसा भी देखा गया है कि महिलाएं अगर अवसाद की शिकार होती हैं, तो वे ज्यादा नशा करने लगती हैं।
- अगर इन लक्षणों के साथ-साथ अन्य लक्षण अगर आपके किसी करीबी में हैं तो उनसे बात करें और उनकी परेशानी समझने की कोशिश करें। अगर अवसाद के लक्षण नजर आ रहे हैं तो इस नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता है। क्योंकि डिप्रेशन को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। इसकी वजह यह है कि कभी-कभी लोग इतने डिप्रेस्ड हो जाते हैं कि वे आत्महत्या भी कर लेते हैं।