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डिप्रेशन के लिए थेरिपी: लाइट थेरिपी (Light Therapy)
लाइट थेरिपी को फोटोथेरिपी के रूप में भी जाना जाता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) की वजह से लोग सर्दियों के दौरान डिप्रेस्ड महसूस करने लगते हैं। इसे सीजनल डिप्रेशन भी कहा जाता है। ऐसे में डिप्रेशन को दूर करने में लाइट थेरिपी काफी हद तक मददगार साबित होती है। इस थेरिपी में शरीर को कुछ खास कृत्रिम लाइट्स के संपर्क में लाया जाता है जिससे शरीर को मौसम के अनुसार सामंजस्य बिठाने में मदद मिलती है। इससे डिप्रेशन के लक्षण को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा स्लीप डिसॉर्डर और अन्य प्रकार के अवसाद के इलाज में भी लाइट थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है।
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डिप्रेशन के लिए थेरिपी: म्यूजिक थेरिपी (Music Therapy)
म्यूजिक थेरिपी का इस्तेमाल थेरेपिस्ट डिप्रेशन को कम करने के लिए करते हैं। 2011 के ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकाइट्रिस्ट (The British Journal of Psychiatry) में छपे एक आर्टिकल में ये बताया गया कि 18 से 50 वर्ष की आयु के 79 लोगों पर हुई रिसर्च के अनुसार 33 लोगों को अवसाद के उपचार के साथ-साथ संगीत थेरिपी का भी उपयोग किया गया और परिणाम में देखा गया कि ऐसे लोग 20 गुना तेजी से ठीक हुए। दरअसल, म्यूजिक सुनने से दिमाग और बॉडी शांत होती और हार्मोन डोपामाइन का स्तर बढ़ता है। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमिटर (neurotransmitter) जो ब्रेन में मौजूद तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के बीच सिग्नल्स को भेजने के लिए जिम्मेदार होता है। म्यूजिक थेरिपी डिप्रेशन कम करने के साथ ही पार्किंसन (Parkinson) और अल्जाइमर के उपचार (Alzheimer) में भी मददगार साबित होती है।
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रिसर्च क्या कहती है?
कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि डिप्रेशन के लिए संगीत थेरिपी खासतौर पर तेज रिदम वाला संगीत आपके दिल और सांसों को प्रभावित करता है। यह आपके हार्ट रेट को प्रभावित करता है, जिससे आप रिलेक्स महसूस करते हैं। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि इसकी वजह से एंडॉर्फिन्स भी रिलीज होते हैं, जाे नेचुरल पेनकिलर का काम करते हैं। इसके अलावा यह मसल टेंशन को कम करके भी आपको आराम पहुंचाता है।
डिप्रेशन के उपचार में संज्ञानात्मक व्यवहार थेरिपी (Cognitive behavioral therapy) के साथ ही अगर मेडिटेशन (Meditation), योग (Yoga), एक्यूपंक्चर (Acupuncture) आदि का सहारा लिया जाए तो अवसाद, चिंता और तनाव में सुधार जल्दी आ सकता है।
डिप्रेशन सबसे गंभीर मानसिक समस्याओं में से एक है। WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) की मानें तो अवसाद की स्थिति खराब होने पर, यह आत्महत्या का कारण भी बन सकती है। इसलिए डिप्रेशन के लक्षणों को जल्द से जल्द पहचानकर अवसाद के उपचार शुरू कर देने चाहिए। डॉक्टर आपको डिप्रेशन के लिए थेरिपी के साथ-साथ की सलाह दे सकते हैं।
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