ओट्स में कंप्लीट न्यूट्रिएंट मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद फाइबर बीटा-ग्लुकॉन (Fiber Beta Glucan) सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। ओट्स में अन्य अनाजों की तुलना में सबसे ज्यादा प्रोटीन मौजूद होता है। प्रोटीन के अलावा इसमें विटामिन (Vitamin), मिनिरल्स (Minerals) और एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) भी मौजूद होते हैं। इसलिए इसका सेवन करना लाभकारी माना जाता है। ब्लोटिंग के दौरान प्रीबायोटिक्स के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है।
ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : नट्स (Nuts)
बादाम, मैकडेमिया नट्स, पिस्ता, काजू एवं अखरोट (Walnut) का सेवन किया जा सकता है। नट्स में विटामिन-ई, मैंग्नीज, थायमिन, फोलेट और फैटी एसिड डायजेशन के साथ-साथ ब्रेन (Brain) को भी हेल्दी रखने में सहायक होता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती (Pregnancy) महिलाओं के लिए भी नट्स लाभकारी होता है। हालांकि जरूरत से ज्यादा नट्स का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें।
ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : केला (Banana)
ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics) की चर्चा हो और इसमें केला शामिल ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। दरअसल केले में मौजूद विटामिन, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व जैसे फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम (Calcium) और विटामिन सी (Vitamin-C) पेट के लिए लाभकारी होते हैं। इसलिए ब्लोटिंग के दौरान प्रीबायोटिक्स (Prebiotics during bloating) का उपयोग कर रहें हैं, तो इस लिस्ट में केले को जरूर शामिल करें।
ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : लहसुन (Garlic)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लहसुन को सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, जो कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम भी है। इसमें एंटीवायरल (Antiviral), एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidant) और एंटीफंगल (Antifungal) गुण मौजूद होते हैं। वहीं इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम एवं आयरन जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इसलिए ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स की जब बात करते हैं, तो इसके सेवन की सलाह दी जाती है।