गैस्ट्राइटिस के जोखिम को कम कैसे किया जा सकता है?
अगर एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) का सही तरीके से उपचार न कराया जाए तो इसका परिणाम घातक हो सकता है। हालांकि, इसका जोखिम कम करने के लिए भी आप कुछ तरीकों को अपना सकते हैं। यह तरीका इस प्रकार हैं:
- शराब या अन्य एल्कोहॉलिक चीजों के सेवन से बचें। खाली पेट इन चीजों का सेवन एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) को बढ़ावा दे सकता है।
- स्मोकिंग या तम्बाकू का प्रयोग न करें।
- किसी भी समस्या से राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह के बिना NSAIDs और एस्पिरिन का सेवन न करें
- ऑटोइम्यून बीमारियों को प्रभावित इलाज से कंट्रोल करें।
अगर आपको एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) होने का जोखिम हो तो डॉक्टर से अपने पेट के स्वास्थ्य को लेकर बात करें। डॉक्टर आपको इस रिस्क फैक्टर्स बचने के लिए सही सलाह दे सकते हैं।
यह भी पढ़ें: गैस्ट्राइटिस डायट: इस स्थिति में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
क्या सही आहार से एरोसिव गैस्ट्राइटिस पर कोई प्रभाव पड़ता है? (Effect of right Diet on Erosive Gastritis)
हमारे खानपान का एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। अगर आपका आहार सही होगा तो आप इस समस्या से बचे रहेंगे या आपको इसके लक्ष्यों को कम करने में मदद मिलेगी। इस समस्या पर आहार का प्रभाव इस तरह से पड़ता है:
एरोसिव गैस्ट्राइटिस की समस्या को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ (Foods that Increase the Problem of Erosive Gastritis)
कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थ एरोसिव गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अपने खाने-पीने की आदतों पर नजर रखनी चाहिए। जो आहार इस समस्या को बढ़ा सकते हैं उनमें मसालेदार, अधिक तला-भुना, बसा युक्त, कैफीन या एसिडिक आहार शामिल है। जैसे जंक फ़ूड, खट्टे जूस, कॉफ़ी, कोला आदि।