गैस्ट्राइटिस से पीड़ित कुछ लोगों में इस समस्या के कोई लक्षण नहीं होते। हालांकि, एक्यूट और क्रोनिक गैस्ट्राइटिस दोनों में लोग पेट में दर्द, मतली, उल्टी और कभी-कभी पेट फूलना, सूजन, भूख न लगना और अपच जैसे लक्षण महसूस करते हैं। गैस्ट्राइटिस से पीड़ित कुछ लोग ऊपर दिए लक्षणों के अलावा अन्य समस्याएं भी महसूस कर सकते हैं।

गैस्ट्राइटिस में क्या खाएं(what to eat in Gastritis)
गैस्ट्राइटिस की स्थिति में आपको अपनी डायट का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जानिए, गैस्ट्राइटिस में आपको क्या खाना चाहिए:
हाय-फाइबर फूड
गैस्ट्राइटिस की स्थिति में ऐसी चीजों का सेवन करना जो फाइबर से भरपूर होती हैं बेहद लाभदायक है। ऐसे में गैस्ट्राइटिस डायट(Gastritis Diet) में हरी पत्तेदार सब्जियां, बीज, सूखे मेवे, फल जैसे बेरीज आदि को अवश्य शामिल करें। ब्रोकोली गैस्ट्रिक स्वास्थ्य के उपचार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि फाइबर के साथ ही यह सल्फरफेन का भी अच्छा स्त्रोत है। सल्फरफेन एक ऐसा कंपाउंड है, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक है।
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हेल्दी वसा से भरपूर आहार
हालांकि, जो लोग गैस्ट्राइटिस की समस्या से पीड़ित होते हैं उनके लिए वसा युक्त या फेट्टी फूड को खाना अच्छा विकल्प नहीं माना जाता है। लेकिन इसमें स्वस्थ वसा युक्त आहार को आप अपवाद मान सकते हैं। स्वस्थ वसा युक्त आहार जैसे सैमैन मछली, अखरोट और चिया सीड आदि में पाए जाने वाले ओमेगा -3 फैटी एसिड स्टमक लाइनिंग की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। हेल्दी वसा के अन्य स्रोत एवोकाडो, जैतून का तेल, मेवे और बीज हैं।
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प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ और पेय
अगर आपको गैस्ट्राइटिस है तो प्रोबायोटिक जैसे दही, दूध और कई पौधे आदि कई तरह से इस समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। यह गैस्ट्राइटिस की समस्याओं को दूर करते हैं और इम्युनिटी को बढ़ाने में सहायक हैं।

लीन प्रोटीन फूड
गैस्ट्राइटिस डायट(Gastritis Diet) में आगे है प्रोटीन युक्त आहार। प्रोटीन उस नुकसान को भरने में मदद करता है, जो गैस्ट्राइटिस के कारण स्टमक लाइनिंग में होती है। हालांकि, सभी प्रोटीन एक समान नहीं होते। गैस्ट्राइटिस से पीड़ित होने पर लीन प्रोटीन चुनना महत्वपूर्ण है। क्योंकि, एनिमल प्रोडक्टस में मौजूद वसा केवल स्थिति को बदतर बना सकता है। लीन प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में चिकन, अंडे की सफेदी,और बीन्स आदि शामिल हैं।
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एंटीबैक्टीरियल और फ्लेवोनोइड युक्त खाद्य पदार्थ
पाइलॉरी एक तरह का बैक्टीरिया है और इससे लड़ने के लिए आपको ऐसा कुछ चाहिए जो एंटीबैक्टीरियल हो। फ्लेवोनोइड को अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है और यह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी सहित कई प्रकार के जीवाणुओं के विकास को रोकता है। लहसुन, प्याज, क्रैनबेरी, और अजवाइन सभी फ्लेवोनोइड के अच्छे स्रोत हैं। इसके साथ ही एंटीबैक्टीरियल चीजों जैसे शहद, अदरक, और हल्दी आदि में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इन्हें भी अपनी डायट में अवश्य शामिल करें।
सब्जियां
चीनी और एसिड के उच्च स्तर और फाइबर न होने के कारण फलों के रस को गैस्ट्राइटिस वाले लोगों को लेने की सलाह नहीं दी जाती। लेकिन, गैस्ट्राइटिस में कुछ सब्जियों के रस को लिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आलू के रस में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और यह पेट दर्द से राहत दिलाता है। कद्दू का रस, पोषक तत्वों से भरपूर होने के अलावा, गैस्ट्रिक एसिडिटी को कम कर सकता है, जिससे स्टमक लाइनिंग तेजी से ठीक हो जाती है। सब्जियों को आप अपनी गैस्ट्राइटिस डायट(Gastritis Diet) का हिस्सा अवश्य बनाएं।
गैस्ट्राइटिस में क्या न खाएं(what to not eat in Gastritis)
अपनी गैस्ट्राइटिस डायट(Gastritis Diet) में कुछ ऐसी चीजों को जगह न दें ,जो अपनी इस समस्या को बदतर बना दें। जानिए, ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जिन्हें आपको इस स्थिति में नहीं खाना चाहिए:
एसिडिक फूड्स और ड्रिंक्स