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Fat baby: बच्चे का वजन कितना होना चाहिए, कैसे पता लगाएं कि बच्चा मोटा है या नहीं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/12/2021

    Fat baby: बच्चे का वजन कितना होना चाहिए, कैसे पता लगाएं कि बच्चा मोटा है या नहीं?

    गोल-मटोल बच्चे किसे पसंद नहीं आते! सभी बच्चों का शेप एक जैसा नहीं होता है। कुछ बच्चे जन्म के बाद पतले होते हैं, तो कुछ बच्चों का वजन अधिक होता है। बच्चों का वजन कम या ज्यादा होना आम बात है। डब्लूएचओ की मानें तो, न्यूबॉर्न बेबी का वेट लगभग 3.3 किलो तक होता है। मोटे बच्चे या फैट बेबी (Fat baby) का इस वेट से कोई लेना देना नहीं है। बच्चा इससे कम वजन का भी हो सकता है और ज्यादा वजन का भी। अक्सर पेरेंट्स के मन में यह सवाल आता है कि कहीं उनके बच्चे का वजन ज्यादा तो नहीं है। इस बात को लेकर मन में शंका बनी रहती है। वही अगर कोई कह दे कि आपका बच्चा मोटा है, तो ऐसे में माता-पिता की परेशानी और बढ़ जाती है। बच्चे का वजन कितना होना चाहिए और बच्चा कब मोटा कहलाता है, इस बारे में आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको फैट बेबी मोटे बच्चे के बारे में जानकारी देंगे।

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    फैट बेबी (Fat baby) से क्या मतलब है?

    फैट बेबी

    कई बार बच्चों की लंबाई के कारण भी उनके वजन को लेकर शंका महसूस होती है। कुछ बच्चे लंबे होते हैं, वहीं कुछ बच्चे कद में छोटे होते हैं। ऐसे में आपको एक ही वजन के बच्चे पतले या मोटे लग सकते हैं। बच्चों का तेजी से विकास होता है। ऐसे में बच्चों का वजन बढ़ना आम बात है। 6 महीने में ही 1 बच्चे का वजन 2 गुना हो जाता है या फिर 1 साल तक बच्चा अपने भार का 3 गुना भी हो जाता है। बच्चे के विकास के लिए हाय फैट डाइट जरूरी होती है, इसलिए आपका छोटा बच्चा हमेशा भूखा रहता है।

    अगर आपको बच्चे के गाल या जांघ बहुत मोटी दिख रही है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे में बच्चे को फैट बेबी या मोटे बच्चे कहना गलत होगा। बच्चे स्किन के अंदर फैट को स्टोर करते रहते हैं क्योंकि यह उनके विकासशील शरीर के लिए और दिमाग के लिए बहुत जरूरी होता है। जब उन्हें अचानक से एनर्जी की जरूरत पड़ती है, तो स्किन के नीचे जमा फैट ही काम आता है। बच्चे के विकास के लिए वसा यानी फैट बहुत जरूरी होता है।जानिए उम्र के साथ बच्चों की लंबाई और वजन कितना बढ़ता है।

    फैट बेबी

    आपके शिशु का समय के साथ वजन बढ़ना उसके अच्छे स्वास्थ्य की निशानी के तौर पर देखा जाता है। हर बच्चे का वजन एक जैसा नहीं होता है। कुछ बच्चों का वजन जल्दी बढ़ता है, वहीं कुछ बच्चों का वजन धीमे-धीमे बढ़ता है। ऐसे में आपको फैट बेबी के बारे में सोचकर परेशान होने के बजाय बाल रोग विशेषज्ञ से बच्चे के विकास संबंधित जरूरी बातों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।

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    फैट बेबी: हाईट और वेट की क्या होती है रेंज?

    बच्चे का स्वस्थ्य वजन बच्चे की लंबाई पर निर्भर करता है। हो सकता है कि आपको फैटी दिखने वाला बेबी पूरी तरह से स्वस्थ हो लेकिन आप को ऐसा लग रहा हो कि बच्चा ज्यादा मोटा है। अगर बच्चे की लंबाई ज्यादा है, तो उसी के अनुसार उसका वजन भी ज्यादा होगा,इसलिए आप अपने बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से करना बंद कर दें। बच्चे के ग्रोथ चार्ट के बारे में आप बाल रोग विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लें। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आपके बच्चे की लंबाई के अनुसार उसका वजन सही है या फिर नहीं। सब बच्चों के लिए वेट रेंज एक जैसी नहीं होती है। मोटे बच्चे या फैट बेबी या मोटे बच्चे के बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त करें।

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    क्या तेजी से वजन बढ़ना स्वास्थ्य के लिए हो सकता है घातक?

    जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि बच्चे जन्म के बाद पहले और दूसरे साल में बच्चे का तेजी से विकास होता है। तो ऐसे में बच्चे का वजन बढ़ना आम बात होती है। लेकिन जो बच्चे पहले या दूसरे साल में बहुत ज्यादा वेट गेन कर लेते हैं, उनको भविष्य में कई घातक बीमारियों का खतरा बना रहता है। करीब 5 में से 1 बच्चे को ओवरवेट या फिर मोटापे का सामना 6 साल की उम्र तक करना पड़ सकता है।जिन बच्चों का वजन पहले से दूसरे साल में बहुत तेजी से बढ़ता है, उन्हें भविष्य में क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन जैसे कि हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), हार्ट संबंधी बीमारियां या फिर मधुमेह या डायबिटीज आदि का खतरा बढ़ जाता है। आपको बच्चे के बढ़ते वजन पर गौर करने की जरूरत है। फैट बेबी या मोटे बच्चे कई बीमारियों का शिकार बन सकते हैं, इसलिए बच्चे के खानपान पर ध्यान जरूर दें।

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    फैट बेबी: कुछ बच्चों का वजन क्यों बढ़ता है तेजी से?

    ये सच है कि सभी बच्चों का वजन एक जैसा नहीं बढ़ता है। कुछ बच्चों का वजन तेजी से बढ़ता है, तो कुछ बच्चों का वजन धीमे बढ़ता है। खान-पान में अतिरिक्त चीजों को शामिल करने के कारण भी ऐसा हो सकता है। जिन बच्चों को जल्दी सॉलिड फूड्स दिए जाते हैं, उनका वजन तेजी से बढ़ सकता है या ऐसे बच्चों को फैट बेबी कहा जा सकता है। अगर बच्चों को फास्टफूड या फिर प्रोसेस्ड फूड्स दिए जा रहे हैं, तो भी बच्चे के वजन बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। जो बच्चे ब्रेस्टफीडिंग करने के बजाय फॉर्मुला मिल्क पीते हैं, उनका वजन भी अधिक बढ़ने की संभावना रहती है। अगर बच्चा कम सोता है या जो बच्चे अधिक टीवी या फिर वीडियो गेम खेलते हैं, उन बच्चों का वजन भी तेजी से बढ़ता है। अगर बच्चे का वजन तेजी से बढ़ रहा है, तो डॉक्टर को इस बारे में जानकारी जरूर दें।

    अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे का वजन तेजी से बढ़ रहा है तो आपको डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। बेहतर होगा अगर आप बच्चे को स्तनपान कराएं। अगर स्तनपान करा रही हैं, तो फार्मूला मिल्क को शामिल न करें। अगर बच्चा स्तनपान नहीं कर पा रहा है, तो आप दूध को बॉटल में भरकर भी दे सकते हैं। कोशिश करें कि बच्चों को छोटी बोतल ही दें।

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    अगर बच्चे को फार्मूला मिल्क ही पिलाना पड़ रहा है, तो फॉर्मुला मिल्क बनाने से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ने के बाद ही बनाएं। दूध और पाउडर की सही मात्रा इस्तेमाल करना जरूरी है। बच्चे को हमेशा बॉटल पकड़ा कर ना रखें। आप अपने बच्चे की डायट में प्रोसेस्ड फूड्स, अधिक मीठे पेय पदार्थ आदि को शामिल न करें। इन कारणों से भी बच्चों का वजन बढ़ता है। 1 साल का बच्चा हो जाए तो उसके खाने में वेजीटेबल्स और साबुत अनाज  शामिल करें। बच्चों को बैठाकर खाना खिलाएं।

    इस आर्टिकल में हमने आपको फैट बेबी (Fat baby) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपकोइस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

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