नई बनी हर मां को शिशु के जन्म के बाद कुछ साल तक ऐसा लगता है जैसे उसे अच्छी नींद लिए जमाने हो गए हैं। दरअसल, जन्म के बाद शिशु बार-बार रात को उठता है। जैसे ही हम रात को अपने नवजात शिशु का रोना सुनते हैं, तो यही दिमाग में आता है कि उसे भूख लगी है। ऐसे में, आप तुरंत उसे फीड कराने के बारे में सोचते हैं। हालांकि, भूख के साथ ही कोई अन्य समस्या भी इस दौरान शिशु के उठने का कारण हो सकता है। जैसे-जैसे शिशु बड़ा होता जाता है, उसका रात को उठ कर फीड करना कम होता जाता है। अगर आप एक नई मां हैं, तो आपको नाइट वीनिंग (Night Weaning) के बारे में जानकारी होनी ही चाहिए। आइए जानें, नाइट वीनिंग (Night Weaning) के बारे में विस्तार से।
नाइट वीनिंग (Night Weaning) किसे कहा जाता है?
वीनिंग उस कंडिशन को कहा जाता है जब शिशु को ब्रेस्ट मिल्क की जगह पोषण के अन्य सोर्सेज की विकल्प की तरह किया जाता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो यह ब्रेस्ट मिल्क को छुड़ाने की प्रक्रिया है। यह कोई आसान प्रोसेस नहीं है। इस प्रोसेस में माता-पिता दोनों को धैर्य और अंडरस्टैंडिंग की जरूरत होती है। बच्चा रात को ब्रेस्टफीडिंग के लिए कई बार जागता है। ऐसे में, जब वो ब्रेस्टफीडिंग छोड़ता है तो उसके बाद भी उसका शुरू में रात को उठना सामान्य है। बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के कई पोषण और इम्युनोलॉजिकल (Immunological) बेनिफिट्स प्राप्त होते रहते हैं। लेकिन, एक उम्र के बाद वीनिंग या नाइट वीनिंग (Night Weaning) जरूरी है। अब जानते हैं कि किस उम्र में शिशु इस के लिए तैयार होते हैं।
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किस उम्र में शिशु नाइट वीनिंग (Night Weaning) के लिए तैयार होता है?
नाइट वीनिंग (Night Weaning) की उम्र हर बच्चे के लिए अलग हो सकती है। चार से छह महीने की उम्र के बीच के अधिकांश शिशुओं को दिन में पर्याप्त कैलोरी मिलती है, ताकि वे रात में पांच या छह घंटे तक आराम से सो सकें। लेकिन, फिर भी छोटे बच्चों में यह सामान्य नहीं होता कि वो अधिक देर तक बिना फीड के सो सकें। वो कम से कम एक या दो बार रात को अवश्य फीड के लिए जागते हैं। इस समय बच्चों की अन्य आवश्यक जरूरतें भी होती है। अगर आप नौकरी करती है और दिन के समय अपने बच्चे के लिए अधिक एवेलेबल नहीं होती हैं, तो आपका शिशु रात को नर्सिंग या बोतल फीड को लेकर आपसे रिकनेक्ट होना चाहता है।
आप यह भी नोटिस कर सकते हैं कि जब शिशु के दांत निकल रहे होते हैं, उसे सर्दी-जुकाम होता है या वो ग्रोथ स्पर्ट्स आदि से गुजर रहे होते हैं, तो वो अधिक जागते हैं। इन सभी कारणों से, वीनिंग की प्रक्रिया को धीरे-धीरे और आराम से करना महत्वपूर्ण है। ध्यान रखें कि आपका शिशु अभी छोटा है और उसे कम्फर्ट, क्लोजनेस और आश्वासन की अत्यधिक आवश्यकता है, खासतौर पर मां से। हालांकि आपको शिशु के चार से छह महीने के होने के बाद रात को अधिक बार फीड लेने की जरूरत नहीं होती । लेकिन अगर आप कम्फर्टेबल महसूस करते हैं, तो आप रात को एक या दो बार फीडिंग कराने के लिए थोड़ा और इंतजार कर सकती हैं। कैसे जानें कि आपका बच्चा इसके लिए तैयार है या नहीं?
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कैसे जानें कि आपका बच्चा नाइट वीनिंग (Night Weaning) के लिए तैयार है?
अगर आपका शिशु कम से कम चार से छह महीने का है, तो आपको नाईटटाइम फीडिंग से वीन कराना शुरू कर देना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भले ही आपके शिशु को आधी रात को फीड की जरूरत न पड़े, लेकिन फिर भी वह जाग सकता है। जिन शिशुओं को रात में कई बार फीड करने की आदत होती है उनके लिए इस दिनचर्या को बदलने में समय लग सकता है। अगर आप लंबे समय से अच्छे से नहीं सो पा रही हैं और आपके लिए अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना कठिन है, तो आपके बच्चे के नाईट फीडिंग को ख़त्म करने का निर्णय कुछ हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि इससे आप पर क्या असर होगा।
अगर रात को शिशु को फीड कराना और बोतल देना आपको पसंद है तो आप इसे जारी रख सकती हैं। कुछ समय बाद बच्चा स्वयं इसे एंड कर सकता है। दूसरी ओर, अगर आप इसके कारण गुस्सा और थका हुआ महसूस कर रही हैं और आपका शिशु शारीरिक रूप से बदलाव के लिए तैयार है तो शायद यह समय है नाइट वीनिंग (Night Weaning) का। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपका शिशु इसके लिए तैयार है या नहीं, तो अपने बच्चे के डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपकी सभी परेशानियों को सुलझाने में मदद कर सकते हैं और आपके बच्चे के विकास के आधार पर निर्णय लेने में भी आपकी सहायता कर सकते हैं। जानिए क्या हैं इसके लिए बेहतरीन तरीके?
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नाइट वीनिंग (Night Weaning) का बेहतरीन तरीका क्या है?
नाइट वीनिंग (Night Weaning) के कई विभिन्न तरीके हैं। अधिकतर स्थितियों में डॉक्टर नाइट वीनिंग (Night Weaning) के लिए जेंटल और ग्रेजुअल तरीकों को अपनाने की सलाह देते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- दिन के समय फीडिंग बढ़ा दें और इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा जरूरत कैलोरीज को लूज न करे।
- अपने बच्चे को सोने से पहले फीड जरूर कराएं। जब आप नर्स कर रही हैं, तो इसका अर्थ है कि इसके बाद आपके बच्चे का पेट भरा हुआ होना चाहिए ताकि वो आराम से सो सके।
- अगर आप शिशु को रात में तीन या चार बार फीड कराती हैं, तो नाइट वीनिंग (Night Weaning) की शुरुआत पहले एक फीडिंग कम करके करें। उसके बाद फीडिंग टाइम कम करें। इस तरह से आपको और आपके शिशु को कोई समस्या नहीं होगी।
- अपने पार्टनर या किसी अन्य व्यक्ति से रात में शिशु के जागने के समय जागने के लिए कहें। ताकि, वो यह देख पाएं कि रात को उठने पर जब आपकी तरफ से उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलेगी, तो क्या आपका बच्चा खुद शांत हो जाए और बिना फीडिंग के सो जाएगा या नहीं।
- शिशु के लिए कंफर्ट के अन्य तरीकों के बारे में सोचें, जैसे पेसिफायर, जिससे न केवल बच्चा कॉम रहेगा बल्कि खुद ही सो जाएगा।
- अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा यानी टोडलर है और नाईट फीडिंग करता है, तो अपने शिशु से बात करें। आप उसे यह समझा सकते हैं कि कौन सा समय उसकी नर्सिंग और बोतल के लिए सही है और कौन सा नहीं?
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नाईटटाइम कंफर्ट के अन्य तरीकों को अपनाएं जैसे उसे उसकी पसंद का टॉय, ब्लैंकेट अदि दे कर सुलाएं। यही नहीं, उसका डेटाइम कडल और फिजिकल अटेंशन टाइम भी बढ़ा दें। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आपके बच्चे को अटेंशन और प्यार की आवश्यकता दिन के समय में पूरी हो रही है और रात में इसे पूरा करने की आवश्यकता नहीं है।
किन स्थितियों में नाइट वीनिंग (Night Weaning) नहीं करानी चाहिए?
नाइट वीनिंग (Night Weaning) हर स्थिति में सही नहीं है कुछ स्थितियों में नाइट वीनिंग से पहले थोड़ा सोचना चाहिए जैसे अगर आपका बच्चा:
- बीमार हो
- उसका वजन न बढ़ रहा हो
- नए माहौल में एडजस्ट कर रहा हो
- किसी मेजर डेवलपमेंट माइलस्टोन का अनुभव कर रहा हो
ऐसा समय भी होता है जब रात के समय फीडिंग जरूरी होती है ताकि बच्चे का हेल्दी डेवलपमेंट हो सके और इसे दौरान इसे मिस नहीं करना चाहिए। कुछ बच्चे फीड के लिए जागने के बिना लंबे समय तक नहीं सोते हैं। इस मामले में भी आप रिलैक्स रहें और जान लें कि यह पूरी तरह से सामान्य है। अगर आपको लग रहा है कि आपको पर्याप्त नींद मिल रही है और आप केवल सोशल प्रेशर की वजह से नाइट वीनिंग (Night Weaning) कर रही हैं तो याद रखें कि वीनिंग का निर्णय आपकी खुद की प्राथमिकता है।
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यह तो थी नाइट वीनिंग (Night Weaning) के बारे में जानकारी। जब भी आपको लगे कि नाइट वीनिंग (Night Weaning) के लिए यह सही समय है, तो इस दौरान याद रखें कि आप अपने और अपने बच्चे के प्रति जेंटल रहें। अपने आप को इसे करने के लिए समय दें। इसके साथ ही अपना भी ख्याल रखें। जैसे अच्छा खाएं, जितना हो सके व्यायाम करें, अपने परिजनों और सकारात्मक लोगों के साथ रहें। डिप्रेशन और एंग्जायटी का भी ध्यान रखें। क्योंकि, वीनिंग से आपमें कई पोस्टपार्टम हार्मोनल और इमोशनल बदलाव आ सकते हैं। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से तुरंत बात करें।
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