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बच्चों को बुरे प्रभावों से दूर रखने के लिए 5 टिप्स


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/07/2021

    बच्चों को बुरे प्रभावों से दूर रखने के लिए 5 टिप्स

    बच्चे स्कूल जाने के बाद और घर आने के बीच क्या करते हैं, यह ज्यादातर माता-पिता जान नहीं पाते हैं। ऐसा देखा जाता है कि कई बार बच्चे स्कूल जाकर वहां क्लास बंक कर देते हैं। दोस्तों के साथ फिल्में देखना या पार्क में बैठ कर टाइम पास (Time pass) करना शुरू कर देते हैं। यही आदत धीरे-धीरे उन्हें गलत रास्ते पर ले जाती है। बच्चों पर बुरा प्रभाव (Negative impact on child) बच्चे नशे की लत में भी पड़ सकती है। इसके अलावा, मोबाइल गेम (Mobile game) और वीडियो (Video) देखने की भी आदत उनमें आ जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि बच्चे बुरे प्रभाव में आकर पढ़ाई से दूर भागने लगते हैं। बच्चों का ऐसा करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।

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    बच्चों पर बुरा प्रभाव डालने वाली आदतें क्या हो सकती हैं? (Negative impact on child)

    बक्सों पर बुरा प्रभाव डालने वाली आदते निम्नलिखित हो सकती हैं। जैसे:

    बच्चों पर बुरा प्रभाव: टीवी की लत से बिगड़ रहें बच्चे

    आज से 10-15 साल पहले बच्चों के होश संभालने तक उनके ऊपर विशेष रूप से मां का इन्फ्लुएंस रहता था। उसके बाद पिता की भूमिका भी शुरू हो जाती थी। लेकिन अब यह बिल्कुल बदल चुकी है। तीन साल का बच्चा भी टीवी (TV) से चिपका रहता है। इसका बच्चों पर बुरा प्रभाव (Negative impact on child) पड़ता है। हमें नहीं पता कि जो टीवी पर दिखाया जा रहा है, वह उसे कितना और कैसे समझ रहा है। बच्चों के ऊपर टीवी का सिर्फ नकारात्मक प्रभाव ही पड़ता है, पर ऐसा नहीं है।  अधिकतर मामलों में बिलकुल ऐसा है। इसलिए बच्चे टीवी पर क्या देख रहे हैं, इसका ध्यान रखें। बच्चों को टीवी देखने से रोकने से अच्छा है वह क्या देख रहे हैं इस पर नजर बनाकर रखें।

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    बच्चों पर बुरा प्रभाव: मोबाइल से चिपके रहना

    आज छोटे-छोटे बच्चे का भी ज्यादा समय कंप्यूटर स्क्रीन (Computer screen) पर या विडियो गेम्स के साथ बीतता है। इससे कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं। बच्चों में आई-साइट की सबसे बड़ी मुख्य वजह यही है। अगर आपके बच्चों में भी ऐसी आदत पड़ चुकी है, तो ऐसे में आपके बच्चे परिवार और अपने भाई-बहन से भी दूर दूर रहने लगेंगे जो उनके लिए कतई सही नहीं है।

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    बच्चों पर बुरा प्रभाव: झूठ बोलना

    यदि आपका बच्चा बात बात पर झूठ बोलता है तो यह कोई आम समस्या नहीं है। कई बार बच्चे इतनी सफाई के साथ झूठ बोलते हैं कि कई बार न चाहते हुए भी अभिभावक उन पर विश्वास कर लेते हैं। इसलिए झूठ से निपटने के लिए उनके झूठ को पकड़ना जरूरी है। बच्चे को सलाह देना भी उतना ही जरूरी है, परंतु बच्चे पर अनावश्यक दबाव डालने से वह और अधिक झूठ बोलना सीखता है।

    बच्चों पर बुरा प्रभाव: यदि किसी तरह की क्रिमिनल एक्टिविटीज का डाउट हो

    आपका बच्चा खेलते हुए या अपने दोस्तों से बात करते समय अश्लील शब्दों या गाली का यूज करने लगा है, दोस्तों के साथ आपस में बात करते समय एक-दूसरे का नाम न लेकर अजीब-अजीब नामों से पुकारते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। बच्चा गहर में महंगी चीजें अचानक ले कर आने लगा है और पूछने पर अलग-अलग बहाने करता है, पुराने और बचपन के दोस्तों से बात करना बंद कर दिया है। तो इसके चान्सेस हो सकते हैं कि आपका बच्चा कुछ गलत कर रहा है। हो सकता है उनके संगत ने आपके बच्चों पर बुरा प्रभाव (Negative impact on child) किया हो।

    आप बच्चों के दोस्त बात करके जानने की कोशिश कर सकते हैं कि स्कूल में क्या करता है। वो खाली समय में क्या करता है। अपने बच्चों को बुरे संगत में रहने के नुक्सान बताइए। यह सारी चीजें जल्द करना चाहिए ताकि इससे आपके बच्चों लगे कि आप उस पर निगाह रखे हुए हैं।

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    बच्चों पर बुरा प्रभाव: अगर बच्चा डिप्रेशन में हो

    डिप्रेशन (Depression) आज के समय की एक आम परेशानी हो गई है। बड़े तो बड़े बच्चों में भी यह समस्या अब अधिक संख्या में देखने को मिल रही है। लेकिन, बच्चें इस समस्या को समझ नहीं पाते हैं। आपका बच्चा काफी समय से उदास व परेशान रहने लगा है, तो इसकी वजह तक पहुंचने की कोशिश करें। हो सकता है कि वह किसी रिलेशनशिप को लेकर भी परेशान तो नहीं है। अगर बच्चे अपने रूम में ही पड़े रहता है, या हमेशा सिरदर्द (Headache) की शिकायत करता है, तो आपको इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

    आपके बच्चे के बिहेवियर (Child’s behaviour) में अचानक अगर आपको बदलाव लग रहा है, तो आप उससे उसका कारण जानने की कोशिश करें। उसे प्यार दें। उसका पेरेंटल काउन्सलिंग करते रहें। डिप्रेशन कोई बिमारी नहीं बल्कि, ह्यूमन बिहेवियर (Human behaviour) में आया हुआ अचानक बदलाव है, जिससे पीड़ित सोचने-समझने की शक्ति खुद कंट्रोल नहीं कर पाता है।

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    बच्चों पर बुरा प्रभाव: ड्रग्स और नशे के लत

    घर में आपका बच्चा मोबाइल हाईड कर इस्तेमाल करता है। घर के किसी काम में हाथ नहीं बंटाना चाहता है और उसके सारा सामान बिखरा रहता है। आपका बच्चा बेमतलब पैसों की डिमांड करता रहता है। वह रात को घर लेट से आता है और हर वक्त बच्चे की आँखें लाल रहने लगी है और आपके किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं देता है। यह संकेत है कि आपका बच्चा नशे की लत में है और उसे आपकी जरूरत है।

    आप समय-समय पर उसका मोबाइल (Mobile) चेक करें। वह पैसा कहा खर्च करता है। इसका ब्योरा भी रखें। उसका क्या परेशानी है, इस पर खुलकर बात करें। ताकि इन आदत से उसका फ्यूचर खराब ना हो जाए। साथ ही बच्चों को नशे के बुरे प्रभावों से अवगत कराए।

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    बच्चा कम उम्र में ही गलत संगति में फंस जाता है। ऐसे में पैरंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चों पर निगाह रखें और अगर उनका बच्चा गलत आदतों में फंसता है, तो उसे वहीं रोक दें। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में जिन चीजों से बच्चों पर बुरा प्रभाव (Negative impact on child) पड़ता है उनके बारे में जरूरी जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।

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    Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/07/2021

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