सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे में अच्छे मैनर्स हों। लेकिन, कई बार माता-पिता के अधिक लाड-प्यार के चलते बच्चों में डिसिप्लिन और मैनर्स डेवलेप नहीं हो पाते हैं। बच्चे को डिसिप्लिन सिखाना बहुत जरूरी है। पेरेंट्स को लगता है कि बच्चे अभी छोटे हैं, बड़े होंगे तो सीख जाएंगे। जब बच्चे बड़े होकर गलत व्यवहार करने लगते हैं, तो ऐसी स्थिति में पेरेंट्स उन्हें डांट फटकार लगाकर सुधारने की कोशिश करते हैं। अचानक सख्ती करने से कई बार बच्चे सुधरने की जगह और बिगड़ जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे को डिसिप्लिन (Discipline in children) की तरफ बचपन से ही ध्यान दें।
बच्चों में गुड मैनर्स डेवलपमेंट के बारे में दिल्ली के रॉबिन थॉम्पसन चार्म स्कूल के संस्थापक, रॉबिन थॉम्पसन ने हैलो स्वास्थ्य को बताया, “विनम्रतापूर्वक व्यवहार करना जीवन का एक तरीका है, न कि कुछ ऐसा जो आप किसी शादी या फैंसी रेस्टोरेंट में करते हैं” यानी किसी फंक्शन में गेस्ट के समाने जिस तरह से पेरेंट्स बच्चे से मैनर्स और डिसिप्लिन की बात करते हैं, वे असल जीवन में बच्चे को बचपन से ही सीखाना चाहिए।
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बच्चें को डिसिप्लिन सिखाने के टिप्स (Tips for teaching Discipline to children)
पेरेंट्स को बच्चों को मैनर्स और डिसिप्लिन सिखाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है,जैसे कि—
1- आप खुद भी डिसिप्लिन फॉलो करें (Follow discipline yourself)
अगर बच्चे को अनुशासित बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए पहल खुद से शुरू करनी चाहिए। आप खुद ही मैनर्स तोड़ेंगे या नहीं मानेंगे तो बच्चा भी वही करेगा। मान लीजिए कि आप खुद सोकर लेट उठते हैं और बच्चे से जल्दी उठने के लिए कहते हैं, तो वे कभी भी आपकी बात नहीं मानेगा। इसलिए आप खुद भी डिसिप्लिन फॉलो करें।
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2- बच्चे की हर मांग को पूरी न करें (Do not meet every child’s demand)
बच्चों का मन बहुत चंचल होता है, उन्हें अपने पसंद की हर चीज चाहिए होती है। लेकिन, ये जरूरी नहीं है कि आप उनकी हर डिमांड को तुरंत पूरी करें। बच्चे की सिर्फ जरूरत की चीजें ही पूरी करें, पर तुरंत नहीं। आप उनकी जो डिमांड पूरी नहीं कर रहे हैं, उसकी वजह भी उन्हें बताएं, इससे उनमें समझ बढ़ेगी। कई बार पेरेंट्स बच्चों को रोता हुआ देख उनकी हर डिमांड तुरंत मान लेते हैं, पर ऐसा न करें। हो सकता है कि बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए इसे आपकी कमजोरी बना लें।
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3- परिवार में अनुशासन के लिए एकमत कायम रखें
बच्चे को डिसिप्लिन सिखाना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पूरे परिवार का एकमत होना जरूरी है। अगर घर का कोई सदस्य बच्चे को किसी बात पर डांट रहा है, तो घर के दूसरे सदस्य को बच्चे के बचाव के लिए नहीं आना चाहिए, क्योंकि फिर बच्चा आगे वही गलतियां करेगा और डरेगा भी नहीं, क्योंकि उसे पता होगा कि कोई न कोई बचाने आएगा।
4- बचपन से ही डिसिप्लिन सिखाएं (Teach discipline from childhood)
बच्चों को होश संभालने के बाद बच्चों को बड़ों का सम्मान करना सिखाएं। बच्चा जब दो साल का हो जाए उसके बाद से ही अच्छी बातें सिखाएं। जैसे – किसी दूसरे का सामान छूने से पहले उसे बताएं कि उनसे इजाजत लेने जरूरी है। शुरू से ही ऐसी बात बच्चे को बताएंगे तो यह उसकी आदत बन जाएगी और वह बच्चों में मैनर्स और अनुशासन बना रहेगा।
5- गलती करने पर समझाएं
अगर बच्चा कोई गलत काम कर रहा है, तो ये सोचकर न टालें कि ऐसा पहली बार कर रहा है। उसे फौरन टोकें और उस गलत काम के नुकसान बताएं। इससे वह उस गलती को दोबारा नहीं करेगा। लेकिन, अगर आप उसे गलती पर नहीं टोकेंगे तो वह आगे भी इसे दोहराता रहेगा। धीरे-धीरे ये उसकी आदत बन जाएगी।
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6- बच्चों के अच्छे काम के लिए प्रशंसा करें (Appreciation is must)
बच्चे को डिसिप्लिन और उनमें गुड मैनर्स लाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि उनकी हर अच्छी पहल और बात के लिए उनकी तारीफ करें। आप ऐसा करेंगे, तो उसमें प्रशंसा पाने के लिए और भी काम करने की कोशिश करें। मान लीजिए कि आपका बच्चा किसी सामान को उसके सही जगह पर रखता है, तो तुरंत उसकी प्रशंसा करें। इससे आपका बच्चा ऐसे कामों को अपनी आदत बना लेगा।
7- बच्चे की हर मांग पूरी न करें
अक्सर देखने में आता है कि पेरेंट्स बच्चे को सही से समय नहीं दे पाते हैं। ऐसे पेरेंट्स बच्चे को खुश करने के लिए उसकी हर मांग पूरी कर देते हैं, पर यह गलत है। इससे बच्चे में हमेशा हां सुनने की आदत विकसित हो जाती है और बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। उसकी मांग भी बढ़ती जाती है, क्योंकि उसे पता होता है कि उसके मां-बाप हर मांग पूरी कर देंगे।
8- गुस्से से न सिखाएं कुछ (Do not teach anything with anger)
बच्चों को डराकर या गुस्सा करके जबरदस्ती कुछ सिखाने की कोशिश न करें। अगर आप इस तरह उन्हें कुछ करने के लिए मजबूर करेंगे तो इससे बच्चे में क्रोध की भावना उत्पन्न होगी। इसके साथ ही किसी काम को लेकर उनका उत्साह नहीं रहेगा। साथ ही वह आपकी बातों पर अमल नहीं करेंगे। वह इससे बचने के लिए बहाने बना सकते हैं।
9- बच्चे को डिसिप्लिन सिखाने में परिवार का एकमत होना जरूरी
बच्चे को डिसिप्लिन में रखना चाहते हैं, तो इसके लिए पूरे परिवार का भी एकमत होना बेहद जरूरी है। अगर पिता बच्चे को किसी गलती के लिए डांट रहा है, तो मां या घर के दूसरे सदस्य को बच्चे का बचाव नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि कोई बचाव के लिए बीच में आएगा तो इससे बच्चा आगे भी गलती करता रहेगा। वह इस बात को जान जाएगा कि वह जब भी कोई गलती करेगा तो उसे बचाने के लिए कोई न कोई जरूर खड़ा रहेगा।
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ये बहुत महत्वपूर्ण है कि आप जितनी जल्दी बच्चों में मैनर्स देने की शुरुआत करेंगे, उतनी जल्दी डिसिप्लिन उनमें बना रहेगा। अगर आप डिसिप्लिन को लेकर सख्त हैं, तो बच्चा अपने आप उसे फॉलो करता है। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में बच्चे को डिसिप्लिन सिखाने के लिए टिप्स दिए गए हैं। इन्हें फॉलो कर आप अपने बच्चों को अनुशासित बना सकते हैं।
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