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पेरेंट्स अपनाएं ये टिप्स
पेरेंट्स बच्चों के सामने हेल्दी डायट लें
बच्चों के सामने भोजन करने से बच्चों को माता-पिता के खाने के चीजों की प्राथमिकताओं का पता चलता है। अगर वे पेरेंट्स को खाते हुए देखते हैं तो उन चीजों के प्रति उनमें रूचि होने की अधिक संभावना होती है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चों के सामने हेल्दी फूड खाना चाहिए, जैसे कि हर सब्जी, दूध, मेवा और फल आदि। इससे बच्चों को पोषण मिलेगा। और वे हेल्दी खाने के लिए दबाव भी महससू नहीं करेंगे।
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खाने के लिए दबाव न बनाएं जबरदस्ती न करें
पेरेंट्स कई बार ऐसा करते हैं कि बच्चे को भूख न लगने पर भी उन्हें खाना खाने के लिए दबाव (Pressure to eat) डालने लगते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। चाहें बच्चे हो या बड़े, किसी को कोई भी चीज जबरदस्ती न खिलाएं। जब उसको भूख लगे तभी खाना दें। ओवर ईटिंग करने या बिना भूख लगने पर खाना खाने से उसको अपच और कब्ज जैसे पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
खाने के लिए दबाव न बनाएं खेल- खेल में खिलाएं
बच्चों को खेल-खेल में खाना खिलाने की आदत डालें। खेल- खेल में खाना खिलाएंगे तो बच्चा वह चीजें भी खा जाएंगे जो उनको पसंद ना हो। आप चाहे तो उनकी फेवरेट सॉस के साथ ब्रोकली और हरी सब्जियां भी खिला सकते हैं।
थोड़ी सख्ती भी जरूरी
अक्सर बच्चे हर दूसरे दिन जंक फूड खाने की जिद करते हैं और जब अभिभावक उन्हें मना करते हैं तो घर के अन्य सदस्य बच्चों का सपोर्ट सिस्टम बनकर सामने आते हैं। जिससे बच्चों की गलत आदतों को बढ़ावा मिलता है। इसलिए इस मामले में बच्चों के साथ थोड़ी सख्ती बरतनी जरूरी है। आप घर के अन्य सदस्यों को भी अपने टाइमटेबल से अवगत करा दें और बच्चे की गलत डिमांड को बिल्कुल भी बढ़ावा न दें।
थाली में कुछ नहीं बचना चाहिए, इस रूल को खत्म करें
जी हां, हम में से कई लोग इस नियम के साथ बड़े हुए हैं जिसके अनुसार हमे प्लेट में दिया गया खाना पूरी तरह से खत्म कर के ही उठने की अनुमति होती है। हालांकि, यह एक अच्छी शिक्षा है लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। जैसे की ओवर ईटिंग।
बच्चे को जब भी लगे की उसका पेट भर चूका है उस खाना खत्म करने के लिए जबरदस्ती न करें।
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शिशु को सिखाएं अच्छी आदतें
अगर आपका बच्चा फिलहाल छोटा है तो आप उसे खाने की कई अच्छी आदतें भी सीखा सकते हैं। बच्चों में खाने को पसंद नपसंद करने की आदत बचपन से लगती है। यदि आप शिशु को शुरुआत से ही हरी सब्जियां खाना सिखाएंगे तो हो सकता है की वह उनकी मनपसंद सब्जियों में से एक बन जाएं।
कुछ भी न्य ट्राई करवाने से पहले बच्चे को खुद खा कर दिखाएं और उसके बाद उसे छोटी बाईट खाने के लिए ऑफर करें। बड़े बच्चों को चाहें तो आप ज्यादा खाने के लिए भी दे सकते हैं। खाने के लिए दबाव (Pressure to eat) न बनाएं, तो बेहतर है।
सोडा और अन्य खराब तरल पदार्थ की आदत न लगने दें
बच्चों को आर्टिफीशियर शुगर की वजह से कोका कोला, पेप्सी और अन्य सोडा वाली चीजे बेहद पसंद आती हैं। लेकिन इस प्रकार के तरल पदार्थ बच्चे के न केवल पोषण को खराब करते हैं बल्कि उनका पेट भर कर उन्हें अन्य पोषक तत्व नहीं लेने देते हैं।
पानी और दूध बच्चों के लिए सबसे अच्छे तरल पदार्थ होते हैं। जूस भी एक अच्छा विकल्प है यदि वह 100 प्रतिशत शुद्ध हो। हालांकि, बच्चों को प्रति दिन केवल 150 मिली जूस की ही जरूरत होती है।
खाने के लिए दबाव कैसे कम करें जानने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।