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5 टिप्स जो बच्चे को मदद करेंगे पेरेंट्स के बिना खेलने में

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे · आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

5 टिप्स जो बच्चे को मदद करेंगे पेरेंट्स के बिना खेलने में

जब कभी आप घर से बाहर निकलते होंगे तो बच्चा भी आपके साथ जाने की जिद करने लगता होगा। ऐसा होना लाजमी है, क्योंकि बच्चे मां से दूर रह ही नहीं पाते हैं। बच्चे का इस तरह का व्यवहार कई बार तो आपको अच्छा लगता होगा, तो वहीं कई बार आपको  गुस्सा भी आता होगा। तो ऐसे समय के लिए आप बच्चों को अकेले खेलने की आदत डालें। अगर आप हर समय उनके साथ खेलेंगी तो वाजिब है कि वो आपको काम के समय भी उनके साथ खेलने के लिए परेशान करेंगे। अकेले बच्चे का खेलना उनके दिमाग की ग्रोथ के लिए भी अच्छा होता है।  आइए जानते हैं किस तरीके से बच्चों को अकेले खेलने की आदत डालें।

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सबसे पहले अकेले खेलने के लिए प्रोत्साहित करें

बच्चे को आपकी भागीदारी के बिना खुद खेलने के विचार के लिए प्रोत्साहित करें। सबसे पहले, बस उसके साथ चुपचाप बैठें क्योंकि वह इसमें शामिल होने की बजाय खेलता है। एक बार जब वह पूरी तरह से खेल में मस्त हो जाएं, तो आप कमरे के दूसरे हिस्से में जाने की कोशिश कर सकते हैं।

लिंडा एक्रेडोलो, पीएचडी , बेबी माइंड्स: ब्रेन-बिल्डिंग गेम्स योर बेबी विल लव, के लेखक कहते हैं, “स्वतंत्र रूप से खेलने का मतलब यह नहीं है कि आपका बच्चा अकेला होना चाहिए। वह आपके आस-पसा रहकर भी आपको परेशान नहीं करेगा।

हालांकि, शुरू से ही चमत्कार की उम्मीद न करें। आपका बच्चा कितनी देर तक खेल सकता है, यह उसकी उम्र पर निर्भर करता है। डॉ एक्रेडोलो ने बताया- एक से बारह महीने का बच्चा केवल पांच से आठ मिनट के लिए अपने दम पर खेलने में सक्षम हो सकता है। वहीं एक 30 महीने का बच्चा स्वतंत्र खेलने में दस मिनट तक सक्षम हो सकता है।

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बच्चे को दें फ्री-स्पेस 

आप यह जानना चाहते हैं कि आपका बच्चा कहां है? वह कैसे और किस तरह खेलता है? लेकिन, जब एक बार जब वह खुशी से खेलने लगे, तो कोशिश करें कि आप उसे बार-बार न देखें। इस बात का ध्यान रखें कि वह जहां खेल रहा है वो जगह सुरक्षित है और उसके आस पास कुछ ऐसा तो नहीं जिससे वो खुद को नुकसान पहुचाए। उनके खेल में दूर से रूचि दिखाएं। यदि आप उनके करीब रहेंगी, तो बच्चे का ध्यान खेल से ज्यादा आप पर रहेगा।

आप उसे कितनी बार खेलने के लिए निर्देश देती हैं इस बारे में अवेयर रहें। क्योंकि अगर आप हर समय उसे निर्देश देती रहेंगी तो वो आप पर डिपेंडेंट रहेगा। माता पिता खाली स्थान को भरने का काम करते हैं। आपको अपने बच्चों को उनके विचार रखने की अनुमति भी देनी चाहिए।

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बच्चों को इस तरह रखें व्यस्त

आप कई बार बच्चों को कुछ दूसरी एक्टीविटी में व्यस्त रख सकते हैं। आर्ट और क्राफ्ट बच्चों को बिजी रखने के लिए बेस्ट ऑप्शन में से हैं। जैसे जब आप खाना बना रहे हो और चाहते हो कि आपका बच्चा आपके पास आने की जिद न करे तो आप उन्हें क्रेयॉन और पेपर दे सकते हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि टीवी के सामने कभी-कभार अपने बच्चे को 30 मिनट के लिए छोड़ने में भी कुछ गलत नहीं है। अपने बच्चों को टीवी की ज्यादा लत न लगाएं। आपका लक्ष्य यह होना चाहिए कि आपका बच्चा हर एक्टीविटी में पार्टिसिपेट करने के लिए एक्टिव रहे। जो बच्चे दूसरी चीजें जैसे टीवी, वीडियो गेम पर हर समय निर्भर रहते हैं उन्हें बड़े होकर बहुत दिक्कते होती हैं। उन्हें आगे चलकर खुद की जिम्मेदार उठाने में परेशानी होती है। अपने बच्चे को हमेशा हर चुनौती से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. अभिषेक कानडे

आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

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