यह बीमारी रेक्टम में होती है और कोलन तक पहुंच जाती है। कई बार इसमें कोलन की पूरी लंबाई शामिल हो जाती है। क्रोहन डिजीज की तुलना में अल्सरेटिव कोलाइटिस की इंफ्लामेशन रेक्टम और कोलन की लाइनिंग तक रहती है और टिशूज में गहराई तक नहीं जाती।
आईबीडी (IBD)
किसी भी प्रकार की आईबीडी की समस्या होने पर गट इंफ्लामेशन (Gut Inflammation) हो सकता है। इसके साथ ही एब्डोमिनल क्रैम्प, थकान, गैस, ब्लोटिंग, स्टूल में खून आना, भूख की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में इंफ्लामेशन दूसरे अंगों जैसे कि स्किन, आंखें, लिवर, जॉइंट्स, हार्ट और लंग्स में भी हो सकती है।
इसलिए गट इंफ्लामेशन का गंभीरता से लें और इसका इलाज कराएं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि पेट की समस्या को छोटी समझकर डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवा का उपयोग ना करें। साथ ही अगर समस्या ठीक नहीं हो रही है तो घरेूल उपायों को छोड़कर मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह जल्द से जल्द लें। इसके साथ ही वजन को संतुलित रखें, नींद पूरी करें और एल्कोहॉल और स्मोकिंग से बचें। ये सभी आदतें गट हेल्थ को प्रभावित करती हैं। इसलिए इनका विशेष ध्यान रखें। ये आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए भी जरूरी है और एक हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देती हैं।
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उम्मीद करते हैं कि आपको गट इंफ्लामेशन (Gut Inflammation) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।