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पीलिया के कारण (Types of Jaundice)
पीलिया के कारण निम्न हैं।
- हेपेटाइटिस (Hepatitis)
- लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis)
- बाइल डक्ट में असामानताएं (Abnormalities in the bile duct)
- गालस्टोन ऑब्ट्रक्शन (Gallstone obstructions)
पीलिया होने पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं? (Symptoms of Jaundice)
पीलिया के लक्षणों में उल्टी, बुखार, वजन का कम होना, एब्डोमिनल पेन, खुजली, यूरिन और स्टूल के कलर में पीलापन हैं। पीलिया में आंख और नाखून भी पीले हो जाते हैं। पीलिया के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते इसका इलाज हो सके और स्थिति गंभीर ना हो पाए।
पीलिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड स्कैन, ईआरसीपी (Endoscopic retrograde cholangiopancreatography), एमआरआई और हेपेटाइटिस ए बी और सी की जांच की जाती है। गंभीर मामलों में लिवर की बायोप्सी भी की जा सकती है। इसका इलाज एंटीवायरल ड्रग्स और स्टेरॉइड की मदद से किया जाता है, जो इंफेक्शन के प्रतिश पर निर्भर करता है। ऑब्सट्रक्टिव पीलिया में सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।
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हेपेटाइटिस और पीलिया में अंतर (Difference between hepatitis and jaundice)
हेपेटाइटिस और पीलिया में अंतर निम्न प्रकार हैं।
- हेपेटाइटिस लिवर का इंफेक्शन है। जो वायरस, बैक्टीरिया या पैरासाइट के कारण होता है। पीलिया ब्लड में अधिक मात्रा में बिलिरुबिन की उपस्थिति के कारण होता है। बिलिरुबिन पीले रंग का पिगमेंट है जो बॉडी हीमोग्लोबिन का डिग्रेशन करके बनाती है। पीलिया होने पर जिसकी वजह से स्किन पीली होने लगती है।
- हेपेटाइटिस एक बीमारी है। जबकि पीलिया बीमारी का संकेत है।
- हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस वायरस अटैक के कारण होता है। जिससे लिवर के टिशूज डैमेज होते हैं जबकि पीलिया का कारण ब्लड में बिलिरुबिन बढ़ना है। जो आंखों और स्किन को प्रभावित करता है।
- हेपेटाइटिस (Hepatitis) के पांच प्रकार हैं। जिसमें ए, बी, सी,डी और ई शामिल है। पीलिया तीन प्रकार का होता है। जिसमें हेपाटोसेलुलर ज्वॉइंडिस (Hepatocellular jaundice),ऑब्सट्रक्टिव ज्वॉइंडिस (Obstructive jaundice) और हीमोलिटिक ज्वॉइंडिस (Hemolytic jaundice) शामिल है।
- हेपेटाइटिस का निदान गामा-ग्लूटामाइल ट्रांसपेप्टिडेज (जीजीटी), बाइल एसिड, एस्पार्टेट ट्रांसएमिनेस या सीरम ग्लूटामिक ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेस (एसजीओटी), लैक्टेट डिहाइड्रोजनेज, प्रोथ्रोम्बिन टाइम, एल्ब्यूमिन, बाइल एसिड के माध्यम से किया जा सकता है।
- जबकि पीलिया का निदान हेपेटिक/हेपेटोसेलुलर, प्री-हेपेटिक/हेमोलिटिक, पोस्ट-हेपेटिक/कोलेस्टेटिक, फुल ब्लड काउंट (एफबीसी), इंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजियोपैंक्रेटोग्राफी (ईआरसीपी), बिलीरुबिन टेस्ट द्वारा किया जा सकता है।
- हेपेटाइटिस का इलाज वायरस के प्रकार के हमले के अनुसार किया जाता है जिसके कारण यह होता है, जबकि पीलिया का इलाज उस प्रभावित होने प्रतिशत की मात्रा के आधार पर किया जाता है।
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हेपेटाइटिस और पीलिया (Hepatitis and jaundice) दोनों ही लिवर से संबंधित मेडिकल कंडिशन हैं। जबकि एक को बीमारी माना जाता है और दूसरा एक क्लीनिकल फीचर है। ये दोनों ही केवल लिवर को प्रभावित करती हैं। लिवर शरीर में रक्त संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कई संक्रमणों से लड़ने की क्षमता रखता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको हेपेटाइटिस और पीलिया (Hepatitis and jaundice) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। साथ ही दोनों में क्या अंतर ये भी समझ आ गया होगा। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।