
सिस्टिक फाइब्रोसिस क्या है?
सिस्टिक फाइब्रोसिस (CF) एक आनुवंशिक विकार है, यानी यह रोग बच्चों को अपने माता-पिता से हो सकता है। यह आपके शरीर के बलगम बनाने के तरीके को प्रभावित करता है। बलगम एक ऐसा पदार्थ है जो आपके हमारे शरीर के अंगों या सिस्टम को काम करने में मदद करता है। हमारे शरीर में बलगम पतला और फिसलन भरा होता है। लेकिन, अगर आपको यह रोग है तो इस स्थिति में बलगम गाढ़ा गोंद की तरह हो जाता है। यह बलगम फिर शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस से हमारे फेफड़ों, एयरवेज और पाचन तंत्र में मोटी और स्टिकी बलगम बनने लगता है। जिससे इंफेक्शन हो सकता है और यह सिस्टिक फाइब्रोसिस शरीर को बहुत नुक्सान पहुंचा सकता है। इस रोग का सबसे बड़ा नुक्सान है लंग फेलियर (फेफड़ों का काम करना बंद करना), जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण
सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण इस प्रकार हैं:
- खारी त्वचा
- कफ के साथ लगातार खांसी
- निमोनिया या ब्रोंकाइटिस के साथ लगातार फेफड़ों में संक्रमण
- घरघराहट या सांस लेने में तकलीफ
- एक अच्छी भूख के बावजूद न विकास होना न ही वजन बढ़ना
- लगातार चिकना, अधिक मल आना या मल त्याग में मुश्किल होना
- पुरुषों में बांझपन
- लगातार फेफड़ों का इन्फेक्शन
सिस्टिक फाइब्रोसिस के कारण
सिस्टिक फाइब्रोसिस जीन में परिवर्तन, या नामान्तरण के कारण होता है, जिसे CFTR (सिस्टिक फाइब्रोसिस ट्रांस्मैम्ब्रेन कंडक्टर रेगुलेटर) कहा जाता है। यह जीन सेल्स के बाहर नमक और तरल पदार्थों के प्रवाह को नियंत्रित करता है। अगर CFTR इस तरह से काम नहीं करता है तो हमारे शरीर से स्टिकी बलगम निकलता है। यह बलगम श्वसन, पाचन और प्रजनन प्रणाली में पैदा हो सकता है और इसके साथ ही इससे पसीने में भी वृद्धि होती है। जीन में परिवर्तन स्थिति की गंभीरता के साथ जुड़ा हुआ है।
रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors)
पारिवारिक हिस्ट्री : क्योंकि सिस्टिक फाइब्रोसिस एक अनुवांशिक विकार है, यानी अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या है तो आपको यह रोग होने की संभावना बढ़ सकती है।
नस्ल: हालांकि, सिस्टिक फाइब्रोसिस सभी नस्लों में होता है,लेकिन उत्तरी यूरोपीय वंश के सफेद लोगों में यह सबसे आम है।
निदान
पहले निदान का अर्थ है पहले ही उपचार का शुरू होना और स्वस्थ जीवन जीना। अमेरिका के हर हिस्से में नए पैदा हुए शिशुओं में यह तीन टेस्ट कराएं जाते हैं ताकि सिस्टिक फाइब्रोसिस का पता चल सके। जैसे:
1) ब्लड टेस्ट (Blood Test)
यह टेस्ट इम्युनोरिएक्टिव ट्रिप्सिनोजेन (IRT) के लेवल की जांच करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को यह रोग होता है उनके खून में (IRT) का लेवल अधिक होता है।
2) DNA टेस्ट (DNA Test)
यह CFTR जीन के म्यूटेशन के लिए किया जाता है।
3) पसीने का टेस्ट
इस टेस्ट से आपके शरीर में पसीने का टेस्ट किया जाता है। अगर सामान्य से अधिक परिणाम आता है तो इससे इस रोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होती है।कुछ लोग जिनका जन्म के समय इस रोग का निदान न किया गया हो, उनका वयस्क होने तक CF का निदान नहीं किया जाता। यदि आपको इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, तो आपके डॉक्टर आपको डीएनए या पसीना टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।
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दवाएं
सिस्टिक फाइब्रोसिस के लिए आपके डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां और अन्य थेरपीस लेने का सुझाव दे सकते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह से इस रोग के लक्षणों पर निर्भर करता है।
आपके डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाइयां दे सकते हैं जो आपके एयरवेज को खोले, बलगम को पतला करे, इन्फेक्शन से राहत दिलाएं और आपके शरीर को भोजन से पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद करे।
यह दवाइयां इस प्रकार हैं:
1)एंटीबायोटिक्स
यह दवाइयां फेफड़ों के इन्फेक्शन का उपचार करने और फेफड़ों के अच्छे से काम करने में मदद करती हैं। आप इन्हें टेबलेट के रूप में खा सकते हैं या इनहेल कर सकते हैं।
2) एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां
इन दवाइयों में आइबूप्रोफेन और कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स शामिल हैं।
3) ब्रोंकोडाईलेटर्स
इन दवाइयों को आप इनहेलर के रूप में पा सकते हैं। यह आपके एयरवेज को खोलती हैं और आराम पहुंचाती हैं।
4) CFTR मोडलेटर्स
यह दवाइयां CFTR को उसका काम करने में मदद करती हैं ताकि फेफड़े अच्छे से काम करें और वजन के बढ़ने में आसानी हो।
5) कॉम्बिनेशन थेरेपी
नयी दवाई एलेक्सकाफ्टर/इवाकाफ्टर/तेजाकाफ्टर तीन CFTR मोडलेटर्स को मिलाता है ताकि CFTR प्रोटीन का काम प्रभावशाली तरीके से हो पाए।
उपचार
- अगर आप या आपके पार्टनर को सिस्टिक फाइब्रोसिस की समस्या है, तो आप दोनों को बेबी प्लानिंग से पहले आनुवंशिक परीक्षण करना होगा। यह टेस्ट लैब में खून के नमूने से किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि आपके होने वाले बच्चे को यह समस्या होने की कितनी संभावना है।
- अगर आप गर्भवती हैं और आपका टेस्ट यह बताता है कि आपके होने वाले बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस होने का खतरा है। तो आपके डॉक्टर बच्चे के विकास से जुड़े कुछ अतिरिक्त टेस्ट करा सकते हैं।
- जेनेटिक टेस्टिंग सब के लिए नहीं होती। इसलिए, टेस्ट से पहले आपको मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में एक जेनेटिक काउंसलर से बात करनी चाहिए ।
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एयरवे साफ़ करने की तकनीक
- चेस्ट थेरेपी : इस तकनीक में छाती या पीठ पर थपकियां दी जाती हैं ताकि फेफड़ों से बलगम को निकाला जा सके।
- ओसिलेटिंग डिवाइस : इस तकनीक में आप एक खास डिवाइस में सांस लेते हैं जो आपके एयरवेज को हिलाती है। इससे बलगम खांसी के माध्यम से बाहर आ जाता है।
फिजिकल थेरेपी
इस थेरेपी में सांस का व्यायाम कराया जाता है ताकि बलगम और छाती की दीवारों की परत में से हवा बाहर निकले। इससे आप आराम से खांस सकते हैं और ब्लॉक एयरवेज़ को आराम पहुंचती है।
यह सामान्य व्यायाम इस प्रकार हैं:
- ऑटोगेनिक ड्रेनेज: इसके लिए आपको तेजी से सांस को छोड़ना होता है। इससे छोटे एयरवेज़ से बलगम बाहर निकल कर बीच के एयर वेज़ तक आ जाती है और आसानी से बाहर निकल जाती है।
- सांस लेने का एक्टिव साइकिल : इससे आपकी सांस संतुलन में रहती है और ऊपरी छाती व कंधे आराम की स्थिति में होते हैं। इससे बलगम को बाहर निकलने और एयरवेज़ ब्लॉकेज से राहत पाने में मदद मिलती है।
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