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नॉन सर्जिकल टेस्ट (Nonsurgical tests)
नॉन सर्जिकल टेस्ट में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। इसमें ब्लड टेस्ट किया जाता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस सी संक्रमण वाले व्यक्तियों के लिए ये टेस्ट किया जा सकता है क्योंकि उन्हें लिवर फाइब्रोसिस की अधिक संभावना रहती है।
उपरोक्त टेस्ट के साथ ही डॉक्टर ऐसे टेस्ट भी कर सकते हैं, जिनमें कैल्युकुलेशन की जरूरत होती है। कुछ टेस्ट जैसे कि एमिनोट्रांस्फरेज-टू-प्लेटलेट रेशियो (aminotransferase to platelet ratio) या फिर ब्लड टेस्ट (blood test called) जैसे कि फाइब्रोस्योर (Fibrosure) आदि लिवर फंक्शन के छह मार्कर को नापने का काम करता है। इन टेस्ट के माध्यम से लिवर फाइब्रोसिस की स्टेज के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। डॉक्टर पहले व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर डायग्नोज करेंगे। अधिकतर मामलों में पहली स्टेज में बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। टेस्ट के बाद अब हम इस बीमारी ट्रीटमेंट के बारे में भी जान लेते हैं।
लिवर फाइब्रोसिस के लिए ट्रीटमेंट (Treatment options)
लिवर फाइब्रोसिस के लिए ट्रीटमेंट फाइब्रोसिस के कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टर अंडरलाइन इलनेस का इलाज करेंगे जिससे लिवर फाइब्रोसिस में भी राहत मिलेगी। जैसे अगर कोई इंसान अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करता है तो डॉक्टर शराब छोड़ने की सिफारिश कर सकता है ताकि यह ट्रीटमेंट प्रोग्राम को सपोर्ट करें। अगर मरीज को नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज है तो डॉक्टर वजन कम करने के लिए डायट में चेंज करने की सलाह भी दे सकता है। इसके साथ ही ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए मेडिकेशन और एक्सरसाइज भी बता सकता है। वजन कम करने से बीमारी की प्रोग्रेस धीमी हो सकती है। इसके साथ ही डॉक्टर एंटीफायब्रोटिक्स (antifibrotics) दे सकता है। यह लिवर स्केरिंग (liver scarring) को कम करता है।
अभी वैज्ञानिक इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं ताकि ऐसे ट्रीटमेंट्स को ला जा सकें जो लिवर फाइब्रोसिस को रिवर्स कर सके। हांलाकि अभी के समय में अगर कोई व्यक्ति लिवर फाइब्रोसिस की गंभीर स्थिति में पहुंच गया है तो उसके पास लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है।
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आपको बता दें कि लिवर सिरोरिस दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। इसलिए जरूरी है कि लिवर फाइब्रोसिस का इलाज समय रहते करवा लिया जाए क्योंकि यही आगे चलकर लिवर सिरोसिस में बदल जाता है। इसके शुरुआती सिम्पटम्स के बारे में पता न चलना भी इसका सबसे बड़ा जोखिम है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और लिवर फाइब्रोसिस और लिवर सिरोसिस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।