दूसरी तिमाही (Second quarter)
जैसे-जैसे आपके गर्भावस्था का समय बढ़ता है, ऐसे में तब आपका शरीर इन नए परिवर्तनों को स्वीकार नहीं कर पाता है । उसी समय, आपका बढ़ता हुआ गर्भाशय गुर्दें के ऊपर से प्रेशर को हटाता है। तब इन कारणों से, दूसरी तिमाही अक्सर बार-बार यूरिन जानें की समस्या ठीक हो जाती है।
तीसरी तिमाही (Third quarter)
गर्भावस्था के दौरान बार-बार यूरिन आना एक समस्या है, आमतौर पर तीसरी तिमाही में आना वॉपस श़ुरू हो सकती है। क्योंकि आपका गर्भाशय और आपका बढ़ते हुऐ बच्चे का वजन फिर से गुर्दे पर दबाव डलने लगता है।
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गर्भावस्था के दौरान बार-बार यूरिन आना और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में संबंध (Relationship between frequent urination and urinary tract infection)
हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन प्रॉब्लम होना कॉमन है,लेकिन इसे अनदेखा या कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। पेशाब रोक कर रखने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) की समस्या भी हो सकती है। मूत्राशय में यूरिन बैक्टीरिया के लिए प्रजनन आधार होते हैं, जो आम तौर पर आंतों में रहते हैं। कम सामान्यतः, यूटीआई ग्रुप बी स्ट्रेप (जीबीएस) नामक जीवाणु के कारण हो सकता है, जो एक अधिक गंभीर स्थिति है, जो आपके बच्चे को बहुत बीमार कर सकती है। आपके बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए गर्भावस्था के दौरान ओरल एंटीबायोटिक दवाओं और प्रसव के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।
यूटीआई के विशिष्ट लक्षणों में शामिल हैं:
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यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण विकसित करते हैं तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, आपके डाॅक्टर गर्भावस्था की शुरुआत में और फिर तीसरी तिमाही के दौरान यूरिन कल्चर टेस्ट करवाने काे बोल सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि लगभग 5 से 10 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में यूटीआई की समस्या तो होती है, पर उसके लक्षण नहीं दिखते हैं। उपचार के बिना, ये आपके और आपके बच्चे के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे कि किड्नी इंफेक्शन, जन्म के समय कम वजन कम होना या समय से पहले बच्चे का होना।
इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल की डॉक्टर रसिका परब का का कहना है कि प्रसव के दौरान, धीरे-धीरे और गहरी सांस लेने से आपको आराम करने में मदद मिलती है और यह आपकी मांसपेशियों में होने वाले तनाव को भी रोकता है, जिससे आपके गर्भाशय ग्रीवा का विस्तार होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को सांस फूलने की तकलीफ होती है। तो ऐसे में ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से आपको डिलीवरी के समय काफी आसानी होगी। सांस की समस्या से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान आप इस तरह से खुद को सक्रिए रखें। अधिकांश महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान हल्की-फुल्की फिटनेस गतिविधियों का आनंद ले सकती हैं, लेकिन अपने डॉक्टर से आपको व्यायाम करने के तरीके और रूटीन पर चर्चा अवश्य करनी चाहिए। डॉक्टर आपको आपकी मेडिकल हिस्ट्री के आधान पर व्यायाम करने के लिए गाइड करेगा। जो महिलाएं प्रेग्नेंट होने से पहले ही रनिंग (Running) जैसी जोरदार गतिविधि कर रही थीं वह इस रूटीन को जारी रख सकती हैं, लेकिन इसके लिए भी वह एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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गर्भावस्था के दौरान बार-बार यूरिन आना : उपचार (Frequent urination during pregnancy: Treatment)
गर्भावस्था के दौरान, विशेष रूप से अंतिम तिमाही के, जब भी आप हंसते, खांसते,छींकते, कुछ उठाते हैं या व्यायाम करते हैं, तो आपको यूरिन का रिसाव भी हो सकता है। इसे इसे स्ट्रेस इंकॉन्टिनेंस (Stress incontinence) कहा जाता है और यह आंशिक रूप से आपके मूत्राशय पर आपके गर्भाशय के दबाव के कारण होता है। डॉक्टर की सलाह के द्वारा कुछ व्यायाम कर के आप इस पर कंट्राेल पा सकते हैं, जो मूत्रमार्ग के आस-पास पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। यदि आपको यूरिन लिकेज की प्रॉब्लम हो रही है, तो समस्या को दूर करने के लिए पैंटी लाइनर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस बारे में अपने डॉक्टर को बताएं और बताएं गए उपचार को अपनाएं। प्रेग्नेंसी में बार-बार यूरिन होना, रात में खराब नींद का कारण भी बन सकता है। यदि आप रात में कई बार यूरिन की समस्या से परेशान हैं और यह आपकी नींद में बहुत अधिक बाधा डालता है, तो शाम के बाद तरल पदार्थों का कम सेवन करने का प्रयास करें। इसके अलावा कॉफी, चाय, कोला और किसी भी अन्य कैफीनयुक्त ड्रिंक से बचें। कैफीन ड्रिंक्स यूरिन की समस्या को बढ़ा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान बार-बार यूरिन आना क्या है, यह जाना आपने। इस समस्या के होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और बात करें। डॉक्टर द्वारा बताए गए कुछ एक्सरसाइज करने पर इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान बार-बार यूरिन आना और इसके उपचार के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।