प्रेग्नेंट बेली पर प्रेशर का शिशु पर असर: क्या कोई खास ट्राइमेस्टर अन्य से अधिक खतरनाक है?
क्योंकि, फर्स्ट ट्राइमेस्टर में भ्रूण बहुत छोटा है, तो उसे एब्डोमिनल कांटेक्ट या ट्रॉमा का रिस्क नहीं रहता है। ऐसे में, नेगटिव आउटकम होना असंभव नहीं है, लेकिन यह तब तक दुर्लभ हैं, जब तक कि चोट गंभीर न हो। लेकिन, इनकी संभावना सेकंड ट्राइमेस्टर में बढ़ जाती है क्योंकि शिशु का बेट बढ़ना शुरू हो जाता है। हालांकि, अभी भी शिशु को नुकसान होने के चांसेस कम होते हैं। प्रेग्नेंट बेली पर प्रेशर का शिशु पर असर (Effect of pressure in pregnant belly on baby) सबसे अधिक पड़ता है तीसरी तिमाही में। लेकिन, थर्ड ट्राइमेस्टर बहुत ही ज्यादा अलग है। इस दौरान शिशु तेजी से बढ़ रहा होता है और पेट में अधिकतर जगह घेर रहा होता है।
इसका मतलब है कि इस समय एमनियोटिक फ्लूइड (Amniotic fluid) और बॉडी फैट से कुशनिंग कम हो सकती है। इससे प्लेसेंटा एब्रप्शन(placental abruption) का रिस्क बढ़ जाता है, जो तीसरी तिमाही में होना सामान्य है। हालांकि, प्लेसेंटा एब्रप्शन हमेशा ट्रॉमा का कारण नहीं होता है लेकिन इससे ट्रॉमा हो सकता है जिससे ब्लीडिंग, दर्द और यहां तक प्रीमेच्योर डिलीवरी भी हो सकती है। जब बात एब्डोमिनल इम्प्लांट (Abdominal impact) की आती है, तो यह कुछ फैक्टर्स कम्बाइंड हो कर तीसरी तिमाही को और भी डेंजरस बना सकते हैं। प्रेग्नेंट बेली पर प्रेशर का शिशु पर असर (Effect of pressure in pregnant belly on baby) के बारे में यह जानकारी बेहद जरूरी है अब जानते हैं कि गर्भ में शिशु को कैसे प्रोटेक्ट करें?

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गर्भ में शिशु का कैसे रखें ध्यान?
महिला का शरीर नाजुक नहीं होता है। तभी तो महिलाएं गर्भावस्था में भी काम करती हैं। यही नहीं, इस दौरान खेतों और फैक्टरीज में महिलाएं कड़ी मेहनत करती हैं। यूटरस वो मस्कुलर ऑर्गन है, जो शिशु की गर्भ में प्रोटेक्शन करती है। जब एमनियोटिक फ्लूइड (Amniotic fluid) के शॉक एब्जॉर्बर और गर्भावस्था के दौरान आपका वजन बढ़ने लगता है, तो आपका शिशु पेट के डेली एब्डोमिनल कांटेक्ट के प्रभावों से ग्रसित हो जाता है। एब्डोमिनल ट्रॉमा अलग होता है। व्हीकल एक्सीडेंट, गिरना या अधिक वजन उठाने से शिशु को नुकसान हो सकता है। लेकिन, एब्डोमिनल ट्रॉमा के जोखिम को कम करने के लिए सावधानियों को बरतना बेहद जरूरी है। आइए जानें इन तरीकों के बारे में:
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प्रेग्नेंट बेली पर प्रेशर का शिशु पर असर (Effect of pressure in pregnant belly on baby): कौन सी हैं वो सामान्य चीजें, जिनका रखें खास ख्याल
प्रेग्नेंट बेली पर प्रेशर का शिशु पर असर (Effect of pressure in pregnant belly on baby) के साथ ही उन चीजों के बारे में जानकारी होना जरूरी है जिनसे शिशु को हानि हो सकती है। इसके साथ ही इन रिस्क्स से बचाव के बारे में भी जानें: