प्रेग्नेंसी वीक 42 में गर्भस्थ शिशु का विकास
प्रेग्नेंसी वीक 42 में मेरे शिशु का विकास कैसा है?
प्रेग्नेंसी वीक 42 में आपकी गर्भावस्था को ओवरड्यू मान लिया जाता है, जिसका मतलब है कि आपकी ड्यू डेट को गुजरे हुए दो हफ्ते से ज्यादा हो चुके हैं। हालांकि, आपको यह समझने की जरूरत है कि अगर आपकी डिलिवरी अभी नहीं हुई है, तो घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। असल में, अधिकतर शिशुओं का जन्म उनकी ड्यू डेट पर नहीं होता। इसकी जगह, ज्यादातर मामलों में नवजात का जन्म ड्यू डेट के दो हफ्तों के अंदर होता है। इसलिए, अगर आपकी डिलिवरी अभी तक नहीं है और आप प्रेग्नेंसी वीक 42 में आ चुकी हैं, तो बहुत जल्दी आपका शिशु जन्म लेने वाला है। 98 प्रतिशत नवजात प्रेग्नेंसी वीक 42 से अंत या उससे पहले जन्म ले लेते हैं, इसलिए आपके शिशु से मिलने का इंतजार बहुत जल्द खत्म होने वाला है।
प्रेग्नेंसी वीक 42 में शिशु का बड़ा साइज होने के बावजूद आप दूसरी गर्भवती महिलाओं की तरह अपनी वजाइना से नॉर्मल डिलिवरी कर सकती हैं। हालांकि, ओवरड्यू प्रेग्नेंसी सामान्य होती हैं, बस इसमें जन्मे नवजात के नाखून थोड़े बड़े और ड्राई, एड़ी की त्वचा में क्रैक या त्वचा पर झुर्रियां दिख सकती हैं। कभी-कभी स्टिलबर्थ की वजह से भी गर्भावस्था इतनी लंबी चल सकती है। प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में जन्मे शिशु के बारे में ऊपर बताई गई स्थितियां अस्थायी होती हैं और यह उसको सुरक्षा प्रदान करने वाली परत वर्निक्स के गायब होने से होता है। जो कि कुछ दिनों में ही सामान्य हो जाती हैं।
अगर प्रेग्नेंसी वीक 42 के अंत तक आपको प्राकृतिक तरीके से लेबर नहीं होता है, तो डॉक्टर आपको लेबर इंडक्शन के लिए सलाह दे सकता है। हालांकि, इसके बारे में निर्णय लेने के लिए आप स्वतंत्र हैं। लेबर इंडक्शन से 410 में से 1 शिशु के जीवन को बचाया जाता है। दूसरी तरफ, प्रेग्नेंसी वीक 41 के बाद किया गए लेबर इंडक्शन से आगे की जटिलताओं का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, लेकिन सी सेक्सन का खतरा घट जाता है।
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प्रेग्नेंसी वीक 42 में शारीरिक और दैनिक जीवन में परिवर्तन
प्रेग्नेंसी वीक 42 में मेरे शरीर में क्या-क्या बदलाव होते हैं?
प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में भी आपको पिछले हफ्तों की तरह ही प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखाई देते हैं। जिन लक्षणों में लेग क्रैंप, सोने में दिक्कत, कमर दर्द, पेल्विक प्रेशर, बवासीर, बार-बार पेशाब आना और संकुचन मुख्य रूप से शामिल है। आपको साइकोलोजिकल स्ट्रेस का सामना भी करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी वीक 42 के अंत तक आपके शिशु के जन्म की भारी संभावना होती है, इसलिए आपको लेबर के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। जैसे-
- म्यूकस डिस्चार्ज (खूनी हो सकता है)
- वॉटर ब्रेकिंग
- छोटे अंतराल पर लगातार और गंभीर संकुचन
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प्रेग्नेंसी वीक 42 के दौरान मुझे किन बातों के बारे में चिंतित होना चाहिए?
हालांकि, ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में खतरे की कोई बड़ी चिंता नहीं होती, लेकिन फिर भी प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में इन जटिलताओं का खतरा हो सकता है। जैसे-
- प्लासेंटा की समस्या
- लो एम्नियोटिक फ्लूड
- गर्भनाल की समस्या
- डिलिवरी में आशंकित शारीरिक चोट
- सी-सेक्शन डिलिवरी की आपातकालीन स्थिति
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प्रेग्नेंसी वीक 42 में डॉक्टरी सलाह
प्रेग्नेंसी वीक 42 में मुझे डॉक्टर को क्या-क्या बताना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 42 में आपको डॉक्टर से ऊपर बताई गई आशंकित जटिलताओं के बारे में बातचीत करनी चाहिए। प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में आपको गर्भ में शिशु के पैर मारने की गिनती पर ध्यान देना चाहिए, जैसा कि आप पूरे गर्भावस्था में करती आई हैं। अगर आपको उसकी हलचल की फ्रीक्वेंसी में कोई बदलाव दिखता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करें।
इसके अलावा, आपको प्रेग्नेंसी वीक 42 में असामान्य डिस्चार्ज, ब्लीडिंग या पेट दर्द के बारे में ध्यान रखना चाहिए। अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखता है, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।
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प्रेग्नेंसी वीक 42 के दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में आपके डॉक्टर को आपकी प्रेग्नेंसी की बारीकी नजर रखने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में सामान्य गर्भावस्था के मुकाबले जटिलताओं के होने का खतरा ज्यादा होता है। जब तक आपका शिशु डॉक्टर की बारीकी नजर में रहेगा और उसमें किसी जटिलता की आशंका नहीं दिखती तो वह पूरी तरह से स्वस्थ माना जाता है।
प्रेग्नेंसी वीक 42 के दौरान आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य को परखने के लिए डॉक्टर को कुछ जांच कर सकता है। इन टेस्ट्स में 42 वीक प्रेग्नेंट अल्ट्रासाउंड, नॉन स्ट्रेस टेस्ट (NST) और एक कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रेस टेस्ट शामिल होते हैं। इन टेस्ट्स का लक्ष्य आपके शिशु के स्वस्थ हलचल, सांस, हृदयगति और पर्याप्त एम्नियोटिक फ्लूड की जांच करना होता है।
ओवरड्यू प्रेग्नेंसी में बढ़े हुए खतरों की वजह से डॉक्टर प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में मेडिकल लेबर इंडक्शन के लिए जोर देता है। यह इंडक्शन तब ज्यादा जरूरी हो जाता है, जब आपका शिशु गर्भ के अंदर ज्यादा समय न बिताने के संकेत देता है। लेबर इंडक्शन निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है। जैसे-
मेंब्रेन को स्ट्रिप करना- डॉक्टर अपनी उंगलियों की मदद से आपके एम्नियोटिक सैक के इर्द-गिर्द स्वाइप करते हैं, जिससे कुछ हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो कि अगले 48 घंटों में संकुचन शुरू करते हैं।
वॉटर ब्रेक करना- डॉक्टर के खास औजार से आपके एम्नियोटिक सैक को काट सकता है। इससे कुछ ही घंटों में संकुचन शुरू हो जाता है।
सर्विक्स को काटना- इस तरीके में डॉक्टर प्रोस्टाग्लैंडिन नामक कुछ खास तरीके की दवा को आपकी वजाइना के अंदर इंसर्ट करता है। रातभर में यह दवा सर्विक्स को गला देती है।
कॉन्ट्रैक्शन स्टिमूलेशन- इस तरीके में ऑक्सीटोसिन के IV और सिंथेटिक वर्जन की मदद से कॉन्ट्रैक्शन स्टिमूलेट किया जाता है।
प्रेग्नेंसी वीक 42 में स्वास्थ्य और सुरक्षा
प्रेग्नेंसी वीक 42 में अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी किन बातों के बारे में मुझे पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 42वें हफ्ते में आप इन तरीकों की मदद ले सकती हैं। जैसे-
- हमेशा डॉक्टर को हर जानकारी देती रहें।
- संभावित विकल्पों के बारे में डॉक्टर से पूरी तरह जानकारी लें।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए किसी टेस्ट को न छोड़ें।
- ज्यादा चहलकदमी करें।
- स्ट्रेस से दूर रहें।
- पेल्विक पेन, सोने में दिक्कत, संकुचन या अन्य गंभीर प्रेग्नेंसी के लक्षणों के दौरान खुद को संभालें।
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