गोनाडोट्रॉपिन्स के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Gonadotropins side effects)
गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के उपयोग से कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं।
ओवेरियन हायपरस्टिम्युलेशन सिंड्रोम (Ovarian hyperstimulation syndrome)
ओएचएसएस (OHSS) गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) को लेने से होने वाला सीरियस कॉम्प्लिकेशन है। माइल्ड ओएचएसएस 10 से 20 प्रतिशत महिलाओं को होता है। इसके गंभीर होने की संभावना 1 प्रतिशत तक होती है जानलेवा भी हो सकता है, अगर इलाज उचित प्रकार से ना किया जाए।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज : क्या मेनोपॉज के बाद मां बनने का सपना हो सकता है साकार?
मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple pregnancy)

गोनाडोट्रॉपिन्स के उपयोग से मल्टिपल प्रेग्नेंसी का खतरा भी रहता है। कुछ स्टडीज में इस बात का दावा किया गया है कि गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के उपयोग से होने वाली प्रेग्नेंसीज में ट्विन्स बच्चों का जन्म होता है। जो बच्चे और मां दोनों के लिए खतरा बन सकती है। ट्रीटमेंट साइकल की मॉनिटरिंग से मल्टिपल प्रेग्नेंसी के रिस्क को कम किया जा सकता है। कई डॉक्टर तीन से ज्यादा फॉलिकल्स डेवलप होने पर या ईस्ट्राडियोल का लेवल हाय होने पर ट्रीटमेंट केंसिल कर देते हैं।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic (Tubal) Pregnancies)
एक से दो प्रतिशत नैचुरल प्रेग्नेंसी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में कंवर्ट होती है जबकि गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के उपयोग से इसका रिस्क बढ़ जाता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी जीवन के लिए खतरा हो सकती है और इसके लिए दवा या सर्जरी के साथ उपचार की आवश्यकता होती है। कभी-कभी एक ट्यूबल गर्भावस्था एक हेटरोटोपिक गर्भावस्था (Heterotopic pregnancy) के रूप में हो सकती है। इसे हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।
और पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों में सेक्स से लेबर पेन शुरू हो सकता है?
ओवेरियन ट्विस्टिंग (Ovarian twisting)
गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के उपयोग से 2 प्रतिशत से कम मामले ओवेरियन ट्विस्टिंग के पाए गए हैं। जिसमें स्टिम्युलेट होने के बाद ओवरी ट्विस्ट हो जाती है क्योंकि फॉलिकल्स के कारण यह हैवी हो जाती है। इससे ब्लड सप्लाई रुक सकती है। इसके लिए सर्जरी के लिए की आवश्यकता पड़ सकती है। सीवियर केस में ओवरी को रिमूव तक करना पड़ता है।
अन्य रिस्क
गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) मिसकैरिज, प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन जैसे कि हाय ब्लड प्रेशर, प्लेसेंटल एबरप्शन (Placental Abruption) आदि का रिस्क बढ़ा सकते हैं।
गोनाडोट्रॉपिन्स का उपयोग कितना सफल है? (Success rate of Gonadotropins)
गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के साथ ट्रीटमेंट की सफलता कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जिसमें उम्र, इनफर्टिलिटी की वजह, ओवरऑल हेल्थ आदि शामिल हैं। अमेरिका के द जोन्स इंस्टीट्यूट फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (The Jones Institute for Reproductive Medicine) द्वारा 2011 के एक अध्ययन में 1,400 गोनाडोट्रॉपिन के ट्रीटमेंट साइकल को देखा। जिसमें कुल गर्भावस्था दर 12% थी, जिसमें जीवित जन्म दर लगभग 7.7% थी। यंगर पेशेंज में जन्म दर अधिक थी।
गोनाडोट्रॉपिन्स का उपयोग इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे कपल के लिए मददगार, लेकिन इसके उपयोग के साथ कुछ रिस्क भी हैं। इस ट्रीटमेंट को चुनने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें। साथ ही किसी भी गोनाडोट्रॉपिन ड्रग का यूज डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) और इनफर्टिलटी ट्रीटमेंट में इनके उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।