गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के उपयोग से 2 प्रतिशत से कम मामले ओवेरियन ट्विस्टिंग के पाए गए हैं। जिसमें स्टिम्युलेट होने के बाद ओवरी ट्विस्ट हो जाती है क्योंकि फॉलिकल्स के कारण यह हैवी हो जाती है। इससे ब्लड सप्लाई रुक सकती है। इसके लिए सर्जरी के लिए की आवश्यकता पड़ सकती है। सीवियर केस में ओवरी को रिमूव तक करना पड़ता है।
अन्य रिस्क
गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) मिसकैरिज, प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन जैसे कि हाय ब्लड प्रेशर, प्लेसेंटल एबरप्शन (Placental Abruption) आदि का रिस्क बढ़ा सकते हैं।
गोनाडोट्रॉपिन्स का उपयोग कितना सफल है? (Success rate of Gonadotropins)
गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) के साथ ट्रीटमेंट की सफलता कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जिसमें उम्र, इनफर्टिलिटी की वजह, ओवरऑल हेल्थ आदि शामिल हैं। अमेरिका के द जोन्स इंस्टीट्यूट फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (The Jones Institute for Reproductive Medicine) द्वारा 2011 के एक अध्ययन में 1,400 गोनाडोट्रॉपिन के ट्रीटमेंट साइकल को देखा। जिसमें कुल गर्भावस्था दर 12% थी, जिसमें जीवित जन्म दर लगभग 7.7% थी। यंगर पेशेंज में जन्म दर अधिक थी।
गोनाडोट्रॉपिन्स का उपयोग इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे कपल के लिए मददगार, लेकिन इसके उपयोग के साथ कुछ रिस्क भी हैं। इस ट्रीटमेंट को चुनने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें। साथ ही किसी भी गोनाडोट्रॉपिन ड्रग का यूज डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको गोनाडोट्रॉपिन्स (Gonadotropins) और इनफर्टिलटी ट्रीटमेंट में इनके उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।