के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
जब गर्भ में जुड़वां, तीन या तीन से ज्यादा बच्चे पल रहें हों, तो उसे मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) कहते हैं। गर्भ में तीन या तीन से ज्यादा बेबी होने पर इसे हाइयर ऑर्डर प्रेग्नेंसी (Higher Order Pregnancy) कहते हैं। 50 में से 1 महिला को मल्टिपल प्रेग्नेंसी होती है।
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इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
गर्भवती महिला की उम्र 35 वर्ष या इससे ज्यादा होने पर मल्टिपल प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है।
रिसर्च के अनुसार अलग-अलग एग से पैदा होने वाले बच्चे फ्रेटरनल कहलाते हैं। ऐसा तब होता है, जब दो या इससे ज्यादा एग स्पर्म से फर्टिलाइज होते हैं। यही नहीं अगर महिला के परिवार में पहले से ही फ्रेटरनल ट्विन्स (Twins) हैं ,तो इसकी संभावना बढ़ जाती है। अधिकांश ट्विन्स इसी तरह के होते हैं। ऐसे ट्विन्स एक जैसे भी दिख सकते हैं और अलग-अलग भी दिख सकते हैं।
परिवार में मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) होने की स्थिति में इसकी संभावना ज्यादा हो सकती है।
इन प्राकृतिक कारणों के अलावा मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे-
हेल्थ एक्सपर्ट ऑव्युलेशन (Ovulation) के लिए दवा देते हैं, जिससे ऑव्युलेशन का समय रेगुलर हो जाता है। एग बनने के लिए फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) और क्लोमिफेन सिट्रेट (Clomiphene citrate) दिए जाते हैं। इन दवाओं के सेवन से कभी-कभी ज्यादा एग भी बनने लगते हैं। ऐसी स्थिति में फर्टिलाइज्ड एग डिजाइगोट या फ्रेटरनल ट्विन्स बनने लगते हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के दौरान मैच्योर एग्स को ओवरी (अंडाशय, जहां पर एग्स बनते हैं) से बाहर निकालकर प्रयोगशाला में रखा जाता है। इसके बाद स्पर्म (Sperm) के साथ इन्हें फर्टिलाइज कराया जाता है।
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मल्टिपल प्रेग्नेंसी के निम्नलिखित लक्षण होते हैं
मॉर्निंग सिकनेस किसी भी प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में सामान्य लक्षण है, लेकिन जरूरत से ज्यादा मतली या उल्टी (Vomiting) होना या फिर स्तन का अत्यधिक सॉफ्ट होना मल्टिपल प्रेग्नेंसी की निशानी हो सकती है।
गर्भावस्था में 11 से 16 किलो तक वजन बढ़ना सामान्य माना जाता है, लेकिन इससे ज्यादा वजन बढ़ना गर्भ में एक, दो या इससे ज्यादा बच्चे होने के संकेत हो सकते हैं। दूसरे ट्राइमेस्टर में बढ़ा हुआ वजन आसानी से समझा जा सकता है।
मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) में गर्भ का साइज सामान्य गर्भावस्था की तुलना में ज्यादा बड़ा होता है। सामान्य भाषा में अगर इसे समझा जाए तो बेबी बम्प बड़ा होता है।
ट्विन्स या इससे ज्यादा बेबी गर्भ में होने से गर्भवती महिला को भूख ज्यादा लगने लगती है। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि फीटस (शिशु) को ज्यादा आहार (न्यूट्रिशियन) की जरूरत होती है ।
इन लक्षणों के साथ-साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं क्योंकि हर गर्भवती महिला के शरीर की बनावट अलग होती है ।
मल्टिपल प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही एक्स्पर्ट निम्नलिखित तकनीक की मदद लेते हैं। इनमें शामिल हैं-
गर्भवती महिलाओं में ह्यूमन कोरिओनिक गोनडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin) हार्मोन अत्यधिक होता है। ऐसी गर्भवती महिलाएं जिनमें एक से ज्यादा फीटस होते हैं तो उनमें HCG लेवल और ज्यादा होता है। गर्भवती महिला के ब्लड में ह्यूमन कोरिओनिक गोनडोट्रोपिन हॉर्मोन की बढ़ी हुई मात्रा मल्टिपल प्रेग्नेंसी को दर्शाती है।
20 हफ्ते से ज्यादा की गर्भवस्था में अल्ट्रासाउंड की मदद से मल्टिपल प्रेग्नेंसी की जानकारी मिल जाती है।
गर्भावस्था के दौरान फीटस से प्रोटीन सिक्रीट होता है, जिसे अल्फा-फिटोप्रोटीन (AFP) कहते हैं। अल्फा-फिटोप्रोटीन शिशु के लिवर से निकलता है और गर्भवती महिला (मां) के ब्लड में मिल जाता है। प्रेग्नेंसी के 15वें हफ्ते और 17वें हफ्ते के दौरान अल्फा-फिटोप्रोटीन की जांच की जाती है। इस दौरान अल्फा-फिटोप्रोटीन की बढ़ी हुई मात्रा गर्भ में एक से अधिक फीटस होने के कारण होता है।
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गर्भ में पल रहे शिशु और गर्भवती महिला के हेल्थ के कंडिशन को देखते हुए बेबी की डिलिवरी होती है।
किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी अगर गर्भवती महिला को नहीं होती है, तो वजायनल डिलिवरी (Vagainl delivery) हो सकती है। यही नहीं बच्चे का सिर भी नीचे की ओर रहने पर वजायनल डिलिवरी में कोई परेशानी नहीं होती है। वजायनल डिलिवरी के दौरान आपको क्या सावधानियां रखनी होंगी इसके बारे में डॉक्टर से पहले ही समझ लें।
समय से पहले बच्चे के जन्म होने की स्थिति में सिजेरियन डिलिवरी (Cesarean Delivery) की जा सकती है। गर्भ में पल रहा शिशु का सिर अगर ऊपर के साइड है तो ऐसी स्थिति में भी सी-सेक्शन किया जाता है। गर्भ में अगर 3 या इससे ज्यादा शिशु के होने की स्थिति में शुरू से ही डॉक्टर सी-सेक्शन (C-section) डिलिवरी की जानकारी दे देते हैं। ऐसे में परेशान न हो और डॉक्टर को सपोर्ट करें।
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मल्टिपल प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु का जन्म निम्नलिखित समय पर हो सकता है-
मल्टिपल प्रेग्नेंसी की जानकारी मिलने पर परेशान न हों सिर्फ जिन-जिन बातों की डॉक्टर ने सलाह दी है उन्हें जरूर मानें। जो भी दवा दी गई हैं उनका समय पर उपयोग करें। और किसी प्रकार की दवा या डायट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। डॉक्टर की सलाह से फिजिकल एक्टिविटीज को अपने रूटीन में जरूर शामिल करें। आप प्रीनेटल योगा क्लास भी जॉइन कर सकती हैं। हम आशा करते हैं कि मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। प्रेग्नेंसी मल्टिपल हो या सिंगल महिला को अपना ध्यान एक समान ही रखना चाहिए। हालांकि मल्टिपल प्रेग्नेंसी (Multiple Pregnancies) में एहतियात ज्यादा रखना बेहतर होगा। इस दौरान पोषण और फिजिकल फिटनेस का विशेष ध्यान रखना आपको हेल्दी प्रेग्नेंसी की और ले जाएगा।
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