महिलाओं के साथ ही पुरुषों में भी इनफर्टिलिटी या बांझपन का साइकोलॉजिकल प्रभाव पड़ता है। फिजिकल, इमोशनल, सेक्शुअल, स्प्रिचुअल और फाइनेंशियल तौर पर कपल्स की लाइफ इनफर्टिलिटी की वजह से डिस्टर्ब हो सकती है। मेंटल हेल्थ की समस्या के तौर पर मुख्य रूप से चिंता और अवसाद है। महीनों के गुजरने से साथ ही महिला और पुरुष को पेरेंट्स न बन पाने की समस्या परेशान करती रहती है। इस कारण से गुस्सा, अपराधबोध, उदासी के साथ ही पेरेंट्स बनने की आशा हर पल रहती है। ऐसे कपल्स के सामने जब भी कोई अपनी प्रेग्नेंसी की बात करता है, कपल्स की चिंता और तनाव में वृद्दि होने लगती है। इसे ही इनफर्टिलिटी का साइकोलॉजिकल प्रभाव कहते हैं।
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साइकोलॉजिकल डिस्ट्रेस और इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Psychological Distress and Infertility Treatment)
इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान कपल्स की मेंटल हेल्थ पहले से ही कमजोर होती है। इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट जैसे आईवीएफ आदि प्रॉसेस फेल हो जाने पर चिंता और अवसाद में वृद्दि हो सकती है। इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के डिफरेंट स्टेट को एक्जामिन किया गया। इन दौरान की गई स्टडी में ये बात सामने निकल कर आई कि पुरुषों की बजाय महिलाएं ट्रीटमेंट के दौरान अधिक डिप्रेस होती हैं। महिलाओं पर इनफर्टिलिटी का साइकोलॉजिकल प्रभाव ज्यादा पड़ता है।
पुरुषों में इनफर्टिलिटी का साइकोलॉजिकल प्रभाव देखने को कम मिलता है। ट्रीटमेंट की संख्या बढ़ने के साथ ही तनाव में वृद्दि भी दर्ज की गई। पहली बार आईवीएफ ट्रीटमेंट ले रही महिला और चौथी बार ट्रीटमेंट ले रही महिला के डिप्रेशन लेवल को भी चेक किया गया। रिजल्ट में ट्रीटमेंट के साथ डिप्रेशन में इजाफा देखने को मिला। महिलाओं में इनफर्टिलिटी का साइकोलॉजिकल प्रभाव को देखते हुए काउंसर से सलाह लेना सही समाधान हो सकता है। काउंसल के पास जाने से पहले आपको किसी भी प्रकार की परेशानी की जरूरत नहीं है। ये कोई गंभीर परेशनी नहीं है। अगर आप हिम्मत दिखाकर समाधान करने का प्रयास करेंगे तो सकता है कि आपको कुछ ही समय बाद पॉजिटिव इफेक्ट देखने को मिल जाए।
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इनफर्टिलिटी का साइकोलॉजिकल प्रभाव (Psychological effects of infertility) – मेडिकेशन साइड इफेक्ट
ट्रीटमेंट के दौरान कुछ ऐसे ड्रग्स यूज किए जाते हैं जो साइकोलॉजिकल साइड इफेक्ट डालते हैं। सिंथेटिक ईस्ट्रोजन क्लोमीफीन साइट्रेट (synthetic estrogen clomiphene citrate ) ऑव्युलेशन इप्रूवमेंट और स्पर्म की संख्या में इजाफा करता है। इस वजह से चिंता, तनाव, नींद में समस्या, मूड स्विंग, और महिलाओं में चिड़चिड़ापन देखने को मिल सकता है। इनफर्टिलिटी की मेडिसिन खाने से तनाव में वृद्दि देखने को मिल सकती है। दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट को समझ पाना कई बार समझ पाना मुश्किल होता है।