अगर एक बार एंब्रियो इंप्लांटेशन (Implantation) हो जाता है, तो हॉर्मोन्स का सिकरीशन चालू हो जाता है, जिससे कि पूरा शरीर बच्चे के लिए तैयार होना शुरू हो जाता है। इसके साथ ही महिला के पीरियड्स भी बंद हो जाते हैं। फर्टिलाइजेशन के लगभग आठ से नौ दिनों के बाद प्रत्यारोपण या इंप्लांटेशन शुरू होता है, हालांकि, यह छह दिनों की शुरुआत में और ऑव्यूलेशन के 12 दिनों के बाद तक हो सकता है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में रहना है हेल्दी, तो आहार में जरूर शामिल करें इन प्रोटीन सोर्सेज को!
इंप्लांटेशन (Implantation) होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
इंप्लांटेशन (Implantation) की प्रक्रिया के दौरान शरीर में एक नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के लक्षण नजर आते हैं। वहीं कुछ महिलाओं को यह लक्षण महसूस नहीं होते हैं। आइए जानते हैं इस दौरान एक महिला के शरीर में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं।
इस दौरान होती है स्पॉटिंग
जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी नहीं होती है, वह अक्सर अपने पीरियड्स का इंतजार करती हैं। अगर ऐसे में उन्हें कुछ मात्रा में ब्लीडिंग हो जाती है, तो उन्हें लगता है कि कुछ ही दिनों बाद उनके पीरियड्स शुरू हो जाएंगे लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। जो महिलाएं कंसीव कर लेती हैं, उनमें लाइट ब्लीडिंग हो सकती है। यह लाइट ब्लीडिंग पीरियड्स को लेकर कन्फ्यूजन पैदा कर सकती है। वही इंप्लांटेशन (Implantation) के दौरान कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग या स्पॉटिंग नहीं होती है। अगर आपको भी ऐसी ब्लीडिंग हुई है और उसके बाद अचानक से पीरियड्स या ब्लीडिंग जैसा कुछ भी न हो, तो ऐसे में आपको प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर करना चाहिए।
और पढ़ें: Pregnancy Rash: प्रेग्नेंसी में रैश के कारण क्या हो सकते हैं?