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35 की उम्र में कर रहीं हैं प्रेग्नेंसी प्लानिंग तो हो सकते हैं ये रिस्क

35 की उम्र में कर रहीं हैं प्रेग्नेंसी प्लानिंग तो हो सकते हैं ये रिस्क

वैज्ञानिक दृष्टि से एक महिला के लिए गर्भधारण की सबसे सही उम्र 20-30 वर्ष की होती है क्योंकि इस समय में प्रजनन क्षमता (गर्भवती होने की क्षमता) सबसे अच्छी मानी जाती है। लखनऊ की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. विधु श्रीवास्तव कहती हैं “30 की उम्र के बाद फर्टिलिटी कम होती जाती है। 35 के बाद प्रेग्नेंसी या 45 साल की उम्र तक, प्रजनन क्षमता में गिरावट आ जाती है जिससे महिलाओं के स्वाभाविक रूप से गर्भवती होने के चांजेस बहुत कम हो जाते हैं लेकिन, पिछले कुछ सालों में भारत में 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी के केसेस लगभग 20-30 प्रतिशत बढ़े हैं।”

कई महिलाएं 35 की आयु के बाद पहली प्रेग्नेंसी प्लान करती हैं। मेडिकल भाषा में इसे एल्डरली प्राइमीग्रिविडा (Elderly Primigravida) कहते हैं। मगर इस उम्र में गर्भधारण में थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि उम्र बढ़ने से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। हालांकि, अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो 35 की उम्र के बाद भी सेफ प्रेग्नेंसी हो सकती है। इसमें बॉलीवुड की कई सेलिब्रिटीज जैसे- ऐश्वर्या राय बच्चन, शिल्पा शेट्टी और रानी मुखर्जी शामिल हैं, जिनकी 35 की उम्र के बाद पहली डिलिवरी हुई है। यहां हम आपको 35 के बाद की प्रेग्नेंसी से जुड़ी सभी तरह की जानकारी दे रहे हैं जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

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35 के बाद प्रेग्नेंसी: 35 वर्ष की आयु के बाद गर्भधारण करने में क्या समस्याएं आती हैं?

35 की उम्र के बाद गर्भधारण करने में अधिक समय लग सकता है। उम्र के साथ प्रजनन क्षमता में गिरावट का सबसे आम कारण कम ऑव्युलेशन है। जन्म के समय एक महिला के यूटरस में लगभग एक मिलियन से दो मिलियन के बीच अंडे होते हैं। 30-40 की उम्र आते-आते अंडों की संख्या आधी ही रह जाती है और इनकी क्वालिटी में भी गिरावट आ जाती है। रिसर्च के अनुसार इन अंडों की संख्या में वृद्धि नहीं की जा सकती है, सिर्फ उसकी गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। इसी, वजह से 35 वर्ष की आयु के बाद गर्भधारण में थोड़ी समस्या आती है, हालांकि प्रेग्नेंट होने के लिए एक अंडा भी काफी होता है। 

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35 के बाद प्रेग्नेंसी: उम्र का शिशु के जन्म पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ऐसे तो शिशु में गुणसूत्र असामान्यता ( chromosome abnormality) का रिस्क बहुत ही कम होता है लेकिन, ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंसी इसके जोखिम को बढ़ा सकती है। लेट प्रेग्नेंसी के चलते शिशु में ज्यादा या कम गुणसूत्र होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे बच्चों में डाउन सिंड्रोम (समान्यतः बच्चे में 46 गुणसूत्र होते, लेकिन ऐसे में 47 क्रोमोजोम पाए जाते हैं) होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही ट्राइसॉमी 21 जैसी हेल्थ कंडीशन भी सामने आ सकती हैं।

उम्र के हिसाब से बच्चे में होने वाला डाउन सिंड्रोम की संभावना कुछ ऐसी हो सकती है

  • 20 साल की उम्र में 1,480 में से एक बच्चा 
  • 30 साल की उम्र में 940 में एक बच्चा 
  • 35 वर्ष की आयु में 353 में एक बच्चा 
  • 40 साल की उम्र में 85 में से एक बच्चा 
  • 45 वर्ष की आयु में 35 में से एक बच्चा 

35 के बाद प्रेग्नेंसी: क्या शिशु में होने वाले जन्मदोष का पता लगाया जा सकता है?

हां। प्रसव पूर्व कई तरह की स्क्रीनिंग और टेस्ट से यह जाना जा सकता है कि गर्भ में पल रहे शिशु को किसी तरह का जन्मदोष या अनुवंशिक विकार है।  प्रत्येक महिला को अपने प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ (obstetrician–gynecologist) से इन परीक्षण विकल्पों के बारे में सलाह लेनी चाहिए।

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35 के बाद प्रेग्नेंसी करने से क्या समस्याएं आ सकती हैं?

  • हार्मोनल परिवर्तन के कारण 35 की उम्र के बाद गर्भधारण से जुड़वा शिशु होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि एक ही समय में अंडाशय से कई अंडे रिलीज हो सकते हैं। 
  •  35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी से प्री-एक्लेमप्सिया (Pre Eclampsia) की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में हाई ब्लड-प्रेशर के साथ यूरिन में प्रोटीन अधिक पाया जाता है। ऐसे में पैरों, टांगों और हाथों में सूजन हो सकती है।
  • अधिक उम्र में गर्भधारण से हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की आशंका बढ़ सकती है। 
  • हालांकि, निर्धारित समय से पहले शिशु का जन्म , किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन, 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी में इस समस्या की संभावना बढ़ जाती है। 
  • 35 की उम्र के बाद गर्भवती होने पर नार्मल डिलिवरी हो सकती है लेकिन, सी-सेक्शन या सिजेरियन डिलिवरी की संभावना अधिक रहती है।
  • लेट प्रेग्नेंसी की वजह से पैदा होने वाले शिशु में डाउन सिंड्रोम जैसी कुछ गुणसूत्र समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
  • जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, गर्भपात की संभावना भी बढ़ने लगती है। अगर पहले से ही उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां हैं, तो मिसकैरिज का खतरा बढ़ सकता है।

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यदि 35 वर्ष से अधिक उम्र है, तो हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए क्या करें?

गर्भावस्था से पहले और इस दौरान इन चीजों को करने से हेल्दी प्रेग्नेंसी और एक स्वस्थ शिशु की उम्मीद की जा सकती है-

  • 35 के बाद प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रही हैं, तो प्रीकॉन्सेप्शन चेकअप कराएं। इससे जन्म के समय शिशु को और गर्भवती महिला को होने वाले खतरों को भी कम किया जा सकता है। 
  • महिला को अगर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या थाॅयराइड की बीमारी है तो उसका निदान और उपचार सही समय पर करवाना चाहिए।
  • एक स्वस्थ जीवनशैली और आहार को अपनाकर 35 के बाद स्वस्थ गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद मिलती है। हेल्दी डायट से प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है।  
  • प्रत्येक दिन मल्टीविटामिन के साथ 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड लें। फोलिक एसिड एक विटामिन है जो शरीर के प्रत्येक कोशिका के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। गर्भावस्था के पहले और दौरान फोलिक एसिड लेने से बच्चे के मस्तिष्क में जन्मदोषों को रोकने में मदद मिल सकती है।
  • 35 के बाद प्रेग्नेंसी में यदि वजन बहुत ज्यादा या कम है, तो गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना रहती है। गर्भधारण से पहले एक हेल्दी वेट के लिए अच्छी डायट और कुछ व्यायाम करें।
  • शराब और सिगरेट का नियमित सेवन आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। इसके साथ ही निकोटीन और अन्य हानिकारक विषैले पदार्थ आपके यूटरस, हार्मोनल फंक्शन और फर्टिलिटी पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इनका प्रयोग करने से बचें। 

जाहिर-सी बात है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है महिलाओं की प्राकृतिक प्रजनन शक्ति में कमी आती है लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि प्रेग्नेंट होने की संभावना ही नहीं रहती है। 35 के बाद प्रेग्नेंसी या 35 के बाद गर्भावस्था के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और उचित देखभाल से एक स्वस्थ्य प्रेग्नेंसी और स्वस्थ शिशु की उम्मीद की जा सकती है।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और अधिक उम्र में  प्रेग्नेंसी से संबंधित जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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Current Version

22/12/2021

Shikha Patel द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Mayank Khandelwal

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Mayank Khandelwal


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/12/2021

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