जैसा कि आजकल महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या (Infertility Problem) बढ़ती जा रही है। जिसके कारण कई महिलाएं सालों से प्रेग्नेंसी प्लानिंग (Pregnancy Planning) कर रही होती हैं, पर कंसीव नहीं कर पाती हैं। बढ़ती उम्र के साथ, उनमें दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं। नैचुरल ढंग से कंसीव न कर पाने के बाद कई महिलाओं के पास आईवीएफ ही एक विकल्प बचता है। तो ऐसे में एक समय के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग के लिए बहुत सी महिलाएं आईवीएफ (IVF) का ही रास्ता अपनाती हैं। लेकिन यह भी जरूरी नहीं है कि आइवीएफ सभी में सक्सेस हो। वैसे अधिकतर मामलों में 2 से 3 बार में आईवीएफ प्रॉसेस सफल देखे गए हैं। जैसा कि प्रेग्ननेंसी प्लानिंग में दिक्कत आती है, तो ऐसे में कई कपल्स चाहते हैं कि वो एक साथ जुड़वा बच्चे प्लान कर सकें। ताकि उनकी फैमिल पूरी हो जाए। लेकिन ट्विंस बेबी के प्लानिंग में बहुत सारे फैक्टर्स निर्भर करते हैं। जिन्हें जानना जरूरी है-