प्रेग्नेंसी शुरू होते ही महिलाओं को एक नहीं बल्कि काई लक्षणों का अनुभव होने लगता है। मितली का एहसास होना, उल्टी आना, थकावट का एहसास, पीरियड मिस होना, स्तनों में दर्द का एहसास, खाने की इच्छा न होना आदि लक्षण प्रेग्नेंसी की ओर इशारा करते हैं। अगर अचानक से ये लक्षण दिखना बंद हो जाएं, तो कहीं न कहीं ये किसी परेशानी की ओर तो इशारा नहीं करते हैं।अगर प्रेग्नेंसी में दिखने वाले लक्षण अचानक से गायब हो जाए, तो महिलाओं के मन में कई सवालों में उठने लगते हैं। वैसे तो कई बार प्रेग्नेंसी के लक्षणों का धीरे धीरे कम होना या गायब होना खतरे की बात नहीं होती है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीरता की ओर इशारा भी कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज ( Loss Of Pregnancy Symptoms And Miscarriage) के संबंध में जानकारी देंगे और साथ ही ये भी बताएंगे कि आपको कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज (Loss Of Pregnancy Symptoms And Miscarriage)
प्रेग्नेंसी की जानकारी अक्सर प्रेग्नेंसी को दौरान दिखने वाले लक्षणों के कारण ही पता चलती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ऐंठन, भोजन खाने की लालसा या फिर भोजन न देखने की इच्छा, बार-बार यूरिन आना, मिजाज का बदला हुआ महसूस होना, मॉर्निंग सिकनेस आदि का एहसास होता है। कुछ महिलाओं में कब्ज की समस्या भी शुरू हो जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महसूस होने वाली लक्षण सभी महिलाओं में देखने को मिले, यह जरूरी नहीं है। प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness) आमतौर पर देखने को मिलती है।
मॉर्निंग सिकनेस का मतलब सिर्फ मॉर्निंग से नहीं है बल्कि आपको दिन भर मितली या उल्टी का एहसास हो सकता है। कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या नहीं होती है। मॉर्निंग सिकनेस प्रेग्नेंसी की शुरुआत से 14 हफ्ते तक दिखाई पड़ सकती है। प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज का सीधा तौर पर कोई संबंध नहीं है क्योंकि कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के सभी लक्षणों का एहसास नहीं होता है। कुछ महिलाओं को बहुत कम लक्षण या न के बराबर लक्षण भी दिख सकते हैं। आपको इसके बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर से लेनी चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज: मिसकैरिज के क्या हैं लक्षण?
मिसकैरेज के चांसेस अर्ली प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक होते हैं। करीब 13 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरेज होने की संभावना अधिक होती है। महिलाओं को फर्स्ट ट्राइमेस्टर (First trimester) में ही मिसकैरेज हो जाता है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। मिसकैरेज के बाद कुछ लक्षण जैसे कि वजाइनल ब्लीडिंग, ब्लड क्लॉटिंग, प्रेग्नेंसी के लक्षणों का गायब हो जाना, कॉन्ट्रेक्शन या संकुचन आदि का एहसास हो सकता है। क्योंकि मिसकैरेज के बाद भी ब्लड में प्रेग्नेंसी के दौरान के कुछ हॉर्मोन रह जाते हैं, इसलिए महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान के कुछ लक्षणों का एहसास मिसकैरेज के बाद भी हो सकता है। लेकिन इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि महिला प्रेग्नेंट है।
मॉर्निंग सिकनेस, स्तनों में दर्द होना आदि लक्षण मिसकैरेज के दौरान भी दिख सकते हैं। आपको इन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। मिसकैरेज में वजाइनल ब्लीडिंग को मुख्य लक्षण के रूप में देखा जाता है। अगर आपके पीरियड्स मिस हो गए हैं और 1 से 2 महीने के बाद भी पीरियड नहीं आते हैं, तो आपको प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए। टेस्ट पॉजिटिव आए, तो आपको ध्यान देना है कि कहीं बाद में ब्लीडिंग की समस्या तो नहीं हो गई है। अगर ऐसा है तो यह मिसकैरेज की संभावना को बढ़ाने का काम करता है। मिसकैरिज के दौरान होने वाले ब्लीडिंग ज्यादा होती है। कुछ महिलाओं को हल्की ब्लीडिंग के बाद अचानक तेजी से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग की समस्या हो रही है तो इग्नोर नहीं करना चाहिए। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में बहुत हल्की ब्लीडिंग होना आम माना जाता है लेकिन फिर भी आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
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प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज: कब दिखाएं डॉक्टर को?
उम्मीद करते हैं कि आपको उपरोक्त दी जानकारी के माध्यम से यह पता चल गया होगा कि गर्भावस्था के दौरान के लक्षण और मिसकैरेज होने के दौरान क्या लक्षण दिखाई पड़ते हैं। आपको दोनों के लक्षणों में कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। अगर आप कंसीव कर चुकी हैं, तो आपको अपने शरीर में होने वाले बदलावों को ध्यान से देखना होगा। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान के लक्षण पहले 2 से 3 महीने में दिखते हैं और फिर धीरे-धीरे गायब होने लगते हैं, तो यह बहुत ही सामान्य बात है। लेकिन अगर आपको प्रेग्नेंसी के बाद अचानक से स्पॉटिंग या फिर ब्लीडिंग होने लगती है, तो इसे हल्के में ना लें। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जांच करानी चाहिए। प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज ( Loss Of Pregnancy Symptoms And Miscarriage) कई बार एक-दूसरे से जुड़े भी हो सकते हैं और नहीं भी। लेकिन बिना स्पॉटिंग या फिर ब्लीडिंग के बिना प्रेग्नेंसी के लक्षणों के गायब होने पर आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
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घबराएं नहीं बल्कि रहें सचेत!
आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि सभी महिलाओं की प्रेग्नेंसी एक जैसी नहीं होती है। अगर आप भी दूसरी बार गर्भधारण करती हैं, तो जरूरी नहीं है कि आपको पहली प्रेग्नेंसी की तरह लक्षण महसूस हो। यानी की पहली प्रेग्नेंसी और दूसरी प्रेग्नेंसी भी एक जैसी नहीं होती है तो आपको यह बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए कि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान विभिन्न प्रकार के लक्षण कम या फिर ज्यादा क्यों दिख रहे हैं। अगर आपको फिर भी किसी भी चीज को लेकर परेशानी महसूस होती हैं, तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान भी अगर आपको कोई अजीब लक्षण नजर आते है या फिर परेशानी होती है, तो आपको डॉक्टर से डिस्कस करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने साथ-साथ अपने होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रख सकते हैं। प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज ( Loss Of Pregnancy Symptoms And Miscarriage) कोई सवाल या फिर कंफ्यूजन हो, तो डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
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इस आर्टिकल में हमने आपको प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना और मिसकैरिज ( Loss Of Pregnancy Symptoms And Miscarriage) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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