backup og meta

तीसरी तिमाही में उल्टी होना कितना नॉर्मल है? जानें कारण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

    तीसरी तिमाही में उल्टी होना कितना नॉर्मल है? जानें कारण और उपाय

    कई बार टीवी सीरियल और फिल्मों में देखा होगा कि किसी महिला को उल्टी होने पर घर वाले बधाई देने लगते हैं। घरवालों की बधाई का मतलब होता है कि महिला गर्भवती है। उल्टी होना प्रेग्नेंसी का एक लक्षण है। लेकिन क्या तीसरी तिमाही में उल्टी होना सामान्य बात है? अगर आपको तीसरी तिमाही में उल्टी (Vomiting in the third quarter) हो रही है तो क्या आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए? इस तरह के कई सवाल प्रेग्नेंट महिलाओं के मन में होते हैं। ऐसे में यह आर्टिकल आपके बड़े काम आ सकता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि तीसरी तिमाही में उल्टी होना क्यों होती है, इससे कैसे बचा जा सकता है?

    तीसरी तिमाही में उल्टी (Vomiting in the third quarter) होना नॉर्मल है क्या?

    प्रेग्नेंसी में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे प्रेग्नेंसी के लक्षण सामने आते हैं। ऐसे में उल्टी होना भी एक लक्षण है। गर्भधारण के शुरुआत में गर्भ ठहरने के बाद सबसे पहले प्लेसेंटा से ह्यूमन कॉरयॉनिक गोनाडोट्रॉपिन (hCG) हॉर्मोन बनता है। ह्यूमन कॉरयॉनिक गोनाडोट्रॉपिन का लेवल कम होता है लेकिन, कुछ ही दिनों में इस हॉर्मोन का लेवल बढ़ने लगता है। गर्भधारण के बाद ह्यूमन कॉरयॉनिक गोनाडोट्रॉपिन हॉर्मोन हर 48 घंटे में दोगुना होने लगता है। ह्यूमन कॉरयॉनिक गोनाडोट्रॉपिन हॉर्मोन के कारण ही तीसरी तिमाही में उल्टी होना होता है।

    प्रेग्नेंसी में ज्यादा उल्टी गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। तीसरी तिमाही में उल्टी के लक्षण अक्सर गर्भावस्था के 5 से 10वें सप्ताह के बीच शुरू होते हैं और प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते तक मां को परेशान करते हैं।

    और पढ़ें : गर्भावस्था से ही बच्चे का दिमाग होगा तेज, जानिए कैसे?

    तीसरी तिमाही में उल्टी होने के कारण क्या हैं?

    तीसरी तिमाही में उल्टी (Vomiting in the third quarter) होना कई महिलाओं को डरा देता है। आपको डरने की जरूरत नहीं है, आप अकेली प्रेग्नेंट महिला नहीं है, जिसे उल्टियां हो रही हैं। जैसा कि हमने पहले ही बता दिया कि एक निश्चित समय तक उल्टियां होना एकदम नॉर्मल है। लेकिन अगर गर्भवती महिला को उल्टियां ज्यादा हो तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। तीसरी तिमाही में उल्टी होने के कारण निम्न हैं :

    मॉर्निंग सिकनेस

    मॉर्निंग सिकनेस का शाब्दिक अर्थ है, सुबह के समय अजीब सा लगना। मॉर्निंग सिकनेस के कारण तीसरी तिमाही में उल्टी होना सामान्य कारण है। लेकिन ये जरूरी नहीं है कि उल्टी सिर्फ सुबह के वक्त ही हो, ये शाम को या रात में भी हो सकती है। मॉर्निंग सिकनेस का मुख्य कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि मॉर्निंग सिकनेस हॉर्मोनल बदलाव के कारण होता है। 80 फीसदी महिलाओं में मितली और उल्टी आने की समस्या प्रेग्नेंसी के छठे हफ्ते से शुरू हो जाती है। 

    और पढ़ें : गर्भावस्था में लिनिया नाइग्रा: क्या ये प्रेग्नेंसी में त्वचा संबधी बीमारी है?

    हार्टबर्न या सीने में जलन (Acid Reflux)

    गर्भावस्था के दौरान कई बार महिलाएं सीने में जलन महसूस करती हैं, जिसके कारण भी उन्हें तीसरी तिमाही में उल्टी होना शुरू हो जाती है। जब कोई व्यक्ति कुछ भी खाता है तो वह फूड पाइप से हो कर उसके पेट में जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में फूड पाइप (oesophagus) और पेट के बीच में एक वॉल्व पाया जाता है, जो खाने को वापस उल्टा फूड पाइप में नहीं आने देता है। 

    कुछ हॉर्मोनल बदलाव के कारण पेट में मौजूद एसिड उल्टा फूड पाइप में आ जाता है, जिससे सीने में जलन होने लगती है। कई बार इस कारण से भी गर्भावस्था में उल्टी होती है। वहीं, एक दूसरा कारण यह भी है कि प्रेग्नेंसी में गर्भाशय का आकार बड़ा होता है, जिससे वह पेट पर अतिरिक्त दबाव बनाता है। इस कारण से भी पेट का एसिड फूट पाइप में आ जाता है और उल्टी हो जाती है।

    फूड पॉइजनिंग 

    कई बार फूड पॉइजनिंग के कारण भी तीसरी तिमाही में उल्टी होना एक सामान्य बात हैं। यह मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। फूड पॉइजनिंग को पैदा करने वाले इंफेक्सियस ऑर्गेनिज्म गर्भावस्था में उल्टी का कारण बनते हैं। 

    और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस का असर पड़ सकता है भ्रूण के मष्तिष्क विकास पर

    डिहाइड्रेशन 

    डिहाइड्रेशन यानी कि शरीर में पानी की कमी होने से भी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार गर्भावस्था में महिला के शरीर में पानी की कमी होने के कारण भी उल्टियां हो सकती हैं।

    प्री-इक्लैम्प्सिया (Pre-eclampsia)

    प्री-इक्लैम्प्सिया एक गंभीर स्थिति है, जो दूसरी या तीसरी तिमाही में हो सकती है। 5 से 10 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में प्री-इक्लैम्प्सिया की समस्या होती है। प्री-इक्लैम्प्सिया में महिला को बहुत ज्यादा उल्टियां होती है। वहीं, कभी-कभी हाई ब्लड प्रेशर के साथ यूरीन से प्रोटीन भी निकलने लगता है। ये स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और तीसरी तिमाही में उल्टी होना आदि परेशानियों के बारे में बताना चाहिए। यहां पर तीसरी तिमाही में उल्टी होना कोई सामान्य बात नहीं है, बल्कि इलाज की जरूरत होती है। 

    और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में बुखार: कहीं शिशु को न कर दे ताउम्र के लिए लाचार

    गर्भावस्था के 7 वें महीने में उल्टी (Vomiting in the third quarter) होने से कैसे बचें?

    तीसरी तिमाही में उल्टी होना सामान्य बात है, लेकिन इसे रोकने के लिए कुछ उपायों को अपना सकते हैं :

    खूब पानी पिएं

    पानी पिएं, क्योंकि पानी पीने से बोवेल मूवमेंट कम होती है। ज्यादा पानी पीने से भी उल्टी कम होने का चांस होता है। इसलिए हर एक से डेढ़ घंटे पर आप पानी पीते रहें। पानी पीते समय आपको एक बात का ध्यान रखना है कि आब आप सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चे के लिए भी पानी पी रही है। इसलिए दिन भर में आठ गिलास से ज्यादा पानी पीने की आदत डाल लें। इसके साथ ही आप फ्रूट जूस आदि का भी सेवन कर सकती हैं। 

    संतुलित आहार लें

    गर्भावस्था में संतुलित आहार लें। जब आप हेल्दी फूड्स लेंगे तो फूड पॉइजनिंग से बच सकती हैं। इससे पेट में किसी भी प्रकार का कोई इंफेक्शन भी नहीं होगा। इसलिए आप संतुलित आहार लें। इसके साथ ही खाना खाते समय एक साथ ज्यादा मात्रा में ना खाएं। आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिन में कई बार खाएं। 

    खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर ना जाएं

    उल्टी से बचने के लिए आप खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर ना जाएं। खाना खाने के बाद थोड़ा टहलें। इससे तीसरी तिमाही में उल्टी होना कम हो सकता है। साथ ही पेट पर ज्यादा प्रेशर भी नहीं पड़ता, जिससे हार्टबर्न की समस्या भी नहीं होती है। 

    भरपूर आराम करें

    गर्भावस्था के दौरान भरपूर आराम करना चाहिए। इसके लिए महिला को रात के अलावा दिन में भी थोड़ा आराम करना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि आराम ना कर पाने के कारण भी थकान और उल्टी की समस्या होती है।

    इस तरह से आप तीसरी तिमाही में उल्टी होना रोक सकते हैं। तीसरी तिमाही में उल्टी होना भी प्रेग्नेंसी का एक हिस्सा है, लेकिन अगर आपको ज्यादा उल्टियां हो रही हैं तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। तीसरी तिमाही में उल्टी होने से संबंधित अन्य जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं। 

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement