भय या चिंता
सालों से प्रयास के बावजूद अगर महिला को कंसीव करने में परेशानी हो रही है तो उसके मन में समाज से जुड़ी बातों को लेकर एक भय या चिंता उत्पन्न हो जाती है। उसे लगता है कि मां न बन पाने के कारण समाज उसे ताने मारेगा। घर वाले उसके साथ अच्छा बिहेव नहीं करेंगे। गर्भवती मां के अंदर एक अच्छी मां न बन पाने के कारण या फिर आने वाले बच्चे का खर्चा न वहन कर पाने के कारण भी भय या चिंता होने की संभावना रहती है।
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थेरेपिस्ट और सपोर्टिव ग्रुप का लें सहारा
कंसीव करने में परेशानी के चलते महिलाओं के मन में उदासी आ जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। महिलाओं को ऐसे सपोर्टिव ग्रुप या फिर थेरिपिस्ट के संपर्क में आना चाहिए जिनसे महिलाएं प्रेग्नेंसी के बाद या प्रेग्नेंसी के दौरान जुड़ी हुई हो। सपोर्टिव ग्रुप के पास आपको ऐसे लोग भी मिलेंगे जिन्हें कंसीव करने में परेशानी हो रही हो। सपोर्टिव ग्रुप की हेल्प से आपको ऐसी कई बातों की जानकारी मिलेगी जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही इमोशनल हेल्थ भी बेहतर होगी। कंसीव करने में परेशानी के चलते महिला को गुमशुम होने की बजाय ऐसे लोगों के संपर्क में आना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से कपल्स को इमोशनल सपोर्ट मिलने के साथ ही उम्मीद की नई राह भी मिल जाती है।
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ऐसे दोस्त बनाए जो दें आपका साथ
कंसीव करने में परेशानी होने पर महिलाएं इस बात को इतना ज्यादा दिल पर लगा लेती हैं कि वे खुद को एक दायरे में सीमित कर लेती हैं। वे किसी से ज्यादा बातचीत भी नहीं करती, लेकिन ये इमोशनल हेल्थ को खराब करने का काम कर सकता है। आप चाहे तो ऐसे दोस्त बना सकते हैं जिनसे रोज मिलना न होता हो और वो आपको ऑनलाइन मिलते हो।
ऑनलाइन फ्रेंड जो पहले ही बच्चों के पेरेंट्स हो, आपकी इमोशनल हेल्थ को दुरुस्त करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही आपको ऑनलाइन ऐसे फ्रेंड भी बनाने चाहिए जो कंसीव करने में परेशानी को झेल रहे हो। यकीन मानिए, आपको इन लोगों से बात करके अच्छा महसूस होगा। ये न सिर्फ आपकी परेशानी समझेंगे, बल्कि आपको अच्छे सुझाव भी दे सकते हैं। कई बार महिला के परिवार के सदस्य भी उनका सहयोग कर सकते हैं। परिवार के सदस्य भी अच्छी दोस्ती निभा सकते हैं। इसलिए ये बात निर्भर करती है कि महिला के परिवार में सपोर्टिव पर्सन है या फिर नहीं।