मसाज (Massage) किसको पसंद नहीं होती और जब बात डिलिवरी के बाद की हो तो इसका महत्व बढ़ जाता है क्योंकि प्रेग्नेंसी फेज में मसाज करवाने की अनुमति नहीं होती और प्रेग्नेंसी के कठिन फेज से गुजरी बॉडी थोड़ा रिलैक्स चाहती है। पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) अक्सर डिलिवरी के बाद 12 सप्ताह के अंदर की जाती है, लेकिन इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना सही होता है। यह बॉडी मसाज मूड को अच्छा करने के साथ ही हीलिंग को स्पीड अप करने में मदद कर सकती है। इस आर्टिकल में जानिए पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) के बारे में विस्तार से।
पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage)
हालांकि पोस्टपार्टम मसाज में कुछ स्पेशल नहीं होता है। इसमें रेगुलर मसाज की तरह ही एलिमेंट्स को शामिल किया जाता है। बच्चे को जम्न देने वाली मां को इससे इमोशनली और फिजिकली कई फायदे हो सकते हैं। जो उनके मूड और सामान्य फायदों से संबंधित हैं। अगर महिला की सिजेरियन डिलिवरी हुई है तो उसे इस बारे में अपने डॉक्टर और मसाज थेरेपिस्ट से बात करनी चाहिए कि उसके लिए पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) कराना सेफ है या नहीं। कुछ मसाज थेरेपिस्ट उन लोगों की मसाज नहीं करते जिनका हाल ही के 6 महीनों में ऑपरेशन हुआ हो।
यदि महिला को गर्भावस्था में या पहले ब्लड क्लॉट्स (Blood clots) बन चुके हैं, तो डॉक्टर ने पहले ही मसाज से बचने की सलाह दी होगी। ऐसे में अपने डॉक्टर से पूछना सही होगा कि मालिश फिर से शुरू करना कब सुरक्षित है। मसाज के सामान्य फायदों में दर्द कम करना, तनाव दूर करना और आराम पहुंचाना शामिल है। नई मांओं को पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) से अन्य फायदे भी मिल सकते हैं। चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं।
पोस्टपार्टम मसाज के फायदे (Benefits of Postpartum Massage)
पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) के फायदे निम्न प्रकार हैं।
सूजन को कम करने में मददगार (Reduced swelling)
कई मांओं को लगता है कि उनकी बॉडी लेबर के दौरान सूज जाती है। मसाज से वाटर बॉडी में रीडिस्ट्रिब्यूट हो जाता है और बॉडी में अधिक मात्रा में मौजूद फ्लूइड का सर्कुलेशन अच्छी तरह हो जाता है। इससे सूजन कम करने में मदद मिलती है।
मिल्क प्रोडक्शन में सुधार (Improve milk production)
जो माताएं ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई को बढ़ाना चाहती हैं उनके लिए भी पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) फायदेमंद हो सकती है। एनसीबीआई की 2020 की स्टडी में इस बात के सबूत मिले हैं कि मसाज सर्कुलेशन और आवश्यक हॉर्मोन्स को बढ़ाने का एक शानदार तरीका हो सकता है जिससे ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ सकती है।
हॉर्मोन रेगुलेशन (Hormone regulation)
गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद शरीर में हॉर्मोन्स का लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है। स्पर्श के अलावा, कई मसाज में एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी के मूड को अच्छा करने में मदद कर सकते हैं और हॉर्मोनल संतुलन को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
डिप्रेशन और चिंता को कम करे (Reduce anxiety and depression)
कई नई माएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन और बेबी ब्लू का अनुभव करती हैं। मसाज तनाव को कम करने के लिए डिप्रेशन की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकती है। इसलिए मसाज सबकी पसंदीदा होती है।
अच्छी नींद लाने में मदद करे (Better sleep)
सभी जानते हैं कि नए पेरेंट्स को अच्छी नींद मिलना मुश्किल हो जाता है। कभी बेबी रात को जागता है तो कभी जब मां के सोने का समय होता है और उसके खेलने का। ऐसे में माएं नींद के लिए तरस जाती है। मसाज एक अच्छी नींद लेने में मदद करती है।
और पढ़ें: Postpartum Hernia: पोस्टपार्टम हर्निया क्या है? जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां!
जान लें ये भी
बच्चे जन्म के बाद, नर्स या दाई फंडल मसाज करती हैं। फंडल मसाज (Fundal massage) एक यूटेराइन मसाज टेक्निक है जिसका उपयोग चिकित्सा पेशेवरों द्वारा गर्भाशय को उसके सामान्य आकार में वापस लाने में मदद करने के लिए किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जन्म के 2 या 3 सप्ताह बाद तक पेट की हल्की मालिश फायदेमंद हो सकती है। लेकिन सावधानी से आगे बढ़ें: यदि बहुत अधिक दबाव डाला जाए तो गर्भाशय की मालिश हानिकारक हो सकती है। घर पर या मालिश चिकित्सक के साथ पेट की मालिश करने का प्रयास करने से पहले अपने चिकित्सक से बात करना सुनिश्चित करें। सिजेरियन डिलीवरी के बाद 6 सप्ताह तक पेट की मालिश करने की सलाह नहीं दी जाती है।
पोस्टपार्टम मसाज के लिए तैयारी कैसे करें? (How to prepare for postpartum massage)
पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) को एंजॉय करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि एनवायरमेंट रिलैक्सिंग हो। अगर घर में मसाज करवा रही हैं तो भी इसे पूरी तरह एंजॉय करने के लिए कैंडल्स, खुशबुदार सेंट और डिम लाइट का इंतजाम करें।
मसाज करवाने से पहले बेबी की देखभाल करने के लिए व्यक्ति की मदद लें। यह फैमिली मेंबर या दोस्त कोई भी हो सकता है। ताकि मसाज के दौरान ये चिंता न रहे कि बेबी जाग तो नहीं गया या उसे भूख तो नहीं लगी है। पोस्टपार्टम मॉम के लिए कई अलग-अलग मालिश उपयुक्त हैं। पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) में एक्यूप्रेशर और फुट रिफ्लेक्सोलॉजी शामिल हो सकते हैं। इसमें स्वीडिश मालिश भी शामिल हो सकती है। इन दिनों कई ऑप्शन उपलब्ध हैं। अपनी पसंद से मसाज का चुनाव किया जा सकता है।
डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें
कुछ महिलाएं पोस्टपार्टम पीरियड के दौरान लाइट प्रेशर वाली मसाज पसंद करती हैं जबकि कुछ डीप टेक्निक होती हैं। जब जिस भी मसाज को चुनें इस बात का ध्यान रखें कि इसके पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वे मसाज करानी चाहिए या नहीं इसके साथ ही सही पॉजिशन या बॉडी के किस हिस्से पर मसाज ना करवाएं जैसी जानकारी भी दे सकते हैं। कई लोगों को मसाज करने के लिए मनाही भी डॉक्टर कर सकते हैं।
और पढ़ें: पोस्टपार्टम सेल्फ केयर स्ट्रगल से गुजर रही हैं, तो इन 5 टिप्स से ले सकती हैं मदद
पोस्टपार्टम मसाज टाइमिंग (Postpartum massage timing)
पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) कब कराना सही होगा इसके बारे में डॉक्टर ही सही सलाह दे सकते हैं। कई डॉक्टर्स डिलिवरी के कुछ बाद बैक मसाज रिकमंड करते हैं तो कुछ इंतजार करने की सलाह देते हैं। महिला की ओवरऑल हेल्थ और डिलिवरी के टाइप पर भी मसाज की टाइमिंग निर्भर करती है। अगर सी सेक्शन या कॉम्प्लिकेटेड डिलिवरी हुई है तो डॉक्टर की सलाह के बिना किसी प्रकार की कोई मसाज नहीं करानी चाहिए।
आपको प्रसवोत्तर मालिश कितनी बार करानी चाहिए, इसकी कोई सटीक समय-सीमा नहीं है। कई नई मांए जन्म देने के बाद पहले कुछ महीनों के दौरान हर हफ्ते या दो हफ्तों में मसाज लेती है तो, कुछ केवल एक या दो बार ही मसाज कराती हैं। समय, व्यक्तिगत फाइनेंसेस, और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) कराना सही होगा।
उम्मीद करते हैं कि आपको पोस्टपार्टम मसाज (Postpartum Massage) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-ovulation]