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जाइगोट से एब्रियो: जाइगोट और जेमेट में क्या होता है अंतर?
जीमेट सेक्स सेल्स होती है। यह क्रोमोसोम का एक सेट लिए हुए होती हैं। जो कि हेप्लाइड सेल्स (haploid cells) का निर्माण करते हैं। फीमेल जीमेट से मतलब एग सेल या ओवा होता है वहीं, मेल जीमेट से मतलब स्पर्म सेल्स होता है। जब दोनों एक साथ मिल जाते हैं, तो ये जाइगोट का निर्माण करते हैं। जाइगोट में 46 क्रोमोसोम्स (करीब 23 सेट क्रोमोसोम) होता है।
जाइगोट का निर्माण कैसे होता है (How is a zygote formed)?
महिलाओं में हर महीने ओव्यूलेशन का प्रोसेस होता है। इस दौरान एग फैलोपियन ट्यूब में पहुंच जाता है और यहां स्पर्म के पहुंचने का इंतजार करता है। अगर फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes) में स्पर्म पहुंच जाता है, तो एग के साथ स्पर्म का फर्टिलाइजेशन हो जाता है। अगर किसी कारण से फैलोपियन ट्यूब में स्पर्म का फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता है, तो महिलाओं को पीरियड शुरू हो जाते हैं। जब फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes) में एग होता है, तो उस समय सर्विक्स का म्यूकस अधिक इलास्टिक हो जाता है ताकि स्पर्म आसानी से पहुंच सके। कई सारे स्पर्म एक साथ प्रवेश करते हैं और एग में पेनिट्रेट करने की कोशिश करते हैं। उनमें केवल एक ही लकी स्पर्म होता है, जो एग में पेनिट्रेट कर पाता है। जब पेनिट्रेशन की प्रोसेस हो जाती है, तो एग में केमिकल चेंज होते हैं। इस कारण से अन्य स्पर्म एग के अंदर प्रवेश नहीं कर पाते हैं और फिर जाइगोट का निर्माण होता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको समझ आ गया होगा कि एक एग को फर्टिलाइज करने के लिए कई स्पर्म मेहनत करते हैं लेकिन उनमें से केवल एक एग को ही सफलता मिल पाती है। जाइगोट से एब्रियो बनने की प्रक्रिया के बारे में आप डॉक्टर से जानकारी लें।