स्पायरल आर्ट्री- स्पायरल आर्ट्री प्लेसेंटा मेटरनल ब्लड सप्लाई करने का काम करता है।
प्लेसेंटा जीन्स से जुड़े रिसर्च के अनुसार गर्भ में पल रहे बेबी बॉय, बेबी गर्ल की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं। वहीं प्लेसेंटा जीन्स के कारण ही बेबी गर्ल की तुलना में जन्म लेने वाले शिशु खासकर बेबी बॉय शारीरिक रूप से ज्यादा स्ट्रॉन्ग होते हैं। इसके साथ ही प्लेसेंटा जीन्स से जुड़े रिसर्च में यह भी कहा गया है की बेबी गर्ल या बेबी बॉय दोनों में ही प्लेसेंटा जीन्स इम्यून पावर को स्ट्रॉन्ग करने में मददगार होता है। इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होने की वजह से बीमारियों का खतरा कम से कम हो सकता है।
प्लेसेंटा जीन्स को रखना है हेल्दी तो लें पौष्टिक आहार
प्लेसेंटा, प्लेसेंटा जीन्स या खुद को हेल्दी रखने के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित आहार अपने डेली डायट में शामिल करना चाहिए। जैसे-
अगर कपल प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहें या अचानक से गर्भ ठहर भी गया हो, तो इसकी जानकारी मिलते ही सबसे पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से मिलें। क्योंकि गर्भधारण से पहले और बाद में भी बॉडी के लिए विटामिन जरूरी होते हैं क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में विटामिन्स की कमी महिला के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। यही नहीं विटामिन की कमी शिशु में बर्थ डिफेक्ट्स को भी जन्म दे सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो विटामिन की कमी के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है।
गर्भधारण से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान भी फोलिक एसिड की कमी परेशानी का कारण बन सकती है। दरअसल फोलिक एसिड जन्म लेने वाले शिशु में न्यूरल बर्थ डिफेक्ट के रिस्क को कम कर देता है। गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन 600-800 mcg फोलिक एसिड की जरूरत होती है। गर्भावस्था के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड की जरूरत होती है। जिन महिलाओं की न्यूरल ट्यूब बर्थ डिफेक्ट हिस्ट्री रह चुकी है, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान 4000 mcg फोलिक एसिड की जरूरत होती है। फोलिक एसिड हरी सब्जियों समेत अन्य खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है।
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