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ऐनल हर्पीस : इन तकलीफदेह समस्या से बचने के लिए ये उपाय आएंगे काम

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/04/2021

    ऐनल हर्पीस : इन तकलीफदेह समस्या से बचने के लिए ये उपाय आएंगे काम

    हमारे आसपास के वातावरण में हम कई ऐसे इंफेक्शन से घिरे हुए हैं, जो हमें लम्बे समय तक अपनी गिरफ्त में लेकर परेशान कर सकते हैं। ऐसा ही एक इंफेक्शन जो आम तौर पर लोगों को तकलीफ देता है, इसका नाम है हर्पीस (Herpes)। हर्पीस एक इंफेक्शन है, जो हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस के कारण होता है। ये एचएसवी (हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस) के कारण होनेवाला संक्रमण मान जाता है। यह त्वचा पर फफोले के रूप में होता है। यह शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है, जिसमें चेहरे पर,एनल और जननांग आदि हिस्से प्रमुख माने जाते हैं। आज हम बात करेंगे एनल एरिया में होने वाले हर्पीस (Herpes) यानी कि एनल हर्पीस (Anal herpes) की, जो किसी भी व्यक्ति को परेशानी में डाल सकता है। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि एनल हर्पीस (Anal herpes) बाकी हर्पीस से कैसे अलग है। 

    क्या है ऐनल हर्पीस? (What is Anal Herpes?)

    ऐनल हर्पीस (Anal herpes) एक ऐसा इंफेक्शन है, जो हर्पीस वायरस के कारण होता है। यह आपके गुदाद्वार या एनस (Anus) के आसपास, जहां से स्टूल पास होता है, यहां दानों के तौर पर दिखाई देता है। ऐनल हर्पीज सिंपलेक्स वायरस (Herpes simplex virus – HSV) के कारण होता है। साथ ही सिफलिस (Syphilis), शैंक्रॉयड (chancroid) और डोनोवनोसिस (donovanosis) ऐसे संक्रमण ऐसे हैं, जो ऐनल एरिया के आसपास घाव का कारण बन सकते हैं। यह सभी स्थितियां एचएसवी (HSV) के कारण होती है, जो सेक्शुअल कॉन्टैक्ट की वजह से हो सकती हैं। ऐनल हर्पीस होने पर आपको कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनके कारण आपको इन तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है – 

  • लाल थक्के और सफेद फफोले होना 
  • एनस के आसपास दर्द और खुजलाहट 
  • ब्लिस्टर्स के आसपास अल्सर्स (ulcers) का बनना 
  • अल्सर में ब्लीडिंग 
  • बॉवेल हैबिट (bowel habits) का बदलना 
  • यह सभी लक्षण आपको ऐनल हर्पीस के कारण दिखाई दे सकते हैं। ये तो थी ऐनल हर्पीस के लक्षणों से जुड़ी जानकारी। अब जानते हैं ऐनल हर्पीस कैसे फैलता है। 

    और पढ़ें: Herpes Simplex: हार्पीस सिम्पलेक्स वायरस से किसको रहता है ज्यादा खतरा?

    कैसे फैलता है ऐनल हर्पीस (Anal Herpes) का संक्रमण? 

    ऐनल हर्पीस सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (Sexually transmitted infection -STI) माना जाता है, जो सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। सेंटर्स आफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार 24 मिलियन अमेरिकन साल 2013 में एचएसवी 2 से ग्रसित पाए गए, वहीं हर साल 7,76,000 अमेरिकन हर्पीस की समस्या से ग्रसित होते हैं। यूनाइटेड स्टेट में हर छह में से एक व्यक्ति जेनिटल हर्पीज से ग्रसित पाया जाता है। हालांकि हर जेनिटल हर्पीज (Genital herpes) ऐनल हर्पीस नहीं होता।

    ऐसे किया जाता है ऐनल हर्पीस का निदान (Anal herpes diagnosis)

    यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा हो, तो आपको जल्द से जल्द फिजिकल एग्जामिनेशन के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि डॉक्टर देखकर ऐनल हर्पीस को डायग्नोज नहीं कर सकते, तो आपको कुछ टेस्ट करवाने की जरूरत हो सकती है। बहुत सारे अन्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड माइक्रोऑर्गनिज्म (sexually transmitted microorganisms) होते हैं, जो ऐनल हर्पीस के लक्षणों (Anal herpes symptoms) का कारण बनते हैं। आपके डॉक्टर इंफेक्शन का असल कारण टेस्ट्स के जरिए पता लगा सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर इंफेक्शन की जगह से ब्लड सैंपल कलेक्ट कर सकते हैं। इसे लेब्रोटरी में भेजकर इन लक्षणों का कारण का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद डॉक्टर आपको ऐनल हर्पीस का इलाज बता सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे किया जा सकता है ऐनल हर्पीस का इलाज? 

    कैसे होता है ऐनल हर्पीस का इलाज? (Treatment of Anal Herpes)

    Anal Herpes

    ऐनल हर्पीस के इलाज में सबसे पहले इसके आउटब्रेक और इंटेंसिटी को कम किया जाता है। इससे यह संक्रमण आपके सेक्शुअल पार्टनर तक फैलने से बच जाता है। इसमें खासतौर पर एंटीवायरल थेरेपी (Antiviral therapy) दी जाती है। एंटी वायरल मेडिकेशन के जरिए इस वायरस से लड़ा जा सकता है। एचएसवी से ग्रसित  लोगों को एंटीवायरल मेडिकेशन तब तक दी जाती है, जब तक इसके लक्षण दिखाई देना बंद ना हो जाए। इसीलिए डॉक्टर रेग्युलर बेसिस पर एंटीवायरल मेडिकेशन (Antiviral medication) आपको दे सकते हैं। लंबे समय तक एंटीवायरल मेडिकेशन लेने को सप्रेसिव थेरेपी भी कहा जाता है। ऐसे लोग जो एचएसवी (HSV) को कम करने के लिए सप्रेसिव थेरेपी (Suppressive therapy) लेते हैं, उनमें एचएसवी का संक्रमण दूसरे लोगों तक फैलाने की क्षमता कम हो जाती है। सीवियर ऐनल हर्पीस के केस में डॉक्टर आपको इंट्रावेनस एंटीवायरल थेरेपी लेने की सलाह दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में एंटीवायरल मेडिकेशंस को इंजेक्शन के जरिए आपके नसों में डाला जाता है, जिससे आपको जल्द से जल्द आराम मिल सके। 

    और पढ़ें: हर्पीज के इलाज के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट है प्रभावकारी, जानें इसके बारे में

    क्या ऐनल हर्पीस दोबारा हो सकता है? 

    जैसा कि हम पहले बता चुके हैं एंटीवायरल मेडिकेशन हर्पीस की समस्या को कम कर सकती हैं, लेकिन साथ ही साथ यह एचएसवी (HSV) के दोबारा होने की संभावनाओं को भी कम करती हैं। यदि आपको दोबारा एचएसवी की समस्या (HSV problems) हो रही है, तो एक बार फिर आपको एंटीवायरल ट्रीटमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है। इससे बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। समय के साथ एंटीवायरल मेडिकेशन  (Antiviral medication) के जरिए ऐनल हर्पीस से छुटकारा मिल सकता है। डॉक्टर से बातचीत करआप थेरेपी को कब बंद करना है, यह निश्चित कर सकते हैं।

    क्या एचएसवी (HSV) को ठीक किया जा सकता है? 

    एचएसवी के कारण हुए इंफेक्शन को ठीक नहीं किया जा सकता है। यह जिंदगी भर के लिए आपको तकलीफ में डाल सकता हैं। पहले आउट ब्रेक के बाद यह वायरस आपके नर्व सेल्स (Nerve cells) में चला जाता है, जो जिंदगी भर आपके नर्व सेल्स में मौजूद रहता है। हालांकि आपके शरीर में रहने के बाद भी यह वायरस लंबे समय तक इनएक्टिव स्टेट में रह सकता है। एक्सट्रीम फैक्टर्स जैसे स्ट्रेस (Stress), लंबी बीमारी या सन एक्स्पोजर के चलते यह वायरस ट्रिगर हो सकता है। 

    क्या ऐनल हर्पीस संक्रामक होता है? (Is anal herpes contagious?)

    ऐनल हर्पीस संक्रामक माना जाता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। ये आपकी त्वचा और ऐनस के आसपास मौजूद रह सकता है, ऐसे में आप सेक्शुअल कॉन्टैक्ट (Sexual contact) के जरिये इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। भले ही संक्रमित व्यक्ति को इसके लक्षण दिखाई ना दे, लेकिन उसके गुप्तांगों के आसपास ये वायरस मौजूद रहते हैं। इसलिए ये कभी भी आपको अपनी गिरफ्त में ले सकता है। 

    और पढ़ें: जानिए हर्पीस के घरेलू उपाय, रोकथाम और परहेज

    कैसे कम करें ऐनल हर्पीस के रिस्क (Herpes Risks) को? 

    क्योंकि यह सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (STI) है, यह सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के जरिए आप तक पहुंच सकता है। लेकिन आप सेफ सेक्सकॉन्डोम पहने, यह आपको ऐनल और ओरल सेक्स के दौरान एचएसवी (HSV) जैसे इंफेक्शन से बचा सकता है। कम से कम सेक्शुअल पार्टनर के साथ सेक्शुअल कॉन्टैक्ट  रखकर आप ऐसी स्थिति से बच सकते हैं।

    साथ ही ध्यान रखें कि यदि आप सेक्शुअली एक्टिव हैं, तो आपको रेगुलर बेसिस पर एसटीआई स्क्रीनिंग्स (STI screenings) करवाते रहना चाहिए। रेगुलर टेस्टिंग से आप और आपके सेक्शुअल पार्टनर ऐसे संक्रमण से बच सकते हैं। 

    इस तरह ऐनल हर्पीस की समस्या से बचने के लिए ये जानकारी आपके बेहद काम आ सकती है। सजग रहकर और सारे प्रिकॉशंस अपनाकर आप ऐनल हर्पीस की समस्या से बच सकते हैं। 

    डिस्क्लेमर

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