पिछले कुछ सालों में यौन उत्पीड़न या यौन शोषण से जुड़े मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हमारे देश में स्थिति बहुत ही भयानक है। क्योंकि, आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर दिन यौन शोषण के लगभग 100 केस आते हैं लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि लगभग 99.1 प्रतिशत मामलों की रिपोर्ट ही नहीं की जाती। यौन शोषण का शिकार कोई भी हो सकता है चाहे वो पुरुष हो या महिला। यही नहीं, किसी भी उम्र के लोग इसका शिकार बन सकते हैं। यौन शोषण का शिकार होने के बाद अधिकतर लोग इसे लेकर चुप रहते हैं। जानिए यौन शोषण क्या है और इसके बारे में विस्तार से पाएं पूरी जानकारी।
क्या है यौन शोषण
यौन शोषण किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसे यौन क्रिया में संलग्न करने के लिए बल, जबरदस्ती या शक्ति का प्रयोग करना है। इसे यौन उत्पीड़न भी कहा जाता है। यौन शोषण में जबरदस्ती किसी को पकड़ना, छूना और चूमना आदि शामिल हैं। कई चीजे यौन शोषण में आती हैं जैसे:
- बलात्कार या बलात्कार की कोशिश करना या यौन हमला।
- यौन अनुग्रह के लिए अवांछित दबाव डालना।
- अवांछित जानबूझकर छूना, किस करना या पकड़ना आदि।
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- अवांछित यौन इशारे करना।
- अनुचित पत्र या अन्य चीजें भेजना, फोन करके अभद्र बातें करना आदि।
- अनुचित और अवांछित सेक्सुअल छेड़- छाड़, जोक्स सुनना या कुछ सवाल जवाब करना
- अनुचित और अवांछित नामों से बुलाना
- किसी को देख कर सिटी बजाना
- काम की बातों को यौन संबंधी टॉपिक्स में बदलना
- सामाजिक या सेक्सुअल लाइफ के बारे में पूछना
- किसी को लगातार घूरना या रास्ता रोकना
- अन्य
कार्यस्थान में यौन शोषण
यौन शोषण क्या है इसके बारे में तो आप जान गए होंगे। अब आपको कार्यस्थल पर यौन शोषण के बारे में बताते हैं। दरअसल पिछले कुछ समय से कार्यस्थल यानि जहाँ पर काम करते हैं पर यौन शोषण के मामले तो बढ़े ही हैं लेकिन इसके खिलाफ लोग आवाज भी उठा रहे हैं। कार्यस्थल पर यौन शोषण बहुत ही आम होता जा रहा है। हालांकि इसके लिए सरकार ने कई कानून भी बनाएं हैं, लेकिन इसके बाद भी इसमें कोई कमी नहीं आ रही है।
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क्या है कार्यस्थल पर यौन शोषण?
कार्यस्थल पर किसी सहकर्मी या अन्य व्यक्ति द्वारा पदोन्नति या किसी अन्य लाभ के लिए जबरदस्ती करना या यौन गतिविधि के लिए दबाव डालना कार्यस्थल पर यौन शोषण कहा जा सकता है। ऐसे में अगर पीड़ित उसकी बात नहीं मानता है तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है या किसी भी अन्य तरीके से उसे परेशान किया जा सकता है।
सरकार ने क्या पहल की
- सन 2017 में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया था ताकि कार्यस्थल पर होने वाले यौन शोषण से महिलाओं को बचाया जा सके।
- साल 2018 में आये मीटू आंदोलन (#meetoo/Metoo Movement) भी इसी का हिस्सा था। इस आंदोलन के अनुसार उन महिलाओं ने जिनके साथ कार्यस्थल पर यौन शोषण हुआ है, उन्होंने आवाज उठायी। इसमें केवल हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग शामिल हुए थे। 2018 में जब मीटू आंदोलन के तहत बहुत अधिक मामले सामने आये तो सरकार ने इन मामलों का समाधान करने के लिए एक समिति बनाई थी।
- धारा 354 के तहत अगर कोई व्यक्ति महिला का यौन शोषण करता है तो महिला उसके खिलाफ शिकायत कर सकती है। इससे आईपीसी की धारा के अनुसार उस व्यक्ति को एक साल से लेकर पांच साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। यही नहीं गंदे मैसेज भेजने, कमेंट आदि करने पर भी तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।
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यौन शोषण के शिकार व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
यौन शोषण क्या है, इसके बारे में जानने के साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि यौन शोषण के शिकार व्यक्ति को क्या करना चाहिए। यौन शोषण के कई रूप हो सकते हैं। शारीरिक और मौखिक दोनों रूप के यौन शोषण को गंभीरता से लेना चाहिए। क्योंकि कई बार हमें यह कम गंभीर लगता है लेकिन बाद में इसके परिणाम भयंकर हो सकते हैं। अगर आप यौन उत्पीड़न का शिकार हो रहें हैं तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
उत्पीड़क को चेतावनी दें
अक्सर हम समाज, परिवार और खुद उत्पीड़क के डर से अपने ऊपर हो रहे यौन शोषण के खिलाफ नहीं बोल पाते हैं। उसका कारण यह होता है कि उत्पीड़क का साहस और बढ़ जाता है। इसलिए सबसे पहले यौन शोषण के खिलाफ खुद शुरुआत करें। उत्पीड़क का विरोध करें। अगर आप शुरुआत में ही कड़े शब्दों में उसका विरोध करें तो हो सकता है कि आप सुरक्षित रहें और आपको यौन शोषण का सामना न करना पड़े।
शिकायत करें
अगर उत्पीड़क आपकी चेतावनी के बाद भी आपको तंग कर रहा है तो अन्य और उचित लोगों के साथ उसकी शिकायत करें। अगर आप कार्यस्थल पर यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं तो अपने अधिकारियों के साथ या कंपनी पॉलिसी के अनुसार उसकी शिकायत करें। इस बात को भी सुनिश्चित करें कि आपकी शिकायत को सही समय पर सुना जाएं और उसका समाधान भी किया जाए।
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अपने स्टेट ह्यूमन या सिविल राइट्स इस्टैब्लिशमेंट में चार्ज दाखिल करें
यौन शोषण से निपटने के लिए यह कदम प्रमुख है। आप अपने राज्य में गवर्निंग एजेंसी से संपर्क करें, जो कार्यस्थल भेदभाव और उत्पीड़न के मुद्दों से संबंधित है। यह आपकी समस्या को हल करने का प्रयत्न करेंगे। अगर यह विफल रहता है, तो वे सलाह दे सकते हैं कि आप कंपनी के खिलाफ मुकदमा करें।
कानूनी एक्शन लें
अंत में आप कानूनी एक्शन ले सकते हैं। हालांकि इस प्रकार की मुकदमेबाजी आपको मुश्किल लग सकती है, लेकिन कभी-कभी यह एकमात्र विकल्प होता है जिससे आप न्याय पा सकते हैं। इसमें पीड़ित शारीरिक या भावनात्मक परेशानी के लिए नियोक्ता के खिलाफ मुकदमा दायर करते हैं, अपनी नौकरी वापस पाने में सक्षम हो सकते हैं या अपने मेहताना प्राप्त कर सकते हैं और होने वाली यौन शोषण घटनाओं से हुए नुकसान के बदले में धन प्राप्त कर सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
यौन शोषण क्या है इसके बारे में जानने के साथ-साथ आपको इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए जैसे:
- इस बात का ध्यान रखें कि कार्यस्थल या कहीं भी यौन शोषण को सहन न करें।
- अपने बच्चों, कार्यस्थल पर सहयोगियों, साथियों, दोस्तों आदि को इस बारे में शिक्षा दें। उन्हें भी यह बताएं कि ऐसा कुछ होने पर चुप न रहें।
- अपनी कंपनी के कर्मचारियों, प्रबंधकों और संघ के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक यौन शोषण के खिलाफ नीति बनाएं। इसके बारे में सभी को बताएं की यौन शोषण क्या है और इसके लिए आप क्या कर सकते हैं।
- सुनिश्चित करें कि सभी प्रबंधक और सुपरवाइजरस ऑफिस में यौन शोषण के खिलाफ वातावरण बनाने को अपनी जिम्मेदारी समझें।
- ध्यान रखें कि सभी कर्मचारी यौन शोषण से निपटने के लिए नीति और प्रक्रियाओं को समझें। इसमें ट्रेनिंग, सूचना और शिक्षा भी शामिल है।
- यौन शोषण क्या है और इसके बारे में बनाई गयी नीतियां प्रबंधकों और सुपरवाइजर सहित सभी पर लागू होती है।
- उत्पीड़न की सभी शिकायतों की तुरंत जांच और निपटारा करें।
- जिन लोगों को लगता है कि वो यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं उन्हें सुरक्षा और सहायता प्रदान करें।
- नियमित समय-सीमा के बाद कंपनी की इस पॉलिसी में बदलाव लाएं और यहां काम करने वालों को इसके बारे में बताएं।