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डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस: त्वचा की इस समस्या से राहत पाने का उपाय है ग्लूटेन फ्री आहार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/04/2021

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस: त्वचा की इस समस्या से राहत पाने का उपाय है ग्लूटेन फ्री आहार

    क्या आप जानते हैं कि त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है और यह बाहरी हानिकारक तत्वों से हमारा बचाव करती है? लेकिन, त्वचा संबंधी रोग न केवल हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचते हैं बल्कि त्वचा की हानिकारक तत्वों से बचाव की क्षमता को भी कमजोर कर देते हैं। त्वचा के रोगों को चर्म रोग कहा जाता है और यह रोग मौसम, मेडिकल कंडीशन या किसी अन्य कारण से भी हो सकते हैं। ऐसी ही एक स्किन प्रॉब्लम है, जिसे डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) या डुहरिंग’स डिजीज (Duhring’s disease) के नाम से जाना जाता है। इस क्रोनिक स्किन कंडीशन के बारे में जानकारी आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है क्योंकि यह समस्या किसी को भी हो सकती है। इस रोग के बारे में जानना जरूरी है ताकि सही समय पर इसका इलाज हो सके। 

    क्या है डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस? (What is Dermatitis Herpetiformis)

    अगर किसी ग्लूटेन युक्त चीज को खाने या पीने के बाद आपको त्वचा में अत्यधिक खुजली हो रही है और उस पर फफोले उभर आए हैं। तो ऐसा डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस के कारण हो सकता है। डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के रोगियों में से अधिकतर लोग ग्लूटेन सेंसिटिव एंटरोपैथी (सीलिएक रोग) के शिकार होते हैं। इस समस्या के कारण रोगी के शरीर पर अत्यधिक खुजली वाले बम्प्स या फफोले शरीर पर दिखाई देते हैं। जो घुटनों, कूल्हों और हेयरलाइन पर अधिक देखे जा सकते हैं। हालांकि, शरीर के अन्य अंगों पर भी यह हो सकते हैं। डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) की समस्या एक तरह से रैशेज हैं, जो सीलिएक रोग (Coeliac Disease) से पीड़ित दस-पंद्रह प्रतिशत लोगों को प्रभावित करते हैं। यह समस्या अधिकतर वयस्कों में देखने को मिलती है। 

    यह भी पढ़ें: Dermatitis: डर्मेटाइटिस क्या है?

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Dermatitis Herpetiformis)

    यह ऑटोइम्यून रोग ग्लूटेन सेंसिटिविटी से संबंधित है और यह अधिकतर त्वचा को प्रभावित करता है। हालांकि इसके प्रभाव कभी-कभी मुंह, दांतों या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल पर भी देखने को मिल सकते हैं। डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं: 

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस के कारण त्वचा पर खुजली वाले छाले, और लाल उठे हुए त्वचा के घाव हो सकते हैं। इन में जलन और खुजली बहुत अधिक हो सकती है। कई मामलों में यह बम्प्स और फफोले एकदम ठीक हो जाते हैं। किंतु, वे त्वचा पर भूरे या पीले निशान छोड़ सकते हैं। यह समस्या अधिकतर कोहनी, स्कैप्ल, कूल्हों आदि में होती है। चेहरे और ग्रोइन पर यह समस्या कम देखने को मिलती है। डेंटल डिफेक्ट्स भी इस समस्या के लक्षण हैं और डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस से पीड़ित बीस प्रतिशत लोगों को इंटेस्टाइनल लक्षण (Intestinal Symptoms) भी देखने को मिल सकते हैं। डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के अधिकतर मरीजों में भी ग्लूटेन सेंसिटिव एंट्रोपैथी होती है। इस समस्या के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षण माइल्ड से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं जबकि कुछ लोगों को इसका कोई लक्षण नजर नहीं आता है। ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत उपचार आवश्यक है। 

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस के कारण (Causes of Dermatitis Herpetiformis)

    इस ग्लूटेन रैश का अंडरलाइंग कारण सीलिएक डिजीज (celiac disease) है, जो एक इम्यून डिजीज है। इस रोग में ग्लूटेन इन्जेस्चन (Gluten Ingestion) छोटी आंत को नुकसान पहुंचा सकती है। जब सीलिएक डिजीज से पीड़ित लोग ग्लूटेन युक्त खाद्य-पदार्थों को खाने या पीते हैं। तो आंत, एंटीबाडी इम्युनोग्लोबुलिन A जिसे (IgA) कहा जाता है, उसका निर्माण करती है। एंटीबाडी इम्युनोग्लोबुलिन A कुछ ऐसे एंजाइम्स के खिलाफ एंटीबाडीज हैं जो स्किन में जमा होती हैं। इसके कारण त्वचा पर वाइट ब्लड सेल्स का हमला होता है, इसके परिणामस्वरूप हमारा शरीर ग्लूटोन के प्रति एब्नार्मल इम्यून रिस्पांस देती है, जिससे यह स्किन रिएक्शन होता है। इस समस्या के अन्य कारण इस तरह से हैं:

    • डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) और सीलिएक रोग (Coeliac Disease) गेहूं, राई और जौ में पाए जाने वाले ग्लूटिन के ग्लायडिन फ्रैक्शन की इन्टॉलरेंस के कारण होते हैं।
    • डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस में मामलों में यह पाया गया है कि यह समस्या होने का एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है।

    यह भी पढ़ें: Atopic dermatitis : एटोपिक डर्मेटाइटिस क्या है?

    कैसे होता है डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस का निदान? (Diagnosis of Dermatitis Herpetiformis)

    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस के निदान (Diagnosis of Dermatitis Herpetiformis) के लिए डॉक्टर मरीज की त्वचा के बम्प्स और छालों की जांच करते हैं। डॉक्टर त्वचा की ऊपरी परत के नीचे के सेल्स को भी जांचते हैं। आपको डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) की समस्या है या नहीं, इस बात को जानने के लिए आपको स्किन बायोप्सी (Skin biopsy) या ब्लड टेस्ट (Blood Test) के लिए कहा जा सकता है। कई बार डॉक्टर इन दोनों टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं। इन से इस बात का भी पता चल जाता है कि कहीं आपको किसी तरह का स्किन डिसऑर्डर तो नहीं है।

    • स्किन बायोप्सी (Skin Biopsy) : स्किन बायोप्सी में रोगी की त्वचा के एक या दो सैंपल लेकर डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के एविडेंस की जांच की जाएगी।
    • ब्लड टेस्ट (Blood Test) :आमतौर पर सीलिएक रोग वाले लोगों में दो एंटीबॉडी पाए जाते हैं जिन्हें एंटी-एंडोमाइसियल(Anti-Endomysial) और एंटी- टिश्यू ट्रांसग्लूटामिनेज (Anti- Tissue Transglutaminase) के नाम से जाना जाता है। अगर इन दोनों एंटीबाडीज के लिए रोगी का टेस्ट पॉजिटिव आता है और अगर आपको स्किन बॉयोप्सी के द्वारा डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) की समस्या कन्फर्म हो जाती है, तो हो सकता है कि आपको सीलिएक रोग (Coeliac Disease) हो।

    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस का उपचार (Dermatitis Herpetiformis Treatment)

    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के उपचार में रोगी को पूरी उम्र ग्लूटेन फ्री आहार का सेवन करना शामिल है, जैसा सीलिएक रोग (Coeliac Disease) में होता है। सीलिएक रोग (Coeliac Disease) में आंतों की हीलिंग की तुलना में ग्लूटेन फ्री आहार के लिए त्वचा की प्रतिक्रिया बहुत धीमी होती है। इससे त्वचा की स्थिति में कुछ सुधार के लिए 6 महीने और ग्लूटेन फ्री डाइट से पूरी तरह से इस समस्या को नियंत्रित करने में दो साल से अधिक समय लग जाता है।

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस

    रैशेज के लक्षण एंटीबैक्टीरियल दवाईयों से कंट्रोल किए जा सकते हैं। सामान्य तौर पर, इस दवा को शुरू करने के 48-72 घंटों के भीतर खुजली और घाव कम होने लगेंगे। हालांकि, यह दवाईयां इंटेस्टाइनल स्थितियों का उपचार नहीं करती है इसलिए ऐसे लोगों को पूरी उम्र ग्लूटेन फ्री आहार का सेवन करना पड़ता है।

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    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस से जुड़ी जटिलताएं कौन सी हैं? (Complications related to Dermatitis Herpetiformis)

    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) का रोग परेशान और बैचैन करने वाला हो सकता है। जो लोग डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) से पीड़ित होते हैं, खासतौर पर जिन लोगों को सीलिएक रोग (Coeliac Disease) की समस्या होती है।  उनके लिए कुछ स्थितियां और भी परेशानी करने वाली हो सकती हैं। इस रोग से जुडी जटिलताएं इस प्रकार हैं:

    • एपथस अल्सर और एंगुलर चेलाइटिस (Aphthous Ulcers and Angular Cheilitis)- एपथस अल्सर छोटे घाव होते हैं जो मुंह में नरम उत्तकों या मसूड़ों के बेस पर विकसित होते हैं। जबकि, एंगुलर चेलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जो आपके मुंह के कोनों में लाल, सूजन वाले पैच का कारण बनती है।
    • रूखी त्वचा, नाखून और बालों की अब्नोर्मलिटीज (Dry Skin, Nail and Hair Abnormalities)
    • दांतों की समस्या जैसे पतले इनेमल  (Dental Problems like Thin Enamel)
    • कुछ न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लमस जैसे पॉलीन्यूरोपैथी (Polyneuropathy), मिरगी (epilepsy)
    • हार्ट प्रोब्लेम्स (Heart Problems) जैसे पेरिकार्डिटिस (Pericarditis) और कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) :पेरिकार्डिटिस पेरिकार्डियम में होने वाली सूजन है जबकि कार्डियोमायोपैथी हृदय की मांसपेशी का एक रोग है, जिसके कारण हार्ट को शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पंप करने में मुश्किल होती है।
    • रेकर्रेंट मिसकैरेज (Recurrent miscarriages)
    • फैटी लीवर जिसके परिणामस्वरूप असामान्य लिवर फंक्शन टेस्ट होते हैं (Fatty Liver resulting in Abnormal Liver Function Tests)
    • मुंह के आसपास जलन और घाव (Sores and Irritation around Mouth)

    यह भी पढ़ें: Seborrheic Dermatitis : सेबोरिक डर्मेटाइटिस क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार

    इस समस्या में आपको अपना ध्यान कैसे रखना चाहिए?

    डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के साथ रहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। त्वचा पर बम्प्स और छालों के कारण आप अजीब महसूस कर सकते हैं। यह नहीं, इनमें होने खुजली भी आपको परेशान कर सकती है। लेकिन, घबराने वाली कोई बात नहीं है। डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) होने पर आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप पूरी उम्र स्वस्थ और फिट रह सकें जैसे:

    इस दौरान आपको ग्लूटेन फ्री डायट को अपनाना होगा। यह नई डायट भी आपके लिए एक बड़ी समस्या जैसी हो सकती है, लेकिन इस दौरान आपको इन चीजों का बिलकुल भी सेवन नहीं करना है:

    • गेहूं, राई और जौ (Wheat, Rye and Barley)
    • मैदे युक्त चीजें जैसे पास्ता या नूडल्स (Pasta and Noodles)
    • बेक्ड चीजें जैसे केक, कूकीज, पिज्जा (Baked Things like cake, cookies and pizza)
    • सॉसज (Sauces)

    इस बात की पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए कि कौन सी चीजें आपको खानी हैं और कौन सी नहीं। क्योंकि, ग्लूटेन युक्त चीजें आपकी तकलीफों को बदतर बना सकती हैं। इसके लिए डॉक्टर की सलाह भी लें। नमक में एक सामान्य घटक आयोडीन, कुछ मामलों में लक्षणों को बदतर बना सकता है। तो आपको उससे भी बचने की आवश्यकता हो सकती है।

    क्या डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस से बचाव संभव है?  (Can Dermatitis Herpetiformis be Prevented?)

    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) से बचने का कोई तरीका ज्ञात नहीं है। लेकिन आप इसकी जटिलताओं से बच सकते हैं। इनसे बचने के लिए आपको ऐसे आहार से बचना है जिसमें ग्लूटेन है। ग्लूटेन-मुक्त आहार का सेवन करने से रोग के प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की मात्रा कम हो सकती है।

    Dermatitis Herpetiformis

    मुझे डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?

    जैसे ही आप डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) के लक्षणों को नोटिस करें, वैसे ही आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आपकी स्थिति खुजली और जलन के कारण न केवल आपके लिए परेशानी भरी हो सकती है बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए इसका जल्दी से जल्दी उपचार होना चाहिए।

    यह भी पढ़ें:  Contact Dermatitis : कॉन्टेक्ट डर्माटाइटिस क्या है?

    डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) एक लाइफलॉन्ग बीमारी है। इससे आप कुछ हद तक राहत पा सकते हैं। लेकिन,जब भी आप ग्लूटेन का सेवन करते हैं, तो आपको यह समस्या फिर से हो सकती है। यही नहीं, अगर इस समस्या का उपचार न कराया जाए, तो सेहत पर बहुत से बुरे प्रभाव हो सकते हैं जैसे विटामिन की कमी, एनीमिया या  गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल  कैंसर आदि।  इस समस्या से राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका है ग्लूटेन फ्री आहार। जिसके बारे में आप अपने डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह ले सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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