त्वचा (skin) में हो रहे बदलाव जैसे सूजन, जलन या फिर खुजली डर्मेटाइटिस के लक्षण हैं। डर्मेटाइटिस के कई कारण हो सकते हैं और यह अलग-अलग तरह के भी हो सकते हैं। डर्मेटाइटिस (Dermatitis) की वजह से त्वचा पर छाला पड़ सकता है या फिर त्वचा पर पपड़ी (फ्लेक ऑफ) हो सकती है। एग्जिमा (Eczema), रूसी और रैशस जैसी समस्या भी डर्मेटाइटिस के अंतर्गत आते हैं।
एग्जिमा (Eczema), रूसी (Dandruff) और रैशस (Rashes) जैसी समस्या गलत दवा, साबुन या फिर जूलरी से हो सकती है। त्वचा संबंधी परेशानी (Skin problem) सामान्य हैं, लेकिन इससे आपको परेशानी महसूस हो सकती है और कभी-कभी आप असहज भी महसूस कर सकते हैं। कुछ बातों को ध्यान में रखकर खुद से डर्मेटाइटिस की परेशानी से बचा जा सकता है।
डर्मेटाइटिस की समस्या कभी-कभी पुरानी और गंभीर भी हो सकती है। एक आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में 15-20% बच्चे और 1-3% वयस्क डर्मेटाइटिस से पीड़ित हैं। हालांकि परेशानी को समझते हुए इससे बचा जा सकता है। इसलिए डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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डर्मेटाइटिस के लक्षण स्किन डिजीज पर निर्भर करते हैं। स्किन संबंधी निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic Dermatitis)
यह प्रायः लाल, दाने, खुजली (Itching) से शुरू होती है। कभी-कभी कोहनी (Elbow) के अंदर, घुटनों के पीछे और गर्दन पर यह परेशानी शुरू हो सकती है। जब आप शरीर पर हुए दानों को खुजलाते हैं तो इससे पानी जैसा तरल पदार्थ निकलता है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस ठीक होने के बाद यह परेशानी फिर शुरू भी हो सकती है।
कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (Contact Dermatitis)
शरीर पर किसी भी साबुन, दवा या ऑइल की वजह से एलर्जी की परेशानी हो सकती है, जिसे कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (Contact Dermatitis) कहा जाता है। ऐसी स्थिति में रैश में जलन या खुजली हो सकती है और यह कभी-कभी गंभीर परेशानी भी बन सकती है।
सेबोरेहिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis)
सिर की त्वचा पर पपड़ीदार पैच, रेड स्किन और डैंड्रफ (Dandruff) की समस्या लगातार बनी रहती है। ऐसा आमतौर पर शरीर के तैलीय स्थान पर होता है, जैसे कि चेहरा, ऊपरी छाती और पीठ। शुओं में इस परेशनी को क्रैडल कैप कहा जाता है।
प्रारंभिक निदान और उपचार से गंभीर परेशानी से बचा जा सकता है। वैसे त्वचा (Skin) संबंधी परेशानी होने पर जल्द से जल्द डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। अगर आपको भी त्वचा संबंधी परेशानी महसूस होती है या ऊपर बताए गए लक्षण या उससे अलग लक्षण महसूस होते हैं तो आपको आपको डॉक्टर से मिलकर अपनी परेशानी बताकर समाधान ढूंढना चाहिए।
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निम्नलिखित कारण आपकी परेशानी को बढ़ा सकते हैं:
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दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको डर्मेटाइटिस की समस्या है तो आपकी शारीरिक जांच की जाएगी। फिर पैच टेस्टिंग की जाएगी। पैच टेस्ट के दौरन आपकी स्किन पर अलग-अलग तरह का सब्स्टन्स लगाया जाएगा। एक दिन के बाद डॉक्टर स्किन पर हुए बदलाव को समझकर इलाज शुरू किए जा सकते हैं। इससे त्वचा पर होने वाले एलर्जी को आसानी से समझा जा सकता है।
दिल्ली के डर्मटॉलॉजिस्ट डॉक्टर निवेदिता दादू का कहना है “गर्मियों के मौसम में तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ अल्ट्रावॉयलेट किरणों की प्रचंडता भी बढ़ जाती हैं, जो त्वचा पर भारी पड़ती हैं। गर्मियों के दौरान शिकायत रहती है कि गर्मियां में टेनिंग (Tening), पसीना (Sweating), मुंहासे (Acne), स्किन एलर्जी (Skin allergy), तैलीय त्वचा (Oily skin), झुर्रियां (Wrinkles) आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। सूरज की रोशनी की वजह से उनकी त्वचा का भी काफी बुरा हाल हो जाता है। गर्म हवाओं की वजह से बाहर आकर ताजा हवा लेने से डरते हैं। जिसके कारण त्वचा नमी खो देती है और अगर समय रहते त्वचा की ठीक से देखभाल न की गई, तो ये गर्मी का मौसम त्वचा के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि त्वचा का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाए। इसलिए, एक मॉश्चराइजर के साथ एसपीएफ30 युक्त सनस्क्रीन त्वचा पर लगाना चाहिए।
कारण और स्थिति को समझते हुए इलाज किया जाता है। वैसे जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू उपचार की मदद से भी इलाज किया जाता है। जैसे:
निम्नलिखत टिप्स अपना कर डर्मेटाइटिस की समस्या से बचा जा सकता है:
पानी के संपर्क में कम रहें : बाथ ऑयल (Oil) का इस्तेमाल करें। गर्म पानी की जगह गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट में नहाने की कोशिश करें।
केमिकल फ्री सोप का इस्तेमाल करें : अपनी स्किन के अनुसार सोप का चयन करें। कुछ ऐसे भी सोप होते हैं जिनसे स्किन ड्राय होती है।
शरीर पर पानी रहने न दें : नहाने के बाद अच्छी तरह से शरीर से पानी को पोंछ लें।
स्किन को अच्छी तरह मॉश्चाराइज करें : स्किन को ड्राई होने से बचने के लिए मॉश्चाराइज करना न भूलें।
इसके अलावा आप निम्न बातों को भी फॉलो कर सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको डर्मेटाइटिस से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
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