हालांकि, प्राथमिक या द्वितीयक लिचेनिफिकेशन (Lichenification) कहीं भी विकसित हो सकता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
- जांघ
- पेट
- चेहरा
- निचले पैरो में
- सीने पर
प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर गहरा रंग विकसित होता है, और इसके लिए चिकित्सा शब्द है हायपरपिग्मेंटेशन। समय के साथ, छोटे पपल्स दिखाई दे सकते हैं, जिससे त्वचा को ऊबड़-खाबड़ बनावट मिल जाती है। इसके अलावा, लिचेनिफिकेशन (Lichenification) के क्षेत्र आमतौर पर आकार में अनियमित होते हैं।
लिचेनिफिकेशन का निदान (Diagnosis of Lichenification)
डॉक्टर लिचेनिफिकेशन का निदान एक फिजिकल एग्जामिनेशन के जरिए करते हैं। वे लक्षणों और संकेतों को देखकर स्थिति का पता लगाते हैं। जिसमें स्किन का मोटे और कड़े होने की जांच की जाती है। यदि आप और आपके डॉक्टर को यह नहीं पता है कि लिचेनिफिकेशन या खुजली का कारण क्या है, तो कुछ और परीक्षण आवश्यक हो सकते हैं। इसमें त्वचा की बायोप्सी या न्यूरोलॉजिकल एग्जाम शामिल हो सकते हैं।
और पढ़ें: Black Skin Care: कैसे की जाती है ब्लैक स्किन की केयर, किन बातों का रखा जाता है ध्यान?
लिचेनिफिकेशन का इलाज (Lichenification treatment)
लिचेनिफिकेशन का इलाज करने के लिए कई प्रकार के ट्रीटमेंट किए जाते हैं। कारण के आधार पर एक से अधिक प्रकार के उपचारों की सिफारिश कर सकता है। बिना पर्ची के मिलने वाली या प्रिस्क्रिप्शन दवा, घरेलू देखभाल, और थेरेपिस्ट से बात करने से लाभ हो सकता है। इसके ट्रीटमेंट ऑप्शन्स में निम्न शामिल हैं।
फ्लूटिकासोन प्रोपिओनेट (Fluticasone propionate)
लिचेनिफिकेशन का ट्रीटमेंट का उद्देश्य खुजली का इलाज और स्क्रेचिंग को कम करना होता है। इसके साथ ही यह इसका कारण बनने वाले परेशानियों जैसे कि एटॉपिक डर्मेटाइटिस या सोरायसिस का इलाज भी करते हैं। 2015 की एक रिसर्च के अनुसार फ्लूटिकासोन प्रोपिओनेट क्रीम या ऑइंटमेंट का दिन में दो बार उपयोग से 4 हफ्ते के बाद 80 प्रतिशत से अधिक लोगों लिचेनिफिकेशन (Lichenification) में फायदा हुआ था।
ये परिणाम महत्वपूर्ण हैं और सुझाव देते हैं कि मध्यम से गंभीर स्थिति का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका एक टॉपिकल फ्लूटिकासोन प्रोपिओनेट ऑइंटमेंट है। (Fluticasone propionate) के लिए आपको डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता होगी।