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स्किन फिशर्स क्या है? जानिए इनके कारण और इलाज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    स्किन फिशर्स क्या है? जानिए इनके कारण और इलाज

    स्किन फिशर्स (Skin Fissures) स्किन पर होने वाले क्रेक्स हें जो अत्यधिक ड्रायनेस और मोटी स्किन के कारण होते हैं। ये गहरे या हल्के हो सकते हैं। साथ ही इनमें दर्द होने के साथ और खून भी आ सकता है। इनकी वजह से अहजता का एहसास होने के साथ ही ये कभी-कभी स्किन अल्सर का भी कारण बन सकते हैं। इसलिए इनके गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले इनका इलाज करना जरूरी हो जाता है। इस आर्टिकल में स्किन फिशर्स के कारण, इलाज और हीलिंग प्रॉसेस के बारे में जानकारी दी जा रही है।

    स्किन फिशर्स (Skin fissure) क्या हैं?

    स्किन फिशर्स स्किन के क्रेक्ड एरियाज हैं। ये बॉडी में कहीं भी हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर उंगलियों, अंगूठे और उंगलियों के बीच, एड़ियों और बॉडी के ऐसे हिस्से जहां ड्रायनेस अधिक होती है वहां पर होते हैं। स्किन फिशर्स के लक्षण निम्न हो सकते हैं।

    • स्किन ब्रेकेज जो कट्स या क्रेक्स की तरह दिखाई देते हैं।
    • फिशर के आसपास की स्किन का मोटा होना
    • आसपास के एरिया की त्वचा का ड्राय होना

    स्किन पर कट आने की वजह से स्किन फिशर दर्दनाक हो सकते हैं। इरिटेंट्स फिशर में अंदर जा सकते हैं जो डिसकंफर्ट का कारण बन सकते हैं। स्किन फिशर्स या तो हल्के होते हैं या फिर अंदर तक जा सकते हैं। छोटे फिशर स्किन को अंदर तक प्रभावित नहीं करते वहीं डीप फिशर स्किन की अंदरूनी परत को भी प्रभावित करते हैं।

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    स्किन फिशर्स के क्या कारण हैं? (Skin fissure Causes)

    स्किन फिशर अचानक से डेवलप नहीं होते। इनका प्रोग्रेशन धीरे-धीरे होता है। जो निम्न प्रकार है।

    • पहले स्किन रूखी होती है
    • फिर यह मोटी और बिना रंग की हो जाती है
    • इसके बाद त्वचा में छोटे-छोट क्रेक्स बन जाते हैं
    • ट्रीटमेंट के बिना ये क्रेक्स बड़े हो जाते हैं और फिशर्स का रूप ले लेते हैं

    कई अंडरलाइन कंडिशन्स इस स्थिति का कारण बन सकती हैं जिसमें निम्न शामिल हैं।

    पोषक तत्वों की कमी (Nutritional deficiencies)

    हेल्दी स्किन को मैंटेन करने के लिए बॉडी को पोषक तत्वों की जरूरत होती है। फूड इंटेक और पोषक तत्वों की कमी स्किन डिसऑर्डर का कारण बन सकती है जिसमें फिशर्स शामिल हैं। बॉडी को जिन पोषक तत्वों की जरूरत है उनमें निम्न शामिल हैं।

    • प्रोटीन्स
    • फैटी एसिड्स जैसे कि ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स
    • विटामिन बी जैसे कि बी3, बी6 और फोलेट
    • विटामिन्स ए सी डी ई और के
    • मिनरल्स जैसे कि जिंक

    जब कोई व्यक्ति न्यूट्रिशनल डेफिसिएंशी से पीड़ित होता है तो त्वचा में लंबे समय तक नमी नहीं रहती और घाव को भरने में लंबा समय लगता है।

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    ड्राय स्किन कंडिशन्स (Dry skin conditions)

    स्किन कंडिशन्स जो इंफ्लामेशन, खुजली और रूखेपन का कारण बनती है वे फिशर्स का कारण भी बन सकती हैं। इन कंडिशन्स में निम्न शामिल हैं।

    त्वचा की स्थिति का इलाज या प्रबंधन करने से फिशर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर और मरीज इस पर कैसे पहुंचते हैं, यह स्थिति के प्रकार और कारण पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को एलर्जी के कारण एक्जिमा है, तो एलर्जी से बचने या एंटीहिस्टामाइन antihistamines लेने से मदद मिल सकती है। इसके विपरीत, सोरायसिस के उपचार में दवाएं या फोटोथेरेपी phototherapy शामिल हो सकते हैं।

    फंगल इंफेक्शन (Fungal infection)

    त्वचा पर फंगल संक्रमण, जैसे एथलीट फुट, सूखे, परतदार या खुजलीदार दाने का कारण बन सकता है। इससे त्वचा के फटने और फटने का खतरा बढ़ सकता है।

    मधुमेह (Diabetes)

    स्किन फिशर्स

    2017 के एक अध्ययन के अनुसार, मधुमेह वाले लोगों को पैरों पर त्वचा के फटने का अधिक खतरा होता है। मधुमेह वाले लोग पैरों में नर्व डैमेज की चपेट में आ सकते हैं, जिसे ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी के रूप में जाना जाता है। इस क्षति का मतलब है कि नसों को पैरों के पसीने की आवश्यकता को महसूस करने की संभावना कम होती है। पसीने की कमी एक बहुत शुष्क वातावरण बनाती है जो त्वचा की दरारों को बनने दे सकती है।

    एंजियोपैथी (Angiopathy)

    त्वचा के फटने का एक अन्य संभावित कारण एंजियोपैथी है, जो नसों और धमनियों सहित रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। डॉक्टरों को पता नहीं है कि एंजियोपैथी से त्वचा के फटने का खतरा क्यों बढ़ जाता है। हालांकि, अगर रक्त त्वचा के कुछ हिस्सों तक नहीं पहुंच पाता है, तो यह त्वचा के स्वास्थ्य और घाव भरने को धीमा कर सकता है।

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    लाइफस्टाइल फैक्टर्स (Lifestyle factors)

    कुछ लाइफस्टाइल फैक्टर्स, डेली रूटीन की एक्टिविटीज ड्राय स्किन का कारण बन सकती हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।

    बार-बार त्वचा को धोना

    त्वचा को बार-बार धोने से नमी का स्तर भी कम हो सकता है। 526 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के 2020 के एक अध्ययन में, अनुमानित 38.8% ने COVID-19 महामारी के दौरान अत्यधिक हाथ धोने के कारण त्वचा के फटने की सूचना दी।

    जलवायु

     शुष्क या ठंडी जलवायु में रहने से भी दरारें पड़ सकती हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शुष्क त्वचा से ग्रस्त हैं या जिन्हें एक्जिमा जैसी त्वचा की स्थिति है।

    पेशा

    ऐसे जॉब्स जिनमें हाथ धोने की आवश्यकता होती है वे और अन्य पेशे भी शुष्क त्वचा का कारण बन सकते हैं या खराब कर सकते हैं। इसमें ऐसे काम शामिल हैं जिनमें जलन पैदा करने वाले रसायनों का रखरखाव शामिल है, जैसे कि हैंड सैनिटाइजर, बाहर काम करना, या लंबे समय तक खड़े रहना – यह एड़ी पर दबाव डालता है।

    डीहायड्रेशन

    यदि कोई व्यक्ति डीहाड्रेशन से ग्रसित है तो यह भी स्किन फिशर्स का कारण बन सकता है। क्योंकि ऐसे में उसकी बॉडी को पसीने और यूरिन के रूप में लॉस होने वाले पानी को रिप्लेस करने में परेशानी होती है।

    फुटवियर

    फटी एड़ियों के मामले में, खुले बैक वाले या सपोर्ट न करने वाले फुटवियर एक भूमिका निभा सकते हैं। जूते की ये शैली एड़ी के नीचे के क्षेत्र को कुशन नहीं करती है, जिससे आसपास की त्वचा पर दबाव बढ़ जाता है।

    फिशर्स का इलाज (Fissures treatment)

    त्वचा की दरारों का उपचार इस बात पर निर्भर कर सकता है कि वे कितनी गहरी हैं।

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    सतही दरारें (Superficial fissures)

    सतही त्वचा की दरारों के लिए, डॉक्टर सेल्फ केयर रेजीम की सिफारिश कर सकते हैं जो दरारों को ठीक करने के लिए प्रोत्साहित करता है और नई दरारों को बनने से रोकता है।

    इसमें शामिल हो सकता है:

    एथलीट फुट या अन्य फंगल संक्रमण वाले लोगों को भी एक एंटीफंगल क्रीम की आवश्यकता हो सकती है, जिसे वे काउंटर पर खरीद सकते हैं। जबकि जिनको स्किन फिशर्स हैं, उन लोगों को प्रति दिन 2-3 बार उपयुक्त मॉश्चराइजर का उपयोग करना चाहिए। शुष्क और फटी त्वचा वाले क्षेत्रों के लिए एक अच्छे मॉश्चराइजर में कई सक्रिय तत्व शामिल हो सकते हैं, जैसे:

  • ह्यूमेक्टेंट्स (Humectants), जो त्वचा में नमी खींचते हैं
  • सैलिसिलिक एसिड या अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड, जो मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाते हैं
  • यूरिया, जो हायड्रेट और एक्सफोलिएट करता है
  • गहरी दरारें (Deeper fissures)

    गहरी त्वचा की दरारों के लिए, डॉक्टर उपयोग कर सकते हैं:

    •  डेब्रीडेमेंट (Debridement) जिसमें एक चिकित्सा पेशेवर शामिल होता है जो मृत त्वचा को सावधानीपूर्वक काटता है
    • प्रिस्क्रिप्शन- त्वचा सॉफ्नर या डीब्राइडिंग एजेंट
    • स्किन ग्लू जो स्किन को हील करने में मदद करती है
    • स्ट्रैपिंग, बैंडिंग, या ड्रेसिंग
    • एंटीबायोटिक्स, जो एक डॉक्टर लिख सकता है यदि फिशर किसी संक्रमण से संबंधित है
    • यदि किसी व्यक्ति की एड़ी पर दरारें हैं, तो त्वचा पर दबाव कम करने के लिए सहायक इनसोल या एड़ी पैड आवश्यक हो सकते हैं।

    यदि दरारें बार-बार आती हैं या अपने आप ठीक नहीं होती हैं, तो डॉक्टर जांच कर सकते हैं कि क्या कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति इसका कारण हो सकती है।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको स्किन फिशर्स (Skin fissures) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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