लोग हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) का अनुभव कई कारणों से कर सकते हैं। जिसमें एलर्जिक रिएक्शन्स, इर्रिटेंट्स का एक्सपोजर, सनबर्न शामिल हैं। हेल्थ कंडिशन्स जैसे कि सोरायसिस और एक्जिमा भी हाथ पर रैशेज का कारण बनती हैं। कुछ परेशानियां अपने आप ठीक हो जाती हैं तो कुछ के लिए ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। इस आर्टिकल में हम हाथों में रैशेज के कारण और इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं।
हाथ पर रैशेज होने के कारण (Causes of Rashes on hands)
हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) होने के कई कारण हो सकते हैं जो निम्न हैं।
1.इर्रिटेंट कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Irritant contact dermatitis)
कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस एक कंडिशन है जो हाथ पर रैशेज होने का कारण बन सकती है। इसकी वजह से स्किन कलर में बदलाव, खुजली, जलन जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस के 80 प्रतिशत से अधिक मामलों में इसका कारण सब्सटेंस के साथ डायरेक्ट एक्सपोजर होता है। ये सब्सटेंस स्किन को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं और हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) का कारण बन सकते हैं। कॉमन स्किन इर्रिटेंट में निम्न शामिल हैं।
- साबुन
- रबर और लेटेक्ट ग्लोव्स
- निकल और गोल्ड ज्वेलरी
- सिटरस और दूसरे नैचुरल एसिड
इर्रिटेंट से दूरी बनाने पर कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस ठीक हो जाती है।
2.एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Allergic contact dermatitis)
कई प्रकार के सब्सटेंस स्किन माइनर एलर्जिक रिएक्शन का कारण बन सकते हैं। ये सब्सटेंस व्यक्ति को तब प्रभावित कर सकते हैं जब वह गार्डनिंग कर रहा हो, किसी नए लोशन या क्रीम का यूज कर रहा हो या किसी ऐसे कैमिकल का एक्सपोजर हो जिससे उन्हें एलर्जी होती है। एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस में प्रतिरक्षा प्रणाली इन पदार्थों के संपर्क के बाद अति प्रतिक्रिया करती है, जिससे दाने, सूजन और जलन होती है। यह स्थिति इर्रिटेंट कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस से अलग है, जहां सब्सटेंस स्वयं लक्षण पैदा करते हैं।
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3.सीवियर एलर्जिक रिएक्शन्स (Severe allergic reactions)
एनाफलैक्सिस (Anaphylaxis) एक गंभीर एजर्लिक रिएक्शन है जो बॉडी के इम्यून सिस्टम को सब्सटेंस के प्रति रिएक्ट करने का कारण बनता है। इसकी वजह से कई बार हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) हो सकते हैं जो हाइव्स की तरह ही होते हैं। अगर ये रैशेज फैलने लगते हैं तो इसकी वजह से गंभीर लक्षण सामने आ सकते हैं, जिसमें गले में सूजन और सांस लेने में तकलीफ शामिल है।
4.हाइव्स (Hives)
हाइव्स कई बार बढ़े और उभरे हुए रैशेज के रूप में सामने आता है। इसलिए हाथ पर रैशेज होने का कारण ये इसकी कंडिशन भी हो सकती है। इस कंडिशन में होने वाले रैशेज में खुजली हो सकती है और किसी के दबाने पर इनका रंग हल्का हो सकता है। यह कंडिशन किसी इर्रिटेंट या एर्लेजन के एक्सपोजर की वजह से होती है। कोई अंडरलाइन कंडिशन और दूसरे फिजिकल ट्रिगर्स भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। हाइव्स एक्यूट और क्रोनिक दोनों प्रकार का हो सकता है।
5.एक्जिमा (Eczema)
हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) होने का कारण एक्जिमा भी हो सकता है। एक्जिमा को एक्टोपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है। यह एक क्रोनिक स्किन कंडिशन है। इसकी वजह से स्किन पर स्केली पैचेज हो जाते हैं। ये बाकी स्किन की तुलना में या तो हल्के होते हैं या फिर डार्क। ये पैचेज पूरी बॉडी पर हो सकते हैं या किसी एक हिस्से पर जैसे कि हाथ। इन रैशेज में खुजली होती है और त्वचा के ड्राय होने पर या कोल्ड वेदर में ये स्थिति और भी बुरी हो जाती है। एक्जिमा बड़ों की तुलना में बच्चों में अधिक कॉमन है।
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6.सोरायसिस (Psoriasis)
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो त्वचा कोशिकाओं के अतिवृद्धि का कारण बनती है। यह चकत्ते, सूजन, और उभरी हुई, पपड़ीदार, त्वचा के पैच का कारण बन सकता है जिसे प्लाक कहा जाता है। यह स्थिति शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। यह हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) का कारण भी बन सकती है। हाथों पर सोरायसिस नाखूनों को भी प्रभावित कर सकता है। जिन लोगों के हाथों में ये कंडिशन होती है, वे कहीं और जैसे खोपड़ी पर दाने विकसित कर सकते हैं। सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं इस स्थिति को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं।
7.सनबर्न (Sunburn)
सनलाइट का एक्सपोजर बॉडी के किसी भी पार्ट पर सनबर्न का कारण बनता है। जिसमें हाथ पर शामिल हैं। कपड़ों से हाथों को ठीक से कवर नहीं किया जा सकता। इसलिए जरूरी है कि हाथों को दोनों तरफ से अच्छी तरह से सनस्क्रीम से कवर किया जाए। जिसमें उंगलियां और कलाई भी शामिल है। सनबर्न खुजली का कारण भी बनता है। लाइट स्किन कॉम्प्लेक्शन वाले लोगों को सनबर्न अधिक प्रभावित करता है।
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9.पीलिंग स्किन सिंड्रोम्स (Peeling skin syndromes)
कई आनुवंशिक स्थितियों के कारण उनके हाथों की त्वचा लगातार छिल सकती है। यह पीलिंग अक्सर दर्द रहित होती है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप सूजन, स्किन डिसकलरेशन और डिसकंफर्ट हो सकता है। गर्मियों के दौरान या बार-बार हाथ धोने या पानी के संपर्क में आने के बाद पीलिंग जैसी कंडिशन और खराब हो सकती है।
10.लाइकेन प्लानस (Lichen Planus)
लाइकेन प्लानस एक आम सूजन वाली त्वचा की स्थिति है। यह सूजन, डिसकलरेशन और बम्प्स का कारण बनता है। यह मुंह और खोपड़ी सहित शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन कुछ लोगों को सबसे पहले अपनी कलाई या हाथों पर रैशेज दिखाई देते हैं।
11.सेल्युलाइटिस (Cellulitis)
सेल्युलाइटिस त्वचा की गहरी परतों पर होने वाला जीवाणु संक्रमण है। यदि बैक्टीरिया त्वचा में प्रवेश करते हैं, तो यह सेल्युलाइटिस का कारण बन सकता है।
बीमारिया या इंजरीज बैक्टीरिया को त्वचा में प्रवेश करने की अनुमति दे सकती है। एक व्यक्ति को मामूली चोट लगने के बाद भी सेल्युलाइटिस हो सकता है, जैसे कि रेजर या मधुमक्खी के डंक से कट जाना। सेल्युलाइटिस एक रैश जैसा हो सकता है। यह सूजा हुआ और फीका पड़ा हुआ दिखता है, लेकिन यह एक खतरनाक संक्रमण है जो जल्दी फैल सकता है।
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हाथ में रैशेज का इलाज क्या हो सकता है? (Treatment of rashes on hands)
उपचार रैशेज के कारण पर निर्भर करता है। आमतौर पर घर पर कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस और एक्जिमा जैसी छोटी स्थितियों का इलाज करना सुरक्षित होता है। सबसे आम उपचार में शामिल हैं:
- स्टेरॉयड क्रीम
- कैलेमाइन लोशन
- ओटमील
- मॉश्चराइजर्स (Moisturizers)
- सनबर्न के मामलों में सूर्य के संपर्क को कम करना
- फंगल संक्रमण के लिए एंटीफंगल क्रीम।
इससे कैसे बच सकते हैं?
सभी रैशेज को रोकना संभव नहीं है। हालांकि, नीचे कुछ टिप्स दी गई हैं जो मदद कर सकती हैं:
- जलन और एलर्जी के जोखिम को कम करने के लिए खुशबू रहित मॉश्चराइजर का प्रयोग करें।
- यदि किसी व्यक्ति को एक्जिमा है, तो विशेष रूप से हाथ धोने के बाद तैयार क्रीम का उपयोग करें।
- यार्ड में काम करते समय या जलन पैदा करने वाले रसायनों का उपयोग करते समय दस्ताने पहनें।
- जब तक आवश्यक न हो, औषधीय क्रीम सहित दवाओं के उपयोग से बचें। यह दवा-प्रेरित एलर्जी प्रतिक्रिया के जोखिम को कम कर सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।