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3.सीवियर एलर्जिक रिएक्शन्स (Severe allergic reactions)
एनाफलैक्सिस (Anaphylaxis) एक गंभीर एजर्लिक रिएक्शन है जो बॉडी के इम्यून सिस्टम को सब्सटेंस के प्रति रिएक्ट करने का कारण बनता है। इसकी वजह से कई बार हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) हो सकते हैं जो हाइव्स की तरह ही होते हैं। अगर ये रैशेज फैलने लगते हैं तो इसकी वजह से गंभीर लक्षण सामने आ सकते हैं, जिसमें गले में सूजन और सांस लेने में तकलीफ शामिल है।
4.हाइव्स (Hives)
हाइव्स कई बार बढ़े और उभरे हुए रैशेज के रूप में सामने आता है। इसलिए हाथ पर रैशेज होने का कारण ये इसकी कंडिशन भी हो सकती है। इस कंडिशन में होने वाले रैशेज में खुजली हो सकती है और किसी के दबाने पर इनका रंग हल्का हो सकता है। यह कंडिशन किसी इर्रिटेंट या एर्लेजन के एक्सपोजर की वजह से होती है। कोई अंडरलाइन कंडिशन और दूसरे फिजिकल ट्रिगर्स भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। हाइव्स एक्यूट और क्रोनिक दोनों प्रकार का हो सकता है।
5.एक्जिमा (Eczema)
हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) होने का कारण एक्जिमा भी हो सकता है। एक्जिमा को एक्टोपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है। यह एक क्रोनिक स्किन कंडिशन है। इसकी वजह से स्किन पर स्केली पैचेज हो जाते हैं। ये बाकी स्किन की तुलना में या तो हल्के होते हैं या फिर डार्क। ये पैचेज पूरी बॉडी पर हो सकते हैं या किसी एक हिस्से पर जैसे कि हाथ। इन रैशेज में खुजली होती है और त्वचा के ड्राय होने पर या कोल्ड वेदर में ये स्थिति और भी बुरी हो जाती है। एक्जिमा बड़ों की तुलना में बच्चों में अधिक कॉमन है।
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6.सोरायसिस (Psoriasis)
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो त्वचा कोशिकाओं के अतिवृद्धि का कारण बनती है। यह चकत्ते, सूजन, और उभरी हुई, पपड़ीदार, त्वचा के पैच का कारण बन सकता है जिसे प्लाक कहा जाता है। यह स्थिति शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। यह हाथ पर रैशेज (Rashes On Hands) का कारण भी बन सकती है। हाथों पर सोरायसिस नाखूनों को भी प्रभावित कर सकता है। जिन लोगों के हाथों में ये कंडिशन होती है, वे कहीं और जैसे खोपड़ी पर दाने विकसित कर सकते हैं। सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं इस स्थिति को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं।
7.सनबर्न (Sunburn)
सनलाइट का एक्सपोजर बॉडी के किसी भी पार्ट पर सनबर्न का कारण बनता है। जिसमें हाथ पर शामिल हैं। कपड़ों से हाथों को ठीक से कवर नहीं किया जा सकता। इसलिए जरूरी है कि हाथों को दोनों तरफ से अच्छी तरह से सनस्क्रीम से कवर किया जाए। जिसमें उंगलियां और कलाई भी शामिल है। सनबर्न खुजली का कारण भी बनता है। लाइट स्किन कॉम्प्लेक्शन वाले लोगों को सनबर्न अधिक प्रभावित करता है।
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9.पीलिंग स्किन सिंड्रोम्स (Peeling skin syndromes)
कई आनुवंशिक स्थितियों के कारण उनके हाथों की त्वचा लगातार छिल सकती है। यह पीलिंग अक्सर दर्द रहित होती है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप सूजन, स्किन डिसकलरेशन और डिसकंफर्ट हो सकता है। गर्मियों के दौरान या बार-बार हाथ धोने या पानी के संपर्क में आने के बाद पीलिंग जैसी कंडिशन और खराब हो सकती है।