शिंगल्स रोग के कारण (Shingles Disease Causes)
बचपन में हुए चिकन पॉक्स के कारण : बचपन में सभी को एक बार चिकनपॉक्स हुआ होता है। तो बड़े होने के बाद कई बार ये बीमारी चिकन पॉक्स के वायरस वेरिसेला जॉस्टर के कारण होती है। दरअसल चिकन पॉक्स ठीक होने के बाद यह वायरस नर्वस सिस्टम में चला जाता है । जिसका प्रभाव अन्य हिस्सों पर भी होता है।
वायरल इंफेक्शन : हर्पीज एक प्रकार का वायरस है, जोकि एच. एस. वी. के कारण होती है। यदि किसी को ये इंफेक्शन हो जाए तो इसका प्रभाव उसके तंत्र पर भी पड़ता है। त्वचा के अलावा शरीर के अंदर भी ये वायरस प्रभावित करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है : जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है, तो धीरे-धीरे कर के कई बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है। जिसमें से एक ये भी है। इस रोग में वायरस सीधे नर्वस से होते हुए त्वचा तक चला जाता है। जिसके कारण स्किन में खुजली, दानों में दर्द और जलन जैसी समस्या होती है।
और पढ़ें:दाद का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? जानिए दवा और प्रभाव
शिंगल्स के लिए कुछ घरेलू उपचार (Home Remedies For Shingles)
इनमें से कुछ उपाय दर्द और खुजली से राहत दिला सकते हैं और उपचार में सुधार कर सकते हैं:
शिंगल्स के लिए कुछ घरेलू उपचार में ऑयल है फायदेमंद (Oil is beneficial in some home remedies for shingles)
कई प्रकार के हर्बल ऑयल तेल त्वचा की जलन और उपचार में मदद कर सकते हैं। लोगों ने कई वर्षों से त्वचा के उपचार के रूप में हर्बल तेलों का उपयोग किया है, जिसे काफी फायदेमंद देखा गया। तेलों में कई ऐसे गुण होते हैं, जो त्वचा की जलन और उपचार में मदद कर सकते हैं इन तेलों में शामिल हैं:
- कैमोमाइल तेल, जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं और त्वचा की कोशिकाओं को रिपेयर में सहायता करके घावों में सुधार कर सकते हैं।
- नीलगिरी का तेल, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं और त्वचा में दाने की समस्या में काफी राहत पहुंचाता है। इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसे घाव भी ठीक हो जाते हैं।
- टी ट्री ऑयल, जिसमें एंटी इफ्लामेटरी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं और घाव भरने में मदद कर सकते हैं।