लिचेनिफिकेशन (Lichenification) एक स्थिति को रिफर करता है जिसकी स्किन मोटी और कड़ी हो गई है। ऐसा आमतौर पर बार-बार खुजली करने या उस एरिया को रगड़ने की वजह से होता है। जब आप लगातार त्वचा के एक क्षेत्र को खरोंचते हैं या इसे लंबे समय तक रगड़ते हैं, तो आपकी त्वचा की कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। इससे त्वचा का मोटा होना और स्किन मार्किंग्स जैसे कि दरारें, झुर्रियां, झाइयां आदि में वृद्धि हो जाती है। जिससे त्वचा कड़ी दिखाई देने लगती है।
लिचेनिफिकेशन के दो मुख्य प्रकार हैं: प्राथमिक (Primary) और द्वितीयक (Secondary)। प्राथमिक लिचेनिफिकेशन (Lichenification) मुख्य रूप से लगातार खरोंचने या रगड़ने से होता है। वहीं जब एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति लिचेनिफिकेशन के लिए जिम्मेदार होती है, तो हेल्थ प्रोफेशनल इसे सेकेंड्री लिचेनिफिकेशन के रूप में वर्गीकृत करते हैं।
लिचेनिफिकेशन के कारण (Causes of lichenification)
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि प्राइमरी लिचेनिफिकेशन (Lichenification) लगातार खुजली या रगड़ने के कारण होता है। डॉक्टर लिचन सिम्प्लैक्स क्रोनिक्स (Lichen simplex chronicus) का निदान कर सकते हैं। इसका एक दूसरा नाम न्यूरोडर्मेटिटिस (Neurodermatitis) है। अगर लिचेनिफेकशन का कारण अन्य है तो व्यक्ति को सेकेंड्री लिचेनिफिकेशन होगा। सेकेंड्री लिचेनिफिकेशन के संभावित कारणों में निम्न शामिल हैं।
- रूखी त्वचा (Dry skin)
- एक्जिमा (Eczema)
- सोरायसिस (Psoriasis)
- ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसऑर्डर obsessive-compulsive disorder
- कीड़े का काटना (Bug bites)
- तनाव या एंजायटी डिसऑर्डर (Stress and Anxiety disorders)
- स्किन ट्रॉमा (Skin trauma)
और पढ़ें: Avocado Oil for Skin: स्किन के लिए एवोकैडो ऑयल क्यों फायदेमंद माना जाता है?
लिचेनिफिकेशन के लक्षण (Symptoms of Lichenification)
प्रकार और कारण के आधार पर, त्वचा के विभिन्न क्षेत्रों पर लिचेनिफिकेशन (Lichenification) हो सकता है। प्राइमरी लिचेनिफिकेशन आमतौर पर निम्न जगहों पर दिखाई देता है।
- सिर, विशेष रूप से खोपड़ी
- गर्दन
- बाजुओं
- गुप्तांग
हालांकि, प्राथमिक या द्वितीयक लिचेनिफिकेशन (Lichenification) कहीं भी विकसित हो सकता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
- जांघ
- पेट
- चेहरा
- निचले पैरो में
- सीने पर
प्रभावित क्षेत्रों में अक्सर गहरा रंग विकसित होता है, और इसके लिए चिकित्सा शब्द है हायपरपिग्मेंटेशन। समय के साथ, छोटे पपल्स दिखाई दे सकते हैं, जिससे त्वचा को ऊबड़-खाबड़ बनावट मिल जाती है। इसके अलावा, लिचेनिफिकेशन (Lichenification) के क्षेत्र आमतौर पर आकार में अनियमित होते हैं।
लिचेनिफिकेशन का निदान (Diagnosis of Lichenification)
डॉक्टर लिचेनिफिकेशन का निदान एक फिजिकल एग्जामिनेशन के जरिए करते हैं। वे लक्षणों और संकेतों को देखकर स्थिति का पता लगाते हैं। जिसमें स्किन का मोटे और कड़े होने की जांच की जाती है। यदि आप और आपके डॉक्टर को यह नहीं पता है कि लिचेनिफिकेशन या खुजली का कारण क्या है, तो कुछ और परीक्षण आवश्यक हो सकते हैं। इसमें त्वचा की बायोप्सी या न्यूरोलॉजिकल एग्जाम शामिल हो सकते हैं।
और पढ़ें: Black Skin Care: कैसे की जाती है ब्लैक स्किन की केयर, किन बातों का रखा जाता है ध्यान?
लिचेनिफिकेशन का इलाज (Lichenification treatment)
लिचेनिफिकेशन का इलाज करने के लिए कई प्रकार के ट्रीटमेंट किए जाते हैं। कारण के आधार पर एक से अधिक प्रकार के उपचारों की सिफारिश कर सकता है। बिना पर्ची के मिलने वाली या प्रिस्क्रिप्शन दवा, घरेलू देखभाल, और थेरेपिस्ट से बात करने से लाभ हो सकता है। इसके ट्रीटमेंट ऑप्शन्स में निम्न शामिल हैं।
फ्लूटिकासोन प्रोपिओनेट (Fluticasone propionate)
लिचेनिफिकेशन का ट्रीटमेंट का उद्देश्य खुजली का इलाज और स्क्रेचिंग को कम करना होता है। इसके साथ ही यह इसका कारण बनने वाले परेशानियों जैसे कि एटॉपिक डर्मेटाइटिस या सोरायसिस का इलाज भी करते हैं। 2015 की एक रिसर्च के अनुसार फ्लूटिकासोन प्रोपिओनेट क्रीम या ऑइंटमेंट का दिन में दो बार उपयोग से 4 हफ्ते के बाद 80 प्रतिशत से अधिक लोगों लिचेनिफिकेशन (Lichenification) में फायदा हुआ था।
ये परिणाम महत्वपूर्ण हैं और सुझाव देते हैं कि मध्यम से गंभीर स्थिति का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका एक टॉपिकल फ्लूटिकासोन प्रोपिओनेट ऑइंटमेंट है। (Fluticasone propionate) के लिए आपको डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता होगी।
दूसरी प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स (Other prescription drugs)
दूसरी प्रिस्क्रिप्शन दवाओं में निम्न शामिल हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम्स।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन जो सीधे स्किन में लगाए जाते हैं।
- एंटी एंजायटी मेडिकेशन
- एंटीहिस्टामाइन्स
ओवर द काउंटर ट्रीटमेंट्स (Over-the-counter (OTC) treatments)
ओवर द काउंटर ट्रीटमेंट्स से भी इस कंडिशन का इलाज किया जा सकता है। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- एंटी ईचिंग क्रीम
- मॉश्चराइजर
- कपूर और मेंथॉल से बनी क्रीम
और पढ़ें: स्किन फिशर्स क्या है? जानिए इनके कारण और इलाज
थेरिपीज (Therapies)
कुछ थेरिपीज खुजली और लिचेनिफिकेशन (Lichenification) को कम करने में प्रभावी है। ये अंडरलाइन कंडिशन को भी ठीक करने में मदद करती हैं। इनमें निम्न शामिल हैं।
- प्रकाश चिकित्सा (Light therapy)
- मनोचिकित्सा (Psychotherapy)
- एक्यूपंक्चर (Acupuncture)
- एक्यूप्रेशर (Acupressure)
और पढ़ें: Non Cancerous Skin Tags: जानिए नॉन कैंसरस स्किन टैग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी!
घरेलू उपचार (Home remedies for Lichenification)
ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें आप घर पर आजमा सकते हैं। इन घरेलू उपचारों का उद्देश्य या तो खुजली के सामान्य कारणों को दूर रखना है या आपको खरोंचने से रोकना है।
- स्क्रैचिंग इस स्थिति को बदतर बनाती है और खुजली को बढ़ाती है। सबसे अच्छी चीज जो आप कर सकते हैं वह है खुद को इस चक्र को तोड़ने के लिए मजबूर करना।
- सोते समय दस्ताने पहनने का प्रयास करें। दस्ताने की एक पतली जोड़ी आपको सोते समय नुकसान पहुंचाने से रोक सकती है।
- त्वचा के प्रभावित पैच को कवर करें। बैंड-एड्स, बैंडेज, गॉज ड्रेसिंग, या ऐसी किसी भी चीज का इस्तेमाल करें, जिससे आपके लिए स्क्रैच करना और मुश्किल हो जाए।
- अपने नाखूनों को अतिरिक्त छोटा रखें। छोटे, चिकने नाखून कम नुकसान करेंगे। अपने नाखूनों के कोनों को गोल करने के लिए नेल फाइल का उपयोग करने का प्रयास करें।
- प्रभावित जगह पर ठंडा, गीला कंप्रेस लगाएं। यह त्वचा को शांत कर सकता है और औषधीय क्रीमों को त्वचा में अधिक प्रभावी ढंग से सोखने में मदद करता है। आप घर पर ही अपना कूल कंप्रेस बना सकते हैं।
- कोमल, सुगंध मुक्त उत्पादों का प्रयोग करें। सौम्य परफ्यूम-मुक्त साबुन, बिना गंध वाले मॉश्चरारइजर, सुगंध और डाई मुक्त कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट आजमाएं।
- ओटमील बाथ लें। सुनिश्चित करें कि पानी गुनगुना हो, लेकिन गर्म न हों, क्योंकि गर्म पानी त्वचा को शुष्क कर सकता है। बिना पका हुआ ओटमील या कोलाइडल ओटमील पाउडर डालें। यहां अपना ओटमील बाथ आसान का तरीका बताया गया है।
- तनाव सहित खुजली को ट्रिगर करने वाली किसी भी चीजों से बचें।
उम्मीद करते हैं कि आपको लिचेनिफिकेशन (Lichenification) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।