गार्डनिंग यानी बागवानी करके न सिर्फ आप प्रकृति को करीब से महसूस कर पाएंगे, बल्कि यह शौक आपके शरीर और मन को भी स्वस्थ रखेगा। मानसिक स्वास्थ्य के लिए गार्डनिंग एक अच्छा विकल्प है, यह उम्र भी बढ़ाता है। गार्डनिंग थेरेपी किसी बीमारी से जल्दी उबरने में मदद करता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि कैसे बागवानी किस आपके मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखती है।
स्वीकार करना सिखाती है गार्डनिंग
लोगों की सबसे बड़ी समस्या है कि वह अपने आसपास की चीज़ों को कंट्रोल करना चाहते हैं। हर चीज को काबू करने की चाहत ही हमारी उदासी और मायूसी का कारण होती है। बागवानी आपको चीजों को बदले बिना वह जैसे है उसे वैसे ही स्वीकार करना सिखाती है। आप बगीचे में कटाई-छंटाई और सिंचाई करके अपनी तरफ से उसे बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन बगीचा किस तरह से बदलेगा यह आपके नियंत्रण में नहीं रहता, क्योंकि यह कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है और आपको हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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परफेक्शनिज्म के प्रति धारणा बदलती है गार्डनिंग
जरूरी नहीं कि हर परफेक्ट चीज सुंदर हो। यदि आपको हमेशा परफेक्ट चीजें ही पसंद आती है तो गार्डनिंग आपकी ये सोच बदल देगी और कमियों के साथ चीजों को अपनाना सीखा देगी। हर चीज़ को हमेशा परफेक्ट करने की आदत आपको न सिर्फ परेशान कर देगी, बल्कि हाथ आए मौकें भी निकल सकते हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने एक सुंदर गार्डन बनाने के लिए कितनी अच्छी तरह से प्लानिंग की है, क्योंकि यह कई और चीज़ों से प्रभावित होती है, मगर आपके मन मुताबिक न होने पर भी आपको अपने गार्डन से प्यार रहता है, इस तरह आप हालात और लोगों को भी कमियों के साथ अपनाना सीख जाते हैं। गार्डनिंग आपकी मानसिकता को बड़ा दायरा देती है।
लोगों से जोड़ती है गार्डनिंग
गार्डनिंग आपको लोगों से जुड़ने का अच्छा मौका देता है। इसके जरिए आप लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बना सकते हैं, जैसे आप किसी ऐसे शख्स से मिलते हैं जिसे गार्डनिंग का शौक है, तो एक समान शौक होने की वजह से आप दोनों में अपने आप एक रिश्ता जुड़ जाता है।
तनाव कम करता है
अपने बगीचे में बैठकर जब आप चारों तरफ लगे हरे-भरे पेड़-पौधों को देखते हैं, तो इससे न सिर्फ आंखों को सुकून मिलता है, बल्कि सहेत के लिए भी यह फायदेमंद है। अध्ययन के मुताबिक, प्रकृति के करीब रहने से तनाव, चिंता और अवसाद दूर होता है।
बेहतरीन एक्सरसाइज है गार्डनिंग
गार्डनिंग के दौरान आपके शरीर में जो मूवमेंट होती है वह एक तरह की एक्सरसाइज ही है। फिजिकली एक्टिव रहने पर न सिर्फ मूड अच्छा रहता है, बल्कि एंजाइटी भी कम होती है। खुद को फिट रखने के लिए यदि आप जिम नहीं जा पाते हैं, तो कोई बात नहीं। रोजाना अपने गार्डन में टहलना, पौधों को पानी देना और उनकी देखभाल करने से भी आपके मसल्स टोन्ड रहेंगे।
हेल्दी खाने के लिए प्रेरित करता है गार्डनिंग
अपने गार्डन की ताजी सब्जियां और फल यकीनन आपको बहुत प्यारे होंगे, क्योंकि इन्हें आपने मेहनत और प्यार से उगाया है तो जाहिर है इसका स्वाद बाहर की सब्जियों से कहीं ज्यादा अच्छा होगा। इस तरह से गार्डन में उगे फल, सब्जियां आपको हेल्दी खाने के लिए प्रेरित करती हैं।
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