श्रीकृष्ण ने कहा है कि यदि आपको सफलता चाहिए तो आपको त्याग करना ही पड़ेगा। सफलता को प्राप्त करने के लिए आपको मन का डर, आराम, समय, पैसा, सुरक्षा आदि त्याग करना पड़ेगा। सफलता बिना त्याग के प्राप्त नहीं होती है। जब सफलता आपके कदम चूमती है तो मन के एहसास को बयां करना मुश्किल होता है। मन खुश होने से मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
नम्रता
अपने बड़ो या फिर छोटे से नम्र होकर बात करना आपके मनसिक स्थिति को बयां करता है। श्रीकृष्ण के सदैव ही सभी से नम्रता पूर्वक व्यवहार करते थे। हम सभी को इस गुण को अपनाना चाहिए। यदि आप नम्रतापूर्वक व्यवहार करते हैं तो आपके आस-पास का वातावरण खुशनुमा रहता है और अच्छे लोगों के साथ आपका रिलेशन बनता है। अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए ये बहुत जरूरी है।
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कर्म करो
कर्म करो फल की चिंता न करो। कर्म के बारे में दिया गया श्रीकृष्ण का ये ज्ञान आज भी लोगों में प्रिय है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि बिना किसी रुकावट के अपना काम करो। कर्म के फल की इच्छा करने पर काम में रुकावट आ सकती है। बिना इच्छा के काम पूरी और मेहनत के साथ काम करो। यदि आप ऐसा करेंगे तो परिणाम हमेशा ही सकारात्मक होंगे। बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए ये अच्छा उपाय है।
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