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मानसिक स्वास्थ्य पर इन 5 आदतों का होता है बुरा असर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Aamir Khan द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/04/2021

    मानसिक स्वास्थ्य पर इन 5 आदतों का होता है बुरा असर

    10 अक्टूबर को हर साल दुनियाभर में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद है लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरुक करना, जिससे लोग मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें और उसके प्रति सजग और सतर्क बनें।। आजकल ज्यादातर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि दिन-प्रतिदिन की सामान्य लगने वाले चीजें कब  उनकी आदत में बदल जाती हैं। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे को मनाने का सबसे मुख्य कारण है कि लोगों को ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी जागरुक किया जा सकें। तो आज हम ऐसी ही पांच बुरी आदतों के बारे में बात करेंगे जिनको आज से ही एक अच्छे मस्तिष्क के लिए बंद कर देना चाहिए।

    खराब खानपान की आदते:

    डॉक्टर्स भी मानते है कि भोजन का प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। लोगों के बीच ज्यादा प्रोसेस्ड फूड (कुकीज, चिप्स, ब्रेड, आदि) पहली पसंद बने हुए हैं। लेकिन खाने की ये सब चीजों को डायट में शामिल करने से डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए अवसाद ग्रसित व्यक्ति अगर अपने आहार में सुधार करता है तो उसको इस समस्या से छुटकारा मिलाने में मदद मिलती है। एक बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए डाइट में हरी सब्जियां, फल, नट्स, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल जैसे हेल्दी फैट्स को शामिल करें और प्रोसेस्ड फूड्स जितना हो कम खाएं।

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    Stress : स्ट्रेस

    मानसिक स्वास्थ्य – खानपान सही करने के उपाय

    शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए सही खान-पान होना बहुत जरूरी होता है। शुरुआती तौर पर, भोजन के रूप में एक हेल्दी डायट चुनें और ब्रेकफास्ट में दलिया, उबले अंडे आदि के सेवन करें।

    नींद का बिगड़ा पैटर्न

    एक अच्छी नींद शारीरिक और भावनात्मक सेहत की बेहतरी का एक उत्तम स्रोत है। पर्याप्त नींद व्यक्ति के मस्तिष्क और शरीर को वर्क प्रेशर, स्ट्रेस से लड़ने की ताकत देती है। रिसर्च से पता चलता है कि मानसिक स्वास्थ्य से ग्रस्त लोग कम नींद लेते हैं। ‘द स्लीप हेल्थ फाउंडेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार अवसाद के 60 से 90 प्रतिशत रोगियों में अनिद्रा शामिल है। नींद की बुरी आदतों में बहुत कम या ज्यादा नींद लेना, रात में देर से सोना, सुबह देर तक सोना, सोने से पहले तनावपूर्ण स्थितियों में होना, सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करना आदि शामिल है। सोने की ये आदतें आपको सामान्य लगती होंगी, लेकिन अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए ये सबसे बड़ी दुश्मन हो सकती हैं।

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    स्लीप हिप्नोसिस

    मानसिक स्वास्थ्य – नींद पैटर्न ठीक करने के उपाय

    अधिकतर लोगों की यह समस्या है कि उन्हें अब रात मे नींद नहीं आती है। नींद न आने के कई कारण हैं,  लेकिन शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहने के लिए रात की पूरी नींद लेना बहुत आवश्यक होता है। इसलिए रात में जल्दी सोकर सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। यदि आप ऐसा करना चाहते हैं, तो आपको अपनी कुछ आदते बदलनी होंगी। जैसे शुरुआत में सोने के लगभग 2 घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (फोन,लैपटॉप) को बंद करने की कोशिश करें। बुरी आदतों को छोड़ने में काफी समय लगता है, लेकिन धीरे-धीरे नई आदतों को सीख सकते हैं, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं।

    सुबह से शाम तक फोन में ही लगे रहना:

    सुबह से लेकर सोने तक हर इंसान फोन में ही लगा रहता है। हर छोटी-छोटी बात को सोशल मीडिया पर शेयर करना, टेक्सटिंग, गेम खेलना, इंस्टाग्राम/ फेसबुक चेक करना आदि का प्रभाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। जर्नल ऑफ एफेक्टिव डिसऑर्डर में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, स्मार्टफोन का ज्यादा उपयोग अवसाद, चिंता, स्ट्रेस या कम आत्मसम्मान के लक्षणों को और भी खराब कर सकता है। सोशल मीडिया का अधिक उपयोग जीवन की संतुष्टि को कम देता है। सोशल मीडिया पर आप दूसरों की लाइफस्टाइल को देखकर खुद की लाइफ से असंतुष्ट होने लगते हैं और इन सब बातों का नकारात्मक प्रभाव आपके मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ता है।

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    मानसिक स्वास्थ्य – फोन की लत को छोड़ने के उपाय

    आजकल न केवल युवाओं का बल्कि हर उम्र के लोगों का सबसे अधिक समय फोन चलाने में बीतता है। धीरे-धीरे यह एक लत बन जाती है जिससे किसी और काम में नहीं लग पाता है, नींद पूरी नहीं होती है। इस प्रकार आप किसी और कार्य में ध्यान नहीं लगा पाते हैं। जिससे आपको शारीरिक और मानसिक रूप से कई समस्या हो सकती है। इसलिए फोन की तल से जितनी जल्दी निकलकर अन्य कार्यों में मन लगाएं आपकी हेल्थ के लिए उतना  कोशिश करें कि ऑफिस से घर आने पर फोन की बजाय परिवार के किसी सदस्य के साथ टहलने जाएं या फिर परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर खाना खाएं या बातें करें।

    निष्क्रिय होना

    आजकल की दिनचर्या ऐसी हो गई है कि हम ज्यादातर बैठे ही रहते हैं। घर में हो तो टीवी के सामने, ऑफिस में हो तो डेस्क पर लेकिन यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक सेहत को भी प्रभावित करता है। आप जितने ज्यादा निष्क्रिय होते हैं उतनी ही अधिक चिंता, डिप्रेशन और अन्य नकारात्मक प्रभावों का अनुभव करते हैं इसलिए हर दिन एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। नियमित रूप से व्यायाम करना स्ट्रेस से निपटने में भी मदद कर सकता है।

    निष्क्रिय से बचने के उपाय

    टीवी के बजाए खेलकूद में समय दें। मानसिक स्वास्थ्य के लिए हफ्ते में दो से तीन बार कुछ समय दोस्तों के साथ बाहर समय बिताना या बाहर घूमना एक अच्छा विकल्प साबित होगा। ऑफिस के समय में कोशिश करें कि हर घंटे में पांच मिनट की वॉक जरूर लें। रात को वॉक करने जाएं। बोर होते हैं तो टीवी देखने की बजाय आप बैडमिंटन खेल सकते हैं। इससे आपकी एक्सरसाइज भी हो जाएगी और आपको अच्छी नींद भी आने में मदद होगी।

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    मानसिक स्वास्थ्य – लंबे समय से तनाव में रहना

    ऐसे तो लाइफ में थोड़ा बहुत स्ट्रेस तो बना ही रहता है लेकिन, किसी तरह की चिंता जो निरंतर बनी हो आपके शरीर और दिमाग के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। लगातार तनाव में रहने से आप न केवल अधिक चिड़चिड़े हो जाएंगे, बल्कि डिप्रेशन जैसी समस्या भी आपको घेर सकती है। इसके साथ ही आप कई दूसरी बीमारियों को न्योता देते हैं। निरंतर तनाव हृदय रोग, उच्च रक्तचाप आदि का कारण भी बन सकता है।

    लंबे समय से तनाव में रहना उपाय

    अपना ध्यान दूसरी जगह पर लगाएं। खुद को उन जगहों पर व्यस्त रखें जिन कामों को करके आपको खुशी मिलती है। अपने लिए समय निकालें। खुद से बात करें। दिन के आखिर में कुछ मिनट रिलैक्सेशन या मेडिटेशन जरूर करें। दिमाग के अच्छे स्वास्थ्य के बारे में अधिकतर लोगों को सही जानकारी नहीं होती या कम जानकारी होती है जिसके कारण हम इसे अनदेखा कर देते हैं। मानसिक और भावनात्मक सेहत को बेहतर रखने के लिए अपनी इन आदतों पर गौर करें और आदतें बदल ने की कोशिश करें। 

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    हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाली बातों के बारे में बताया गया है। यदि आप भी ऐसी किसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो ऊपर बताई आदतों में बदलाव करें। इससे जुड़ी यदि आप अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो आप हमसें कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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