आंख में हल्के से लेकर तेज दर्द खून की तरह लाल आंखें प्रकाश से संवेदनशीलता बहुत अधिक आंख से पानी आना धुंधली दृष्टि कॉर्नियल फ्लैशबर्न से दोनों आंखें प्रभावित हो सकती है, लेकिन जिस आंख में अधिक अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन गया हो उसमें लक्षण अधिक दिखते हैं।
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कब जाएं डॉक्टर के पास?
आंखें बहुत संवेदनशील होती हैं, इसलिए किसी तरह की बीमारी या क्षति से आंखों की रोशनी जा सकती है। इसलिए धुंधला नजर आने, दर्द या दृष्टि में बदलाव होने पर तुंरत नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाएं।
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निदान
कॉर्नियल फ्लैश बर्न का निदान
डॉक्टर आपसे पहले लक्षणों के बारे में पूछेगा फिर परीक्षण करेगा। वह पूछ सकता है कि लक्षण दिखने के समय आप क्या कर रहे थे। वह आपकी पलकों की भी जांच करता है। इसके आलावा आपको निम्न टेस्ट के लिए भी कहा जा सकता हैः
स्लिट लैंप टेस्ट- इस टेस्ट में माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल आंख के अंदर की चोट को देखने के लिए किया जाता है। कॉर्निया को हुई क्षति को देखने के लिए डाई का उपयोग किया जा सकता है।
विजुअल एक्युटी टेस्ट- यह टेस्ट दृष्टि और आंख के मूवमेंट की जांच करता है।
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