आई स्टाइ (Eye stye) आंखों में होने वाला इंफेक्शन है, जिसकी वजह से आंख की निचली पलकें प्रभावित होती हैं। इसे गुहेरी भी कहते हैं। पलक के ऑयल ग्लैंड्स को प्रभावित करते हुए यह पिंपल्स या फोड़े जैसी दिखाई देती है। अक्सर स्टाइ (गुहेरी) के अंदर पस (मवाद) भरा होता है। आमतौर पर यह पलकों के बाहर होता है, लेकिन कभी-कभार अंदर की तरफ भी हो सकता है। स्टाइ से आंखों को कितना नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है और इसके लक्षण और उपचार क्या है? जानिए इस आर्टिकल में।
आई स्टाइ लाल और पीड़ादायक पस भरी गांठ होती है, जो इंफेक्शन की वजह से होती है। स्टाइ को होर्डियोलम भी कहा जाता है। वैसे तो यह अधिकांश लोगों को पलकों के बाहर होता है, लेकिन कुछ को पलकों के अंदर भी हो सकता है। स्टाइ के कारण बहुत दर्द होता है और आपको पलकें भारी-भारी और असहज महसूस होती हैं। स्टाइ आमतौर पर कुछ दिनों में अपने-आप गायब हो जाता है। इस बीच दर्द और असहजता से राहत पाने के लिए गर्म कपड़े से पलकों को सेंक सकते हैं।
यह स्टाइ पलकों के बाहरी हिस्से पर होता है। इसमें पस भरा होता है और मुंहासे या फोड़ी जैसा दिखता है। इसे छूने पर दर्द होता है। यह स्टाइ इनमें से किसी में इंफेक्शन के कारण होता है-
जहां से आपकी पलकें विकसित होती हैं, त्वचा के उस हिस्से में छोटा छेद होता है उसे आईलैश फॉलिकल कहते हैं।
यह ग्लैंड पलकों को सूखने से रोकने में भी मदद करता है। यह एक पसीने की ग्रंथि है जो आईलैश फॉलिकल में खाली हो जाती है।
यह ग्लैंड आईलैश फॉलिकल से जुड़ी होती है और सीबम का उत्पादन करती है। सीबम पलक को चिकनाई देने और इसे सूखने से रोकने में मदद करता है।
इसमें पलकों के अंदर सूजन होती है। आमतौर पर आंतरिक स्टाइ बाहरी स्टाइ की तुलना में अधिक पीड़ादायक होती है। यह मेइबोमियन ग्लैंड में इंफेक्शन के कारण होता है। यह ग्लैंड एक स्राव पैदा करती है जो आंख को ढंकने वाले फिल्म का हिस्सा है। मरीज को आंखों में जलन, पलक के किनारे का झुकाव, पलकों का फड़कना, आंखों की रोशनी कमजोर होना, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता और पलक झपकाने में असहजता होती है।
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आई स्टाइ के लक्षणों में शामिल है-
पलकों में सूजन का एक अन्य कारण है कलेजियन (पलकों की गांठ)। पलकों के पीछे आईलिड की मार्जिन के छोटे ऑयल ग्लैंड में ब्लॉकेज के कारण यह समस्या होती है। स्टाइ की तरह कलेजियन में दर्द नहीं होता है और यह पलकों के अंदर की तरफ होता है।
आई स्टाइ और कलेजियन में मुख्य अंतर दोनों के होने का कराण है। स्टाइ आमतौर पर पलकों के किनारे पर होता है और यह लाल, पीड़ादायक गांठ होती है। इसमें आइलैश फॉलिकल प्रभावित होता है, जिसमें सूजन आ जाती है। यदि स्टाइ पलकों के अंदर की तरफ हुआ है तो इसे इंटरनल होर्डियोलम कहते हैं। यदि मेइबोमियन ग्लैंड में ऑयल का बैकअप होता है तो इसकी वजह से भी स्टाइ हो सकता है, जिससे सूजन होती है। पलकों के अंदर बहुत छोटे ग्लैंड होते हैं जिनका काम आंखों की नमी बनाए रखने के लिए ऑयल प्रदान करना है।
कलेजियन ग्रीक शब्द है जिसका मतलब होता है, ‘छोटी गांठ’। पलकों के पास यह गांठ तब बनती है जब तेल पैदा करने वाले ग्लैंड में सूजन आ जाती है और ऑयल इसकी ओपनिंग को ब्लॉक कर देता है। स्टाइ की तुलना में यह धीमी गति से बढ़ता है। यह पलकों के किनारे से थोड़ा आगे हो सकता है और यह स्टाइ की तुलना में बड़ा होता है। इसके अलावा स्टाइ असहज हो सकता है, लेकिन कलेजियन से आमतौर पर किसी तरह की असहजता महसूस नहीं होती है। इसलिए जरूरी है कि आंखों की इस समस्या का इलाज कराना जरूरी होता है।
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अधिकांश आई स्टाइ नुकसानदायक नहीं होते हैं और इससे आपकी देखने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है। आई स्टाइ होने पर खुद अपना ध्यान रखें, जैसे- गर्म पानी में भिगोए कपड़े से इसे सेंके और 5-10 मिनट तक आंखे बंद करके गर्म पानी में भिगोया साफ कपड़ा पलकों पर रखें और इससे हल्के से मसाज करें। लेकिन आपको निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर को दिखाना अनिवार्य है:-
डॉक्टर आपकी आंखों की स्थिति देखकर ही आई स्टाइ यानी गुहेरी का पता लगा लेगा। ज्यादा तकलीफ होने पर डॉक्टर आपको दर्द की दवाई के साथ आई ड्रॉप्स देगा।
अगर डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप या एंटीबैक्टीरियल क्रीम से भी आपको आराम नहीं मिलता है, तो डॉक्टर सूजन वाली जगह पर बारीक सा छेद कर सकता है, जिससे पस बाहर निकल जाए और व्यक्ति को आराम मिले।
आपको आई स्टाइ का खतरा अधिक है यदिः
रोसिया, एक स्किन कंडिशन है जिसमें चेहरा लाल हो जाता है।
आंखों के संक्रमण से बचने के लिएः
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