परिचय
एसोफैगल ऐंठन क्या है?
एसोफैगल ऐंठन या अन्नप्रणाली ऐंठन दर्दनाक और असामान्य मांसपेशी संकुचन है जो अन्नप्रणाली (esophagus) को प्रभावित करती है। यह एक दुर्लभ बीमारी है जो बहुत कम लोगों में होती है। Esophageal spasms में सीने में तेज दर्द, खाना निगलने में कठिनाई, भोजन और तरल पदार्थ वापस मुंह में आना और भोजन का अन्नप्रणाली में फंसना जैसे लक्षण दिखाई देते है। दरअसल अन्नप्रणाली एक संकीर्ण पेशी ट्यूब है जो भोजन और तरल पदार्थ को पेट तक पहुंचाने का काम करती है। वयस्क व्यक्ति में अन्नप्रणाली की लंबाई 10 इंच तक होती है। इसकी मांसपेशीय दीवारें म्यूकस मेम्ब्रेन की बनी होती है। अन्नप्रणाली पाचन तंत्र का हिस्सा है और यह समन्वित और संकुचित करके भोजन और तरल पदार्थ को नीचे की ओर पेट में पहुंचाने का काम करती है। जब ये संकुचन अनियंत्रित हो जाते है और इस प्रक्रिया में बाधा डालते है तो इसे ही एसोफैगल ऐंठन कहते है।
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प्रकार
एसोफैगल ऐंठन के प्रकार
ऐसोफैगल ऐंठन के दो प्रकार होते है-
1.डिफ्यूज एसोफैगल ऐंठन (DES)
समसामयिक संकुचन या डिफ्यूज इसोफेजियल ऐंठन दर्दनाक होते है इसमें संकुचन समन्वित नही होते है जो भोजन के प्रसार को रोकते है।
2.दर्दनाक संकुचन (नटक्रैकर एसोफैगस)
इस प्रकार के ऐसोफैगल ऐंठन को जैकहैमर अन्नप्रणाली के नाम से भी जाना जाता है, इस प्रकार के एसोफैगल ऐंठन में भोजन या तरल पदार्थ पुनरुत्थान का कारण नही बनता।
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लक्षण
एसोफैगल ऐंठन के लक्षण क्या हैं?
Esophageal spasms के लक्षणों में शामिल है-
- सीने में तेज दर्द होता है जो बाहों, पीठ, गर्दन या जबड़े तक जा सकता है। यह दर्द इतना तेज होता है कि मरीज को दिल का दौरा पड़ने जैसा महसूस हो सकता है।
- हमेशा गले और छाती में कुछ फंसा हुआ महसूस होना
- निगलने में परेशानी होने के साथ ही भोजन और तरल वापस मुंह में आना
- सीने में जलन होना
- खाना निगलने में दर्द होना।
- डकार
- मतली
- गले में गांठ
- एसिड
- घुटन की भावना
- उल्टी
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कारण
एसोफैगल ऐंठन के कारण क्या है?
हालांकि ऐसोफैगल ऐंठन के स्पष्ट कारण ज्ञात नही है, लेकिन फिर भी इसके कुछ संभावित कारण हो सकते है-
- अन्नप्रणाली की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नर्व्स के असामान्य कामकाज की वजह से एसोफैगल ऐंठन हो सकता है। ये मांसपेशियां भोजन को पेट में पहुंचाने का काम करती है यदि ये ठीक से काम नही करें तो इस तरह की समस्या हो सकती है।
- कुछ खाद्य पदार्थ और कुछ पेय पदार्थ जिसमें रेड वाइन भी शामिल है इसके अलावा बहुत गर्म या बहुत ठंडा खाना खाने से भी एसोफैगल ऐंठन की समस्या हो सकती है।
- इसोफेगल में किसी तरह की चोट या घाव भी गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लेक्स डिजीज (जीईआरडी) का कारण बनती है।
- कैंसर के लिए अन्नप्रणाली की सर्जरी Esophageal spasms का कारण बनती है।
- चिंता और अवसाद भी Esophageal spasms का कारण बनती है।
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जांच
एसोफैगल ऐंठन की जांच क्या है?
किसी व्यक्ति में एसोफैगल ऐंठन के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर जांच की सलाह देते है और Esophageal spasms होना सुनिश्चित करते है। एसोफैगल ऐंठन की जांच निम्न तरह से की जाती है –
- एसोफैगोगैस्ट्रोडोडेनोस्कोपी (EGD)
- एसोफैगल मैनोमेट्री
- एसोफैग्राम (बेरियम स्वेलो एक्स-रे)
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इलाज
एसोफैगल ऐंठन का इलाज क्या है?
ऐसोफैगल ऐंठन का इलाज निम्न तरह से किया जाता है-
1.डाइट –
यदि आप एसोफैगल ऐंठन की समस्या से पीड़ित है तो डॉक्टर आपको डाइट में जरूरी बदलाव करने की सलाह देते है। जिसमें ऐसे भोजन और पेय पदार्थों की पहचान करना जो एसोफैगल ऐंठन में ट्रिगर का काम करते है। Esophageal spasms के लिए बहुत गर्म, बहुत ठंडा, मंसालेदार भोजन, रेड वाइन आदि कई तरह के पदार्थ है जो ट्रिगर का काम करते है इसलिए इस तरह के भोजन से परहेज करें।
2.प्राकृतिक उपचार –
-Deglycyrrhizinated Licorice (DGL) भोजन से पहले या बाद में एक या दो बार लें यह ऐंठन को कम करने में मददगार है। DGL चबाने वाले टैबलेट और पाउडर के रूप में उपलब्ध है।
-पेपरमिंट ऑयल का सेवन करने से एसोफैगल ऐंठन में काफी आराम मिलता है। पेपरमिंट की गोलियों को चूसने या फिर पेपरमिंट ऑयल को पानी के साथ घोलकर पीने से एसोफैगल मांसपेशियों को आराम मिलता है।
3.जीवनशैली में परिवर्तन –
जीवनशैली में कुछ बदलाव करके भी ऐसोफैगल ऐंठन की समस्या को कम किया जा सकता है, जैसे-
- बहुत सारा भोजन एक साथ करने के बजाय थोड़ा-थोड़ा दिन में कई बार या सुविधानुसार खाएं।
- यदि आपका वजन बॉडी मास इंडेक्स की तुलना में ज्यादा है तो वजन कम करें।
- भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं।
- शराब का सेवन कम करें और धीरे-धीरे बंद कर दें।
- शाम के समय भोजन करने के बाद तुरंत सोने न जाएं।
- धूम्रपान बंद करें और आरामदायक कपड़े पहनें।
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4.दवाईयां –
-यदि आपको जीईआरडी की समस्या है तो डॉक्टर प्रोटॉन पंप इंहिबिटर या एच-2 ब्लॉकर लेने की सलाह दे सकते है। हालांकि रिसर्च में पता चला है कि लंबे समय तक प्रोटॉन पंप उपयोग करने से गुर्दे की समस्या हो सकती है।
-यदि आपको चिंता या अवसाद की वजह से एसोफैगल ऐंठन की समस्या हो रही है तो डॉक्टर आपको Antidepressants लेने की सलाह दे सकते है।
-इसके अलावा निगलने में मदद करने वाली मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के लिए डॉक्टर बोटोक्स इंजेक्शन और कैल्शियम ब्लॉकर्स लेने की सलाह दे सकते है।
5.सर्जरी –
यदि दवाओं और जीवनशैली में बदलाव करने पर भी पर्याप्त आराम नही मिल रहा है तो डॉक्टर एसोफैगल ऐंठन की समस्या से निजात दिलाने के लिए सर्जरी की सलाह देते है। इसमें निम्न दो तरह की सर्जरी की जाती है-
1.पेरोरल इंडोस्कोपिक मायोटॉमी (POEM)
यह एक न्यूनतम नुकसान पहुंचाने वाली प्रक्रिया है जिसमें सर्जन आपके मुंह के द्वारा एंडोस्कोप को आपकी अन्नप्रणाली में पहुंचाता है। इस प्रक्रिया में संकुचन को कमजोर करने वाली निचली मांसपेशियों को काटकर अलग किया जाता है।
2.हेलर मायोटॉमी (Heller Myotomy)
यह भी एक न्यूनतम नुकसान पहुंचाने वाली सर्जिकल प्रक्रिया है, इससे एसोफैगल ऐंठन उत्पन्न करने वाली मांसपेशियों को सर्जरी द्वारा ठीक किया जाता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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