परिभाषा
ओस्टियोमलेशिया (osteomalacia) क्या है?
हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी ओस्टियोमलेशिया( Osteomalacia) कहलाती है। ये समस्या विटामिन-डी की कमी के कारण होती है। ऑस्टियोमलेशिया के कारण हड्डियां नरम हो जाती है। फिर हल्का सा झटका लगने पर भी हड्डियां टूट जाती हैं। अक्सर ये बीमारी वयस्कों में फैक्चर का कारण बन जाती है।
ओस्टियोमलेशिया का नाम ऑस्टियोपरोसिस से मिलता हुआ लगता है लेकिन ये उससे अलग है।ऑस्टियोपरोसिस हड्डी के पतले होने का कारण बनता है।
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ओस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) कितना आम है?
ये समस्या केवल वयस्कों में होती है। बच्चों में इस बीमारी को रिकेट्स कहा जाता है। ओस्टियोमलेशिया महिलाओं में अधिक आम है और अक्सर गर्भावस्था के दौरान होती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
लक्षण
ओस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) के लक्षण क्या हैं?
ओस्टियोमलेशिया के सामान्य लक्षण हैं,
- हड्डियों का आसानी से टूट जाना
- मांसपेशियों की कमजोरी। जिस स्थान में मांसपेशिया हड्डियों से जुड़ी होती है, कमजोरी की वजह से चलने में समस्या हो जाती है।
- कूल्हों के पास दर्द होना भी इस बीमारी का लक्षण है। यह दर्द आपके कूल्हों से आपकी पीठ के निचले हिस्से, श्रोणि, पैर और पसलियों तक फैल सकता है।
- अगर आपके ब्लड में कैल्शियम का स्तर बहुत कम है, तो
- अनियमित हार्ट रिदम
- मुंह के आसपास सुन्न की स्थिति
- आपके हाथ और पैरों में सुन्नपन की स्थिति
- हाथ और पैरों में ऐंठन
हो सकता है कि आपको उपरोक्त में कोई लक्षण न दिखें, कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब देखना चाहिए?
अगर आपको कोई लक्षण दिखे या फिर कुछ शंका हो तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। डॉक्टर के साथ चर्चा कर समस्या का समाधान निकालना सबसे अच्छा विकल्प है।
कारण
ओस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) का क्या कारण है?
- ओस्टियोमलेशिया आमतौर पर विटामिन-डी की कमी के कारण होता है। विटामिन-डी शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो आपके पेट में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है।
- विटामिन-डी हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम और फॉस्फेट के लेवल को बनाए रखने में भी मदद करता है। हमें ये सूरज की रोशनी से मिलता है। इसे डेयरी उत्पादों और मछली जैसे खाद्य पदार्थों से भी प्राप्त किया जा सकता है।
- विटामिन-डी के निम्न स्तर का मतलब है कि आपके शरीर में कैल्शियम की प्रोसेस ठीक तरह से नहीं हो रही है। ये प्रक्रिया आपकी हड्डियों को संरचनात्मक रूप से मजबूत करने के लिए आवश्यक होती है। ये समस्या आहार के साथ ही ठीक से धूप न लेने के कारण भी हो सकती है।
अगर आपके पेट या छोटी आंत के कुछ हिस्सों को हटाने के लिए सर्जरी की गई है, तो भी ये समस्या आपको हो सकती है।
विटामिन-डी के अवशोषण में ये चीजें बाधा डालती हैं
- सीलिएक रोग आपकी आंतों की लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकता है और विटामिन-डी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के अवशोषण को रोक सकता है।
- कुछ प्रकार के कैंसर विटामिन-डी की प्रोसेसिंग में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
- किडनी या फिर लिवर की समस्या विटामिन-डी के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकते हैं।
- जिस आहार में फॉस्फेट शामिल नहीं होता है वो भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।
- फिनाइटोइन और फेनोबार्बिटल मेडिसिन का यूज इस समस्या के समाधान के रूप में कर सकते हैं।
रिस्क फैक्टर
ओस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) के लिए मेरा जोखिम कब बढ़ जाता है ?
ऑस्टियोमलेशिया का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो लोग विटामिन डी का अपर्याप्त आहार लेते हैं और सूरज की रोशनी भी नहीं लेते हैं। वृद्ध वयस्क और वे लोग जो घर का या अस्पताल में भर्ती हैं, उनके लिए इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
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निदान और उपचार
प्रदान की गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
ऑस्टियोमलेशिया का निदान कैसे किया जाता है?
ब्लड टेस्ट से ऑस्टियोमलेशिया या हड्डी के अन्य विकार के बारे में जानकारी मिलती है,
- विटामिन-डी की कमी
- कैल्शियम की कमी
- फास्फोरस की कमी
- आपका एल्केलाइन फास्फेट आइसोएंजाइन टेस्ट भी किया जाएगा। इसकी अधिकता बीमारी के संकेत को बढ़ा देता है।
- अन्य ब्लड टेस्ट से पैराथाइरॉइड हार्मोन के स्तर की जांच की जाती है। हार्मोन की अधिकता बीमारी की ओर संकेत करते हैं।
- एक्स-रे और अन्य इमेजिंग टेस्ट आपके पूरे शरीर में हड्डियों में छोटी दरार दिखाते हैं। इन दरारों को लूजर कहा जाता है। इसमें फैक्चर भी दिख सकता है।
- ऑस्टियोमलेशिया के निदान के लिए बोन बायोप्सी की आवश्यकता हो सकती है। छोटा नमूना लेने के लिए त्वचा और मांसपेशियों में, आपकी हड्डी के बीच एक सुई डाली जाती है। उस नमूने को एक स्लाइड पर रखा जाता है और एक माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है।
आमतौर पर, एक एक्स-रे और ब्लड टेस्ट से ही बीमारी का पता चल जाता है और हड्डी बायोप्सी आवश्यक नहीं होती है।
ऑस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) का इलाज कैसे किया जाता है?
यदि ऑस्टोमलेशिया का जल्दी पता चल जाता है, तो विटामिन डी, कैल्शियम या फॉस्फेट के सेवन से इसे ठीक किया जा सकता है।अगर आपको आंतों की चोट या सर्जरी के कारण इस बीमार के लक्षण दिखते हैं या आहार में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी है तो इसे इंजेक्शन के रूप में लिया जा सकता है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर आपको धूप खाने की सलाह दे सकता है।
अगर विटामिन डी मेटाबॉलिज्म किसी वजह से बिगड़ गया है तो आपको इलाज की जरूरत है। ऑस्टियोमलेशिया को कम करने के लिए लिवर सिरोसिस और किडनी की समस्या का इलाज कराना चाहिए। गंभीर स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
जीवनशैली में बदलाव या फिर घरेलू उपचार इस बीमारी को खत्म करने में मदद कर सकते हैं ?
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार ऑस्टियोमलेशिया से निपटने में मदद कर सकते हैं,
- विटामिन-डी युक्त आहार लें। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे तैलीय मछली (सामन, मैकेरल, सार्डिन) और अंडे की जर्दी को खाने में शामिल करें।
- इसके अलावा विटामिन-डी के साथ अनाज, रोटी, दूध और दही का सेवन करें। जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट भी लें सकते हैं।
- अगर आपको अपने आहार में पर्याप्त विटामिन और खनिज नहीं मिलते हैं या पोषक तत्वों शरीर में सही से अवशोषित नहीं हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से विटामिन डी और कैल्शियम की खुराक लेने के बारे में पूछें।
- सूर्य के संपर्क में आने से आपकी त्वचा को कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। ऑस्टियोमलेशिया को रोकने के लिए डॉक्टर से धूप की सही मात्रा लेन के बारे में जरूर पूछें।
अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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