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निदान
टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी का निदान
दौरे कैसे आए इसके बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने के बाद ही डॉक्टर टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी को डायग्नोस कर पाता है। इसके लिए किसी तीसरे व्यक्ति को पीड़ित के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी, क्योंकि जो हुआ उसके बारे में उसे ही सही तरीके से पता होता है, पीड़ित को तो कुछ याद ही नहीं रहता।
इसके साथ ही मस्तिष्क की MRI के जरिए टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी का निदान किया जाता है। डॉक्टर टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी से जुड़ी मस्तिष्क की असमान्यताओं की जांच करता है।
मस्तिष्क की इलेक्ट्रिकल गतिविधि की जांच के लिए डॉक्टर EEG टेस्ट भी करता है। इसमें कई बार डॉक्टर दौरे को विडियो EEG मॉनिटर में रिकॉर्ड करता है, खासतौर पर तब जब इसके उपचार के संबंध में निर्णय लेना हो।
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उपचार
टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी का उपचार
टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी के उपचार में शामिल हैः
दवाएं- टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी के उपचार के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टर आपको एक या अधिक दवाओं की अलग-अलग डोज कई महीनों तक दे सकता है।
डायट- इसके उपचार के लिए डॉक्टर डायट में भी बदलाव कर सकता है। कीटोजेनिक डायट की सलाह दी जाती है जिसमें फैट अधिक होता है और कार्बोहाइड्रेट कम। जिन मरीजों पर दवा का असर नहीं होता, उनके डायट में बदलाव किया जाता है।
सर्जरी- जब दवाओं के कई बार इस्तेमाल से भी स्थिति में सुधार नहीं होता या फिर दौरे का कारण ट्यूमर है तो आमतौर पर सर्जरी की जाती है। सर्जरी में टेम्पोरल लोब का एक हिस्सा निकाल दिया जाता है।
लेजर एब्लेशन- इस प्रक्रिया में डॉक्टर लेजर को गाइड करने के लिए MRI का इस्तेमाल करता है। यह लेजर टेम्पोरल लोब में सिजर्स के लिए जिम्मेदार स्कार टिशू के पास जाकर गर्मी से उसे नष्ट कर देता है।
इलेक्ट्रिकल ब्रेन स्टिम्यूलेटर्स- यदि दो या अधिक दवाओं से भी सिजर्स ठीक नहीं होता है और सर्जरी का विकल्प न हो तो नर्व स्टिम्यूलेशन डिवाइस एक अन्य विकल्प है। स्टिम्यूलेटर डिवाइस सिजर के विकास को कम करने के लिए मस्तिष्क को रुक-रुक कर इलेक्ट्रिक पहुंचाता है। एक अन्य तरह का स्टिम्यूलेटर है जसे रिस्पॉन्सिव न्यूरोसिटम्यूलेशन डिवाइस कहा जाता है, यह मस्तिष्क की तरंगों और गतिविधियों को मॉनिटर करता है और सिजर को बंद या कम करने के लिए इलेक्ट्रिक ब्रस्ट का इस्तेमाल करता है। यह डिवाइस खोपड़ी में प्रत्योरोपित कि जाती है।